सत्ता की प्रकोप से प्रताड़ित स्वामी रामदेव को अब विदेशों में भी प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है। योग गुरू बाबा रामदेव को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर ब्रिटिश सीमा शुल्क अधिकारियों ने पूछताछ के लिए 8 घंटे तक रोके रखा। योग गुरू लंदन में रविवार को स्वामी विवेकानंद पर होने वाले एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। आठ घंटे तक बिठाए रखने के बाद भारतीय समय के अनुसार देर रात एक बजे बाबा रामदेव को छोड़ दिया गया। बाबा रामदेव ने कहा मुझे आठ घंटे यहां क्या अष्टांग योग करवाया गया जब मेरे पास ऐसा कुछ था ही नहीं ? बाबा ने अपने सफाई में कहा कि मेरे पास एक ढेला भी नहीं है। एक डॉलर, एक रुपया भी नहीं। मैं रखता ही नहीं अपने पास। इनलोगों ने मेरी नोट बुक तक ले ली जिसमें लेक्चर्स के नोट्स बनाता हूं। रोके जाने का कोई कारण नहीं बताया।
जब स्वामी रामदेव से पत्रकारों ने पूछा ताछ के बारे में जानना चाहा तो उन्होने सीधे सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि सोनिया गांधी को कारण पता होगा। तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की क्या सोनिया गांधी कि विदेश दौरे पर स्वामी रामदेव द्वारा उठाए सवालों के जवाब में ऐसा किया जा रहा है। क्या ये कोई सोची समझी साजि़श का हिस्सा तो नहीं है? इस पूछ ताछ को लेकर एैसी आशंका जताई जा रही है। इस पूरे मामले पर स्वामी रामदेव के सहयोगी एसके तिजारावाला ने विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद को चिट्ठी लिख कर मामले में फौरन कार्रवाई की अपील की है। तिजारावाजा ने कहा कि योग गुरू को बेवजह बैठा कर रखा गया।
समारोह के आयोजकों का कहना है कि स्वामी रामदेव ने हिंदी और संस्कृत में लिखी कुछ किताबें लिए हुए थे जिसे लेकर उनसे पूछताछ की गयी है। खुद स्वामी रामदेव कहते रहे कि मै बचपन से लेकर आज तक कोई भी गलत या गैरकानूनी कार्य नहीं किए। मगर रामदेव की एक भी बात नहीं सुनी गई। बार- बार योग गुरू द्वारा पूछे जाने पर बताया गया कि आपके बारे में रेड अलर्ट है। लंदन में एयरपोर्ट पर पूछ ताछ नियमों के मुताबिक किसी को बिना किसी प्रमाण के तीन घंटे से जयादा बिठाकर नहीं रखा जा सकता है। सामान की जांच करने वाले ब्रिटिश सीमा शुल्क के अधिकारियों ने उनके उस डायरी को जब्त कर लिया जिसमें यूपीए सरकार के घोटालों के बारे में विस्तृत विवरण था। तो ऐसे में सवाल और प्रबल हो जाता है कि क्या ब्रिटिश अधिकारीयों द्वारा ये पूछ ताछ किसी भारतीय राजनेता के इशारे पर की गई। या फिर स्वदेशी उत्पादों को विदेशों तक पहुचाने और मल्टीनेशनल कंपनियों कि बिक्री कम होने के चलते रामदेव को निशान बनाया जा रहा है?
बीजेपी नेता केप्टन अभिमन्यु ने मामले में भारत सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। यहा सवाल भारत सरकार कि नरम रूख और विदेश मंत्रालय की चुप्पी को लेकर भी सवाल खड़ा होता है कि सरकार अब तक ब्रिटेन के राजदूत को बुला कर इसका कारण क्यों नहीं पूछा। भारत सरकार अपने नागरिकों और गणमान्य संतों के साथ हुए इस दुर्रबेवहार पर चुप क्यों है। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में एयरपोर्ट पर दो घंटे तक रोकने पर सड़क से लेकर संसद तक हो हल्ला मच जाती है। तो वही दुसरी ओर अमेरिका में सपा नेता आजम खान से पूछ ताछ पर देश में अल्पसंख्यक अस्मित्ता को लेकर लंबी चौड़ी बहस छीड़ जाती है। मगर आज एक संत पराये मुल्क में अपनी बेगुनाही का 8 घटे तक गुहार लगाता रहता है फिर भी हमारी सरकार मौन साधे रहती है। ऐसे में आजदेश ये सवाल कर रहा हैं कि बाबा रामदेव के साथ ये बदसलूकी क्यों ?
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