03 September 2013

साधू- संतों के खिलाफ ही साजिश क्यों होती है ?

देश में साधु संतो के खिलाफ हमेशा से ही साजिश होती रही है। आज बात चाहे आसाराम बापू कि हो या फिर कांची कामकोटि के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की। हर बार संत तो निराधार साबित हुए मगर साजिशकर्ता की नक़ाब जरूर उठ गई। आज ऐसी ही साजिश बापू जी के खिलाफ भी रची गई है। संत आसाराम खुद ये कह चुके है कि साधु-संतों को साजि़श के तहत लगातार बदनाम किया जा रहा है।  सिंध प्रान्त के नवाबशाह जिले के बेराणी गाँव में जन्मे पूज्य श्री बापू जी हिन्दुस्तान विभाजन के बाद अहमदाबाद आ कर बस गये। तब से लेकर अब धर्म के प्रचार प्रसार में अपना अपना जीवन समर्पित कर राष्ट्रसेवा में लगे हुए है। आज आसाराम बापू के मार्ग पर चलने वाले करोड़ों समर्थक पूरे विश्व में भगवान के तरह पूजते है।

आज ऐसे संत के उपर बलात्कार जैसे कलंक लगा कर पूरे संत समाज को शर्मशार करने कि साजिश हो रही है। तो सवाल भी खड़ा होता है कि ऐसे निराधार आरोप आज देश में सिर्फ संतों के उपर ही क्यों लगाई जा रही है। आखिर कौन सी एैसी ताकते है जो संतों के खिलाफ लगातार साजिश रच रही है? क्या ये हिन्दू धर्म को कमजोर करने की साजिश  है या फिर आगामी लोकसभा चुवान की वोट बैंक पोलिटिक्स।  हमेशा से साधु संतों के मार्ग पर चलने वाला देश अपने रास्ते से क्यों भटक रहा है, आज संत समाज को इस बात पर सोचने को सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। देश में इस्मालीकरण की आंधी हर ओर अपना पांव पसार रही है। ऐसे समय में साधु संतों के उपर लगाये गए आरोपों में किसी साजि़स से इंकार नहीं किया जा सकता है। आसाराम बापू ऐसी आशंका पहले ही जता चुके है कि मेडम और उनके सुपुत्र के इशारे पर ही उनके खिलाफ साजिश रची गयी है।

आसाराप बापू के उपर लगाये गए ये कोई पहला ऐसा वाक्या नहीं है, इससे पहले भी गुरुकुल के बच्चों पर तांत्रिक विद्या करने की आरोप लगा कर समाज को गुमराह किया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आश्रम में तांत्रिक विद्या होने की बात को नकार दिया। देश भर में संत अपमान का अभियान इस वक्त जोरो पर है हर ओर धर्मातरण कराने वाले ठेकेदार नक़ाब ओढ़े घूम रहे है, आज सही कारण है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शंकराचार्य दयानंद, स्वामी अमृतानंद जैसे संतों के अभियान को साजि़स के तहद खत्म करने के लिए इन्हे तरह- तरह के झूठे आरोपों में फसाया जा रहा है। रात को 12 बजकर 25 मीनट पर अपने आश्रम में सो रहे संत आसाराम बापू को पुलिस हिरासत में लेकर राजस्थान पुलिस और सरकार क्या देश में किसी नए अपालकाल को याद दिलाना चाहती है। तो कभी योग के माध्यम से विश्व को शिक्षा देने वाले स्वामी रामदेव को आधी रात को अनशन स्थल से उठा लेना इस बात का प्रतीक है कि आज देश में संतों की विचारधारा और उनके कार्यो को साजिश कि जाल में डाल कर बदनाम किया जा रहा है। हर यातना और प्रताड़ना का शिकार संत समाज के उपर डालने कि साजि़स क्या इसदेश की इस्लामीकरण कि ओर इशारा नहीं करता है। क्या ये भारत कि एकता और अखंण्डता के उपर खुला प्रहार नहीं है। इन सभी तथ्यों के बाद ये सवाल उभर कर सामने आता है की संतों के खिलाफ ही साजिश क्यों होती है ?

संत आसाराम बापू के समाजिक कार्य: 40 सालों चल रहे है आसाराम जी के प्रवचन। देश भर में 425 आश्रम है आसाराम जी बापू के। 1400 समिति देश भर में मौजूद है। 17000 बालसंस्कार केन्द्र चलाए जा रहे है। 50 गुरूकुल देश भर में मौजूद है। विश्वभर में करोड़ों समर्थक है आसाराम बापू के।

योग गुरू स्वामी रामदेव के समाजिक कार्य: दिव्य योग साधनाः स्वामी जी महाराज द्वारा विभिन्न रोगों के लिये बताये जाने वाले योग-उपचार तथा उनके भजनों पर आधारित भक्ति गीतांजलि व राष्ट्र वंदना की सी.डी.

योग संदेशः योग, आयुर्वेद, संस्कृति, संस्कार व अध्यात्म की संवाहक योग संदेश मासिक पत्रिका। दिव्य फार्मेसीः ऋषियों के प्राचीन ज्ञान एवं अत्याधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से उच्च गुणवत्तायुक्त आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण।

पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेडः शुद्ध, गुणवत्तायुक्त एवं वैज्ञानिक रुप से विकसित खनिज एवं वानस्पतिक उत्पादों के निर्माण ।

पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क लिमिटेडः फूड एवं हर्बल पार्क का निर्माण । लगभग 500 करोड रुपए की राशि से निर्मित। किसानों को उनकी उपजों का उचित मूल्य मिलेगा। इससे किसानों एवं देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इससे 15000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार प्राप्त होगा ।

गुरुकुल का संचालनः किशनगढ घासेडा में आधुनिक एवं प्राच्य विषय की शिक्षा प्रदान की जाती है।

श्री श्री रविशंकर के सामाजिक कार्य: वेद विज्ञान विद्यापीठ। श्री श्री सेंटर फार मीडिया स्टडीज। श्री श्री कालेज और आयुर्वेदिक साइंस एण्ड रिसर्च। श्री श्री मोबाइल एग्रीकल्चरल इनिसिएटीव्स। श्री श्री रूरल डेवलपमेंट ट्रस्ट।

तनाव निष्कासन कार्यक्रमः द आर्ट ऑफ लिविंग कई स्वयं के विकास के लिए तनाव निष्कासन कार्यक्रम का आयोजन करती है जो लोगों को जीवन की चुनौतियों का लातित्यपूर्ण रूप से सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। यह कार्यशाला में भाग लेने वालों को ऐसी निपुणता और तकनीकों से सज्जित किया जाता है जिससे उनके जीवन के स्तर में बढ़ावा होता है। इन अनूठे कार्यक्रमों का केन्द्र है सुदर्शन क्रिया, जो एक प्रभावशाली स्फूर्तिकारक श्वसन तकनीक है जो श्री श्री ने विश्व को उपहार में दी है। यह तकनीक भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक तंदुरूस्ती के लिए प्रमाणित है।

मानवता के लिए सेवाः द आर्ट ऑफ लिविंग एक बहु पक्षीय, बिना किसी लाभ वाली शैक्षिक और मानवतावादी गैर सरकारी संस्था है जो 140 देशों में मौजूद है। परम पूज्य श्री श्री रविशंकर द्वारा 1982 में संस्थापित द आर्ट ऑफ लिविंग विश्व की सबसे बड़ी स्वयंसेवी संस्था है।

महिला सशक्तिकरणः द आर्ट ऑफ लिविंग ने परिवारों, समुदायों और राष्ट्रों को कई सारी पहल के द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए उठाया है। इससे ग्रामीण महिला और कारागार और आपदा ग्रसित क्षेत्र पर केन्द्र विन्दु है। यह कार्यक्रम जिसमें रोजगार मूलक प्रशिक्षण और महिलाओं को जीवन में प्रवीणता, महिलाओं में आत्मविश्वास देना उनकी आर्थिक निर्भरता को कम करना और उनको समुदाय में नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करना जिससे फलतरू दूरदर्शी सामाजिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त होगा।

पर्यावरण की निरंतर स्थिरताः वैश्विक जलवायु का परिवर्तन का घातक खतरा भयबध्द हो गया है, इसलिए द आर्ट ऑफ लिविंग ने कई सम्पूर्ण और बहु पक्षीय पहल को किया है जिससे पर्यावरण की स्थिति निरंतरता की सुनिश्चित हो सके। इस पहल का उद्देश्य है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सक्रिय होना और ऐसे जीवनचर्या का अभ्यास जो उसे लालन पालन कर सके। सजगता और प्रभावी कार्यवाही के संयोजन से उसने कई जनआंदोलन की पहल करी है जिसका उद्देश्य पर्यावरण की निरंतर स्थिरता है जो संयुक्त राष्ट्र के सहस्रादी विकास का लक्ष्य है।

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