07 September 2013

बलात्कारी इसाई और मुस्लिम धर्मगुरूओं को सज़ा क्यों नहीं ?

मुगलिया शासक मुहम्मद बिन कासिम द्वारा 711 ई. में राजा दाहिर को हरा कर उसकी दोनों बेटियों का बलात्कार करने की घटना से सुरू हुई ये कुकृत्य हिन्दुस्तान की संस्कृति को नष्ट कर रही है। देश में लगातार बलात्कार की घटनाए हो रही है। मगर आज इन सब के बिच एक खास धर्म समुदाय के धर्मगुरूओं द्वारा जिस प्रकार से देश के अंदर इनके द्वारा बलात्कार करने कि संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है उसको लेकर कई अहम सवाल खड़े होने लगे है। कैथोलिक चर्च की पूर्व नन सिस्टर मैरी चांडी ने अपने आत्मकथा श्ननमा निरंजवले स्वस्तिस में पादरियों द्वारा किए गए दुराचार के बारे में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। अपनी आत्मकथा में उसने लिखा है कि पादरी ननों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। जब वह गर्भवती हो जाती हैं तो बच्चों को गर्भ में ही मार देते हैं। ऐसी प्रवृत्ति यहां लगातार बढ़ रही है।

इस खुलासे से ये बात पूरी तरह साफ हो जाती है की इसाई धर्मगुरूयों द्वारा ऐसे घटनाओं को लगातार अंजाम दिया जा रहा है। मगर यहा गौर करने वाली बात ये है कि ऐसे घटनाओं पर न तो कोई ख़बर दिखती है और ना ही कभी आसाराप बापू की तरह हो हल्ला मचता है। इन मुस्लिम और इसाई धर्मगुरूयों द्वारा किए गए तमाम ऐसे उदाहरण आज मौजूद है मगर अब तक इनके उपर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही है। ऐसे में, आईये हम आपको बताते है की आखिर कैसे इन मुस्लिम और इसाई धर्मगुरूयों द्वारा देष भर में बलात्कार के रिकार्ड बनाए जा रहे है। हम पहले सुरूआत करते है इसाई धर्मगुरूओं से,,,!

पंजाब के मोगा जिले में विक्षिप्त 22 वर्षीय दलित लड़की के साथ स्वयंभू पादरी प्रीतन मसीह ने बलात्कार किया। पादरी अब तक फरार है। तो वही हरियाण के जींद में पादरी ने छात्रों को पोर्न फिल्म दिखा कर बलात्कार करने कि कोशिश की मगर अब तक एफाईआर तक दर्ज नहीं हुई है। इंदौर के विजयनगर में एक पादरी रॉबर्टसन ने पूर्व जन्म की प्रेमिका बताकर एक महिला से बलात्कार किया। तो धर्मकोट इलाके में पादरी प्रीतम मसीह ने 18 साल की मंदबुद्धि लड़की के साथ बलात्कार किया। लोगों के दबाव के बाद चार अक्टूबर 2011 को आरोपी पादरी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कि गई थी। ऐसे में मीडिया का मौन, प्रशासन की नरमी और सरकार की अनदेखी अपने आप में कई अहम सवाल खड़े करते है।

प्रतापगढ़ जिले मे ईसाई मिशनरी के पादरी द्वारा एक एक युवती को चार महीने तक कमरे बंद रखा गया और उसके साथ दुराचार किया जाता रहा। बाद में लड़की ने भाग कर अपनी इज्जत बचाई, मगर अब तक पादरी को सजा नहीं मिल पाई है। तो वहीं श्री नगर थाने के पादरी बीजूमन ने शादी के बहाने 19 वर्षीय एक लड़की से अपने आवास पर बलात्कार किया। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया। साथ ही सिलीगुडी में 16 साल की छात्रा से पादरी जार्ज सैमुअल ने बलात्कार किया। ये सभी बलात्कार कि घटनाए पुलिस थाने में दर्ज है। फिर भी इस देश  में आज तक इनको कोई सजा क्यों नहीं दी गई। कोई सामाजिक संगठन आगे क्यों नहीं आए तो मतलब साफ है कि आज हमारी सरकार अपने मीडिया दोनों इन्हीं के हाथों में खेल रही है।

अब हम आपको बताते है कुछ बलात्कारी मुस्लिम धर्मगुरूओं के बारे में जो आज धर्म कि टोपी पहने भेडि़ए के रूप में घुम रहे है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ मस्जिद के मौलवी ने बलात्कार किया, मामला अभी कोर्ट में है। तो वही दुसरी ओर 15 साल की लड़की को दुष्कर्म और बंधक बनाने के रखने के आरोप में एक युवक को सिर्फ इसलिए बरी कर दिया गया क्योंकि मुस्लम लॉ में 15 साल की लड़की से शादी करने की अनुमती है। मुजफ्फरनगर जिले के बुढाना शहर में एक 11 वर्षीय बच्ची का अपहरण करने के आरोप में मुस्लिम धर्मगुरु को गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान एक मस्जिद के ईमाम अब्दुल रहीम ने बलात्कार करने की गुनाह कबूल कर ली। वही दुसरी ओर कश्मीर घाटी के बडगाम जिले में बच्चियों को पोर्न दिखाकर मौलवी गुलजार अहमद ने रेप किया। मौलवी को 5 लड़कियों के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।

अभी घटना थमी ही नहीं थी की एक सूफी धर्मगुरू दरवेश द्वारा 4 लड़कियों का यौन शोषण करने की घटना सामने आ गई। इन सभी तथ्य और घटनाओं के देखने के बाद ये सवाल खड़ा होता है कि इसाई और मुस्लिम धर्मगुरूओं को सज़ा क्यों नही ?

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