29 December 2013

2013 को किस लिए याद किया जाएगा ? अलविदा 2013 !

साल 2013 का अंत होने जा रहा है। इस साल में अच्छे और बुरे दोनों तरह की घटनाए देखने को मिली मगर 2013 को किस रूप में याद किया जाएगा ये एक बड़ा सवाल है। तो आइये एक नज़र डालते है इन घटनाओं पर। राजनाथ सिंह निर्विरोध रूप से भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष चुन गये तो वहीं कांग्रेस ने अपने युवराज राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया। मगर कुछ ही दिन बाद कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2013 में कांग्रेस ने बीजेपी को राज्य की सत्ता से बेदखल कर दिया। तत्कालीन रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे पर 90 लाख रिश्वत लेने का आरोप लगा। जिसके बाद रेलवे रिश्वतकांड में फंसे रेलमंत्री पवन बंसल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। साथ ही कोयला घोटाले की आंच ने कानून मंत्री अश्विनी कुमार को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया। कांग्रेस नेता रशीद मसूद को 22 साल पुराने मेडिकल भर्ती घोटाले में दिल्ली की एक अदालत ने चार साल की सजा सुनाई। लालू प्रसाद को रांची स्थित सीबीआई अदालत ने चारा घोटाला मामले में पांच साल कारावास की सजा सुनाई। फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं।

नरेंद्र मोदी को बीजेपी की चुनाव समिति का प्रमुख बनाने पर जेडीयू भाजपा का 17 साल का रिश्ता टूट गया। मगर सितंबर में बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनावों के लिए नरेंद्र मोदी को अपना पीएम कैंडिडेट घोषित कर दिया। तो वहीं दुसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने दो साल से ज्यादा सजा पा चुके सांसद और विधायकों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य और सदस्यता भी रद्द होने की फैसला सुना कर राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। इन सब उठा पटक बिच देश में पांच राज्यों के लिए हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। वहीं दिल्ली में पहली बार चुनावी मैदान में उतरी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाने में सफल रही। वहीं लोकपाल का इंतजार भी खत्म हो गया। आखिरकार नौ दिनों से चला आरहा अन्ना का अनशन रंग लाया और करीब 45 साल से लटका लोकपाल बिल संसद में 18 दिसंबर को पास हो गया।

2013 महज एक साल नहीं था ये वो वक्त था जो एक युग के गुजरने और दूसरे की शुरुआत का गवाह बना। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। मगर सबसे दुखद घटनाओं में से एक केदारनाथ में मची तबाही कभी ना मिटने वाले जख्म छोड़ गई। इस सब के अलावा साल 2013 कई बड़ी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का गवाह रहा। यूरोपीय देशों ने पाकिस्तानी किशोरी मलाला को सलाम किया। मलाला यूसुफजई को इस साल नोबेल पुरस्कार के लिए नॉंमिनेट किया गया। साथ ही सत्ता से बेदखल किए जाने के करीब 14 साल बाद नवाज शरीफ ने चुनाव जीता और तीसरी बार मुल्क के प्रधानमंत्री बने वहीं। वहीं पूर्व सीआईए कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने अमेरिका के इंटरनेट और टेलीफोन निगरानी कार्यक्रम का खुलासा करके दुनिया भर में तहलका मचा दिया। साथ ही रंगभेद के खिलाफ ऐतिहासिक संघर्ष करने वाले पूर्व दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला इस साल दुनिया को अलविदा कह गए।

साल 2013 बिजनेस की दुनिया में भारी उथल-पुथल का साल रहा। इस साल जहां महंगाई ने रुलाया, वहीं सोने की कीमतों ने लोगों को खुश भी किया। मगर डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट आई। प्याज और टमाटर की कीमतों ने सबको रुलाया। प्याज के दाम 100 रुपये किलो तक पहुंच गए। वहीं फिल्मों कि दुनिया में कृष 3 ने 240 करोड़ रूपये की कमाई कर धूम मचा दिया। तो वहीं चेन्नई एक्सप्रेस ने रिलीज होने के चार दिन के अंदर ही 100 करोड़ रुपये की कमाई किए लिए थे। साथ ही हिंदी सिनेमा ने अपने 100 साल पूरे किए। वसंत विहार गैंगरेप कांड के चार दरिंदों को साकेत अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। साथ ही बहुचर्चित मर्डर मिस्ट्री के मुख्य आरोपी और आरुषि के माता-पिता नूपुर तलवार और राजेश तलवार को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट ने दो व्यस्कों के बीच सहमति से बने समलैंगिक रिश्ते को अपराध करार दिया। साथ ही लिव इन रिलेषनषीप को बैध ठहराया। सुप्रिम कोर्ट ने लाल बत्ती पर सख्ती बरतते हुए आदेश दिया कि इसका इस्तेमाल सिर्फ संवैधानिक पद पर बैठे लोग कर सकते हैं।

मोबाईल कि दुनिया में इस साल एप्पल व सैमसंग के स्मार्टफोन ने मोबाइल के बाजार में धूम मचा दी और अधिकतम मुनाफा इन्हीं दोनों की झोली में गिरा। 2013 में कई कारें भी लॉन्च हुई। छोटे पर्दे की दुनिया में धारावाहिक महाभारत खुब सुर्खिया बटोरी वहीं जोधा अकबर बिवादों में रहा। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों की मदद से उग्रवादियों द्वारा भारतीय जवान का सिर काटने की घटना और धन देने के पूर्व सेना प्रमुख के आरोप जहां सुर्खियां बने। वहीं संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी दी गई। ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि 2013 को किस लिए याद किया जाएगा ?

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