22 June 2020

मेवात में इस्लामिक धर्मांतरण का खेल सदियों पुराना

मेवात में इस्लामिक धर्मांतरण का खेल सदियों पुराना है. 14 वीं शताब्दी में तुगलक वंश के समय मेवात के लोगों को जबरन मुस्लिम बनाया गया था. फिर मेवाती हिन्दू वर्षों तक अपनी पहचान को बचाने में सफल रहे. 1920 के बाद कई मजहबी संगठनों ने मेवातियों को जबरन हरे रंग में रंगना शुरू कर दिया. इनके दिमाग में ऐसे जेहादी जहर घोला गया की यहां के मुस्लिम पाकिस्तान की मांग का समर्थन करने लगे. यही कारण है की जब पाकिस्तान बना तो यहां के बहुत से मुस्लिम पाकिस्तान चले गए. मगर जो यहीं रह गये वो अब मेवात को ही पाकिस्तानबनाने में लगे हैं. यही कारण है कि अब मेवात को लोग मिनी पाकिस्तान भी कहने लगे हैं.

 

हरियाणा के मेवात को जेहादियों ने बंगलादेशबना दिया है। बंगलादेश में करीब 8 प्रतिशत हिन्दू रह गए हैं, यही स्थिति मेवात की भी हो गई है. 1947 में बंगलादेश में करीब 30 प्रतिशत और मेवात में भी लगभग 30 प्रतिशत हिन्दू थे. अब पूरे मेवात को पाकिस्तानकी शक्ल देने देने का प्रयास तेजी से हो रहा है.

आज हरियाणा के मेवात में हिन्दुओं के साथ वह सब कुछ हो रहा है जो बंगलादेश या पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ होता है. हिन्दू लड़कियों और महिलाओं का अपहरण, उनका मतान्तरण और फिर किसी मुस्लिम के साथ जबरन निकाह अब यहाँ के जहादियों का प्रमुख धंधा बन चुका है. मेवात के सभी 508 गांव लगभग हिन्दू-विहीन हो चुके हैं. किसी- किसी गांव में हिन्दुओं के दो-चार परिवार ही सिर्फ रह गए हैं. ऐसे में अगर अब भी शासन और प्रशासन समय रहते नहीं जागा तो फिर मेवात पूरे देश के लिए नासूर बन जयेगा.


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