महाराणा प्रताप जैसे प्रतापी योद्धा की ललकार से अकबर के किले की दिवारें हिल उठती थी.
महाराणा प्रताप ने ये प्रण लिया था कि वे अकबर का अधिपत्य कभी स्वीकार नहीं करेंगे.
प्रताप की वीरता के कारण मुगल अपने इस्लामिक साम्राज्य का ध्वज नहीं फहरा सके.
महाराणा प्रताप ने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मेवाड़ आजाद नहीं होगा, वो महलों को छोड़ जंगलों में निवास करेंगे.
महाराणा प्रताप ने घास की रोटी खायी मगर कभी भी मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की.
महाराणा प्रताप जितने वीर थे उतने ही पितृ भक्त भी थे. महाराणा प्रताप की मां हमेशा अपने पुत्र को युद्ध के लिए तैयार रखती थी.
महाराणा प्रताप ने इस्लामिक सत्ता को हमेशा चुनौती दी, साथ ही मेवाड़ को भारतीय हिन्दू सत्ता का केंद्र बनाये रखा.
मेवाड़ के महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं.
महाराणा प्रताप ने देश-धर्म और स्वाधीनता के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया.
अकबर ने नीति-अनीति सभी का सहारा लिया, मगर 30 वर्षों के लगातार प्रयास के बावजूद वह महाराणा प्रताप को बंदी नहीं बना सका.
महाराणा प्रताप जिस घोड़े पर बैठते थे वह घोड़ा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ घोड़ों में एक था.
महाराणा प्रताप 72 किलो का कवच पहनकर 81 किलो का भाला अपने हाथ में रखते थे.
भाला, कवच और ढाल-तलवार सहित हथियारों का वजन कुल 208 किलो था. 208 कीलो वजन उठाकर महाराणा प्रताप युद्ध लड़ते थे.
मुगलों की बेगमों को बंदी बनाने की बजाय महाराणा प्रताप ने उन्हें सम्मानपूर्वक उनके शिविर में वापस भेज दिया था.
महाराणा प्रताप ने अभूतपूर्व वीरता और साहस से मुगलों के दांत खट्टे कर दिए और अकबर के हजारों सैनिकों को मौत के घाट उतार दिए.
महाराणा प्रताप के सामने अकबर का पुत्र जहांगीर को भी मुंह की खानी पड़ी थी, जहांगीर युद्ध का मैदान छोड़कर भाग गया था.
महाराणा प्रताप ने भगवान एकलिंगजी की कसम खाकर प्रतिज्ञा ली थी कि जिंदगीभर उनके मुख से अकबर के लिए सिर्फ तुर्क शब्द ही निकलेगा.
महाराणा प्रताप ने ये भी प्रतिज्ञा ली थी कि अकबर को वे कभी अपना बादशाह नहीं मानेंगे.
अकबर ने महाराणा प्रताप को समझाने के लिए चार बार शांति दूतों को अपना संदेशा लेकर भेजा था.
मगर महाराणा प्रताप ने अकबर के हर प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था.
अकबर का सेनापति फरीद खां ने कसम खायी कि प्रताप के खून से मेरी तलवार नहायेगी, मगर महाराणा प्रताप ने उस सेनापति को पकड़ कर छोड़ दिया था.
महाराणा प्रताप ने अपना राज्य वापस जीत कर अकबर का घमण्ड चूर-चूर कर दिया.
No comments:
Post a Comment