वीर शिवाजी की धरती पर आज
एक ऐसी मर्दानी बिरंगना क्रांति की है जिसे आज तक न तो कोई सरकार कर पायी और ना
हीं कोई कोर्ट कचहरी. जी हाँ, आपने बिल्कुल सच सुना. हम बात कर रहे हैं हिन्दू
क्रांतिकारी करिश्मा भोंसले की. मुंबई के मानखुर्द इलाके में करिश्मा भोंसले ने
रोज सुबह लाउडस्पीकर पर अजान के खिलाफ अपनी अवाज उठाई है..हिन्दू युवती करिश्मा
भोंसले के घर के सामने ही मस्जिद है जहां रोजाना अजान से आसपास के इलाके की लोगों
का कान फटती थी.
तेज आवाज में होने वाली अजान
से पूरा इलाका त्रस्त था..मगर किसी ने कभी इसे बंद कराने के लिए कोई आवाज़ नही
उठाई...आखिकार आजान की कानफाडू भोपू को हमेशा के लिए बंद कराने के उदेश्य से करिश्मा
भोसले ने लाउडस्पीकर पर अजान करने पर आपत्ति दर्ज कराने पुरानी मस्जिद जा पहुंची...
मस्जिद के नामाजी करिश्मा की बात सुनने के बजाय...खुद इस क्रांतिकारी बिरंगना से
उलझ गये. मस्जिद के झंडाबरदार मुल्ले और इलाके के कट्टरपंथी मुस्लिम महिलाएं भी करिश्मा
भोसले के साथ कहासुनी करने लगी.
महाराष्ट्र नवनिर्माण
सेना के प्रमुख राज ठाकरे अजान और सड़कों पर नमाज को लेकर पहले ही विरोध जता चुके
हैं...महाराष्ट्र में नमाज को लेकर विरोध का ये कोई पहला ऐसा वाक्या नहीं है. इससे पहले सिंगर सोनू निगम लाउडस्पीकर
पर अजान करने को लेकर विरोध दर्ज करा चुके हैं.
लाउडस्पीकर पर अजान को
लेकर इस हिन्दू बिरंगना ने सामाज में नई चेतना जागृत की है...ऐसे में अब समय आगया
है की सभी राज्य सरकारें इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करे. साथ ही संविधान
के अनुच्छेद 21 में दी गई जीवन
जीने के अधिकार को केंद्र और राज्य सरकार कड़ाई ले लागू करे..ताकि किसी भी नागरिक
के जीवन में नामाजी आतंक का खौफ ना रहे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का विरोध किसी मुस्लिम संगठन ने नहीं किया था. लेकिन बावजूद इसके देश के हर कोने में आज भी मस्जिदों से बेरोकटोक लाउडस्पीकर पर अजान हो रही है. ऐसे में ये कहीं न कहीं कानून और संविधान दोनों का घोर उलंघन है.
साथ ही ये अदालत की खुली अवमानना भी है. अगर नामाजी आतंक पर राज्य सरकारें मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठ कर, कानफाडू भोपू पर प्रतिबन्ध नही लगाया तो देश की हर हिन्दू गली मोहल्ले से मर्दानी करिश्मा भोसले निकलेंगी.
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