चालबाज चीन अपने कुटिल रणनीति के तहत लंबे समय से भारत को घेर रहा है. पड़ोसी देशों को कर्ज देकर उनपर कब्जा बढ़ा रहा
है. चीन, भारत के पड़ोसी
देशों से समझौते करके एक के बाद एक लगातार भारत को चौतरफा घेर रहा है. पाकिस्तान
के अलावा श्रीलंका, म्यांमार, मालदीव
और बांग्लादेश समेत कई देश चीन के इशारों पर चल रहे हैं. पाकिस्तान पूरी तरह चीन के हाथों का
कठपुतली बन चुका है. चीन छोटे-छोटे देशों को अपना मोहरा बना रहा
है. कर्ज देने के बदले उनकी जमीन या दूसरे रिसोर्सेज पर कब्ज़ा करते जा रहा है. चीन-पाकिस्तान
इकोनॉमिक कॉरिडोर चाइना का अहम प्रोजेक्ट है. ये पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से
समुद्र के रास्ते चीन के झिंजियांग तक पहुंचने की एक बड़ी परियोजना है. 2 हजार 442 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के जरिए चीन
समुद्री रास्ते से पाकिस्तान की दूरी कम करना चाहता है. इसके जरिए कच्चे तेल,
नेचुरल गैस जैसी चीजों का ट्रांसपोर्ट करने की योजना बना रहा है.
चीन से प्रेरित माओवादी ताकतों ने अब नेपाल को भारत विरोधी घोषित कर दिया है. नेपाल जिसे एक बफर देश माना जाता था, वह अब भारत के खिलाफ चीन के बहकावे में आकर खड़ा हो रहा है. नेपाल चीन के वन रोड-वन बेल्ट प्रोजेक्ट में भी शामिल हो चुका है. चीन लंबे समय से इसके लिए एक जाल बिछा रहा है. नेपाल में बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए 18 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट शुरू किया हैं.
बांग्लादेश
को भी चीन लगातार भड़का रहा है. सत्तारूढ़ दल के
भारत समर्थक रुख के बावजूद, बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतों को
चीन मजबूत कर रहा है. बांग्लादेश पर 33 अरब डॉलर का कर्ज
होने का अनुमान है, ऐसे में वह भी अब चीन के कब्जे में आ चुका
है. चीन वहां बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट में 2 लाख 89 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है. वह बांग्लादेश के 3 बंदरगाहों का मॉर्डनाइजेशन के नाम भी कब्ज़ा कर चुका है. बांग्लादेश के दो
छोरों को जोड़ने वाली पद्मा नदी पर 6.5 किलोमीटर लंबा पुल
बनाने के लिए भी चीन अपना जाल बिछा चुका है.
मैत्रिपाल
श्रीसेना की सरकार पर भारत का असर था. मगर चीन के दबाव में महिंदा राजपक्षे की
सरकार ने चीन से बड़ा लोन लेकर हम्बनटोटा पोर्ट को 99 साल
की लीज पर दे दिया है. इसके अलावा श्रीलंका में एयरपोर्ट,
कोल पावर प्लांट और दो बड़े डेम सहित कई प्रोजेक्ट के लिए चीन 36
हजार 480 करोड़ रुपए का निवेश कर रहा है.
मालदीव में 38 से ज्यादा छोटे-बड़े द्वीप हैं जो हिन्द महासागर, अरब सागर और और बंगाल की खाड़ी से जुड़े हुए हैं. इसमें से 16 द्वीप को चीन लीज पर ले चुका है. चीन अगर इन द्वीपों पर कब्जा कर लेता है, तो वह भारत के व्यापारिक जहाजों के साथ-साथ नौसेना के काफिलों पर भी नजर रख सकता है. साथ ही युद्ध की स्थिति में इन द्वीपों पर अपने जहाज तैनात कर सकता है. चीन मालदीव में स्टोरेज डिपो भी बना रहा है. इस प्रकार चीन भारत को चौतरफ घेर रहा है.
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