मेवाती
हिन्दुओं की पलायन के पीछे तब्लीगी जमात का भी
बड़ा हाथ है. जमात का पहला जेहादी प्रयोगशाला मेवात के अन्दर 1927 में शुरू हुआ था. ब्रिटिश शासन में धर्म के आधार पर जब जनगणना
शुरू हुआ तो मियो समुदाय के मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर हिन्दू धर्म में घर वापसी
करने लगे. मियो समुदाय के मुसलमान हिन्दुओं राजपूत राजाओं के वंशज थे..और इनका
रहन सहन और रीति रिवाज़ हिन्दुओं का हीं था. मियो समुदाय के मुसलमान विदेशी मुस्लिम
आक्रमणकारियों द्वारा दबाव बना कर इस्लाम धर्म में जबरन शामिल कराएं गये थे.
मियो मुसलमानों के घर
वापसी से बौखलाए मौलाना मोहम्मद इलियास कंधालवी ने
1927 में मेवात के अन्दर जेहादी
प्रयोगशाला शुरू किया...जिसे आज आप तब्लीगी जमात के रूप में जानते हैं. मेवात में जमात के
पैर पसारने के कारण मियो मुसलमानों
के घर वापसी पूरी तरह से रुक गया. इसके बाद फिर मेवात में शुरू हुआ इस्लामिक
धर्मान्तरण का गन्दा खेल..जिसके कारण आज मेवात के 230 गांव हिन्दूविहीन हो गये
हैं.
आज तब्लीगी
जमात पूरी दुनिया में जेहाद की प्रयोगशाला बन चुका है.
17 नवम्बर 2011 को विकिलीक्स ने खुलासा करते हुए कहा था कि
तब्लीगी जमात की मदद से भारत में अलकायदा के नेटवर्क से जुड़े लोगों द्वारा रुपया
और वीजा हासिल किया जा रहा है.
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