मेवात का पूरा इलाका हरे रंग में रंग गया है. हथीन तहसील और राजस्थान के अलवर..भरतपुर
जिलों की कई तहसीलें भी मुस्लिम बहुल हो चुकी है. कई तहसीलों में इनकी आबादी 90 प्रतिशत से भी ज्यादा है.
मेवात के सभी तहसीलों में मुस्लिम आबादी पिछले चार दशकों के दौरान सबसे ज्यादा बढ़ी
है. 2011 के जनगड़ना की रिपोर्ट को माने तो यहाँ मुस्लिम
आबादी 62 प्रतिशत से बढ़कर अब 80 प्रतिशत तक हो गई है.
वहीँ भरतपुर की पहाड़ी तहसील वाले
मेवात की बात करें तो यहाँ पर मुस्लिम आबादी 1991
में 63 थी...जो आज बढ़ कर 83 प्रतिशत हो गई है. आजादी से
पहले यहाँ पर हिन्दू बहुसंख्यक थे मगर तबलीगी जमात ने जब अपना जेहादी आंदोलन का
प्रचार प्रसार शुरू किया तो यहाँ के हिन्दू आबादी के लिए खतरा मडराने लगा. और आज
हिन्दू यहाँ सबसे ज्यादा निशाने पर हैं.
2011 के जनगड़ना रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 91 लाख मुस्लिम आबादी सिर्फ मेवात के अन्दर है. अगर आकड़ें की बात करें
तो 81 प्रतिशत की दर से यहाँ पर मुस्लिम
आबादी बढ़ी है. वहीँ हिन्दू आबादी में सिर्फ 16
प्रतिशत की वृद्धि हुई है..जो कि मुस्लिम आबादी बृद्धि दर से काफी कम है. 2001 में यहां मुसलमानों की जनसंख्या 6.3 लाख से बढ़कर 9.1 लाख हो गई है. जबकि हिन्दू आबादी 1.8 से
बढ़कर 2.1 सिर्फ रह गई है.
राजस्थान के भरतपुर कामां तहसील में 3.5 लाख मुस्लिम आबादी हैं. यहाँ की आबादी
का 54 प्रतिशत से अधिक हिस्सा मुस्लिम बहूल है.
इस क्षेत्र में भी मुसलमानों की वृद्धि बहुत तेज़ी से हुई है. 2001-2011 के दौरान यहाँ पर मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी 48.4 थी...जो आज बढ़कर 54.2 प्रतिशत हो गई है.
अलवर जिले की अलवर और लछमनगढ़ तहसील भी मेवात क्षेत्र में आती है. इन दोनों
तहसीलों में मुसलमानों की हिस्सेदारी 16.6 और
24.9 प्रतिशत है. यहाँ पर कुल 1.88 लाख मुस्लिम आबादी है. 2001-2011 में, यहाँ मुसलमान 38.8
प्रतिशत बढ़े हैं, जबकि हिन्दू आबादी में सिर्फ 19.2 प्रतिशत की बृद्धि हुई बढ़े हैं. अगर मेवात क्षेत्र में चाइल्ड रेश्यो की बात करें तो हिन्दू बच्चों की आबादी यहाँ पर 15.9 है. जबकि मुसलमानों के बच्चों की
संख्या 24.6 है. ऐसे में पूरे रिपोर्ट की बात करें
तो अब मेवात... सीरिया और अफगानिस्तान से भी ज्यादा डरावना साबित हो रहा है. ये
रिपोर्ट जनसख्याँ नियंत्रण क़ानून के लिए काफी पुख्ता साबुत है. मगर फिर भी सरकारें
जान कर भी अनजान बनी हुई है.
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