उत्तर प्रदेश में पारिवारिक रंजिश का बदला लेने के लिए पहले एक परिवार के पुरुषों ने दूसरे परिवार की महिला के साथ गैंग रेप किया फिर इस गैंग रेप का बदला लेने के लिए पीड़ित महिला के पुरुष संबंधियों ने उक्त परिवार की महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया। सीरिया के अंदर भड़की विरोध की आग को दबाने के लिए सीरिया की सेना द्वारा विरोधी गुट में शामिल महिलाओं का ना सिर्फ बेहद अमानवीय तरीके से बलात्कार किया जा रहा है बल्कि उन्हें क्रूरतम तरीके से प्रताड़ित भी किया जा रहा है। नक्सलवादए जिसे भारत की आंतरिक सुरक्षा और शांति के लिए खतरा करार दिया जाता हैए उससे निपटने के लिए भी सरकारी नुमाइंदे नक्सली और माओवादी महिलाओं से निपटने के लिए उनका बलात्कार करते हैं या चीरहरण कर उन्हें सरेआम घुमाते हैं। इतना ही नहीं नक्सली भी सरकारी नुमाइंदों को मजा चखाने के लिए उनसे संबंधित महिलाओं को ही अपना शिकार बनाते हैं।
यह भले ही हालिया उदाहरण हों लेकिन प्राचीन काल में भी जब कोई आक्रमणकारी किसी राज्य पर अपना कब्जा कर लेता था तो वह उस राज्य को नीचा दिखाने के लिए सबसे पहले राज्य की महिलाओं पर ही धावा बोलता था। उसकी सेना घरों में घुसकर या फिर राह चलती महिलाओं को अगवाकर उनके साथ बलात्कार करती थी। यह भी देखा गया है कि हमारी क्षेत्रीय गालियां भी स्त्री अंगों और उनसे कथित रूप से जोड़ ली गई नातेदारियों से ही संबद्ध रहती हैं। विभिन्न प्रकार के वाद.विवाद में जनसामान्य के बीच एक.दूसरे से नाता जोड़ने की भी बात सुनी जा सकती है।
यह भले ही हालिया उदाहरण हों लेकिन प्राचीन काल में भी जब कोई आक्रमणकारी किसी राज्य पर अपना कब्जा कर लेता था तो वह उस राज्य को नीचा दिखाने के लिए सबसे पहले राज्य की महिलाओं पर ही धावा बोलता था। उसकी सेना घरों में घुसकर या फिर राह चलती महिलाओं को अगवाकर उनके साथ बलात्कार करती थी। यह भी देखा गया है कि हमारी क्षेत्रीय गालियां भी स्त्री अंगों और उनसे कथित रूप से जोड़ ली गई नातेदारियों से ही संबद्ध रहती हैं। विभिन्न प्रकार के वाद.विवाद में जनसामान्य के बीच एक.दूसरे से नाता जोड़ने की भी बात सुनी जा सकती है।
ऐसे हालातों में प्रश्न यह उठता है कि आखिर इज्जत का ठीकरा महिलाओं के सिर फोड़कर हम क्यों उन्हें पुरुषों का शिकार बनने देते हैंघ् इस मुद्दे पर बुद्धिजीवियों का दो वर्ग अलग.अलग राय रखता है। बुद्धिजीवियों का एक वर्ग तो यह स्पष्ट कहता है कि सामाजिक मानसिकता के अनुसार महिलाओं को ही घर और परिवार की इज्जत कहा जाता है। इसीलिए जब किसी व्यक्ति को परिवार पर आघात करना होता है तो वह उसकी ष्इज्जतष् यानि महिला को ही अपना निशाना बनाता है। पारिवारिक कलह और रंजिश का बदला लेने के लिए महिलाओं के साथ ही यौन हिंसा की जाती हैए क्योंकि महिला ही परिवार की कथित इज्जत है। इस वर्ग में शामिल लोगों का कहना है महिलाओं के प्रति हो रहे ऐसे अपराधों के लिए जिम्मेदार काफी हद तक उनके सिर मढ़ी गई इज्जत ही है।
वहीं बुद्धिजीवियों के दूसरे वर्ग में शामिल लोगों का स्पष्ट कहना है कि यद्यपि महिलाओं के प्रति हो रहे ऐसे अत्याचार बेहद दुखद हैं लेकिन इनका संबंध परिवार या समाज की इज्जत से ना होकर उनकी कमजोर शारीरिक अवस्था से है। पुरुष अपनी भड़ास निकालने के लिए महिलाओं को इसीलिए निशाना नहीं बनाते क्योंकि वे परिवार की इज्जत हैं बल्कि उन्हें इसीलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि वे शारीरिक रूप से कमजोर होती हैं और उन्हें आसानी से दबाया जा सकता है। पुरुषों द्वारा पुरुषों पर अत्याचार इसीलिए कम किया जाता है क्योंकि समान ताकत की बात हो जाती है।
इसीलिए वे परिवार या समाज की महिलाओं पर ही अपना रोष निकालते हैं। वहीं ऐसा करने का दूसरा कारण यह भी है कि महिलाओं को निशाना बनाने से उनसे संबंधित पुरुष टूट जाते हैंए मानसिक रूप से कमजोर पड़ जाते हैं जो अपने आप में एक अचूक हथियार है। पुरुषों द्वारा महिलाओं को बस इसीलिए निशाना नहीं बनाया जाता क्योंकि वे उन्हें इज्जत मानते हैं बल्कि इसलिए बनाया जाता है क्योंकि वे परिवार की सबसे कमजोर हिस्सा होती हैं जिन पर वार करना आसान होता है।
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