लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और
पत्रकार मेहर तरार में दो गहरे इत्तेफाक हैं। पहला इत्तेफाक यह है कि मेहर
तरार और हाफिज सईद दोनों की पैदाइश पाकिस्तान के सरगोधा जिले में हुई है।
दूसरा यह कि दोनों अब लाहौर में रहते हैं। इन दो इत्तेफाक के अलावा दोनों
में तीसरा कोई इत्तेफाक शायद न हो। जिस सरगोधा में दोनों का जन्म हुआ है
उसे पाकिस्तान में बाझ का शहर कहा जाता है। ऐसे बाझ जो झपट्टा मारकर शिकार
करते हैं और आकाश में ऊचें उड़ जाते हैं। सरगोधा के हाफिज सईद को कौन नहीं
जानता लेकिन वहीं पैदा होनेवाली मेहर तरार इस वक्त जिस विवाद के कारण चर्चा
में आई हैं उसके पीछे भी यही झपट्टामार कारण जिम्मेदार है।
अपने खुलेपन के कारण भारतीय राजनीति में चर्चित हुए पूर्व
संयुक्त राष्ट्र डिप्लोमेट शशि थरूर भारत आने के बाद जिस एक बात के कारण
विवादास्पद बने और अपनी मंत्री की कुर्सी तक गवां दी, वह थी उनकी मोहब्बत।
तलाकशुदा शशि थरूर की तलाकशुदा सुनंदा पुष्कर से प्रेम के किस्से मीडिया ने
कुछ इस तरह से उछाले कि कांग्रेस ने उनका मंत्रीपद वापस ले लिया और घर
बिठा दिया। उस वक्त भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी तक ने शशि सुनंदा संबंधों पर
कसीदे पढ़े थे जिसके जवाब में शशि सुनंदा ने मोदी को प्यार की कीमत समझा दी
थी।
समय बीतने के साथ विवाद भी खत्म हो गया और शनि सिंगणापुर में शनि दर्शन
के बाद दोनों ने शादी कर ली। जल्द ही शशि थरूर को मंत्री पद वापस मिल गया
और इस बार उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दे दिया
गया। शनि देव के दर्शन के साथ ही शशि थरूर के सारे संकट खत्म हो गये। हो
सकता है किसी पंडित ने दोनों को शनि दर्शन के बाद ही शादी करने का सुझाव
इसलिए दिया हो कि आनेवाले दिनों में शशि सुनंदा के जीवन में पहले की तरह
फिर से अलग होने का कोई कारण न पैदा हो लेकिन शादी के तीन साल भी नहीं बीते
थे कि "संकट" शशि सुनंदा के जीवन में समाने लगा। 22 अगस्त 2010 को दोनों
ने केरल में हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार शादी कर लिया और सात जन्मों के
लिए एक दूसरे के हो गये लेकिन तीन साल के भीतर ही शशि सुनंदा के बीच
'सरगोधा' का दखल बढ़ने लगा।
जैसा कि खुद मेहर तरार दावा कर रही हैं कि शशि थरूर से उनकी पहली
मुलाकात दिल्ली में अप्रैल 2013 में हुई थी और इसके कुछ ही महीने बाद जून
2013 में उन दोनों की दोबारा मुलाकात दुबई में हुई जहां शशि थरूर ने उनसे
साहित्यिक मदद भी मांग ली थी। मेहर न सिर्फ एक तेजतर्रार लेखिका हैं बल्कि
पाकिस्तान में रहते हुए भी आधुनिक और सेकुलर सोच वाली जेहादी महिला हैं।
पाकिस्तान के कुछ अखबारों में कॉलम लिखनेवाली मेहर पाकिस्तान के कट्टरपंथ
पर करारा हमला करने के लिए जानी जाती हैं और अब अपने 14 साल के बेटे के साथ
अकेली जिन्दगी जी रही हैं। सेमिनारों और संगोष्ठियों में भारत और नेपाल
आती जाती रहती हैं। अप्रैल में शशि थरूर से मिलने से पहले दोनों एक दूसरे
को ट्विटर पर मिल चुके थे।
मेहर तरार हालांकि थरूर की तरह ट्विटर स्टार नहीं हैं लेकिन वे इस सोशल
मीडिया का जमकर इस्तेमाल करती हैं। करीब पच्चीस हजार फालोवर के साथ ट्विटर
पर मौजूद मेहर ने अब तक कुल 42 हजार से अधिक ट्वीट किये हैं। जाहिर है,
उनके निजी जीवन में इस सोशल साइट का बहुत अहम रोल है। एक निजी टीव चैनल से
बात करते हुए उन्होंने इसे स्वीकार भी किया कि शशि सुनंदा विवाद के बीच
उन्हें जो कुछ कहना है वे सार्वजनिक रूप से अपने ट्विटर एकाउण्ट पर कह भी
रही हैं। ट्विटर पर भले ही शशि थरूर की हैसियत बहुत बड़ी हो लेकिन मेहर के
फालोवरों में उनका नाम भी शामिल है। मेहर कहती हैं कि पहले उन्होंने शशि
थरूर को फालो किया था, बाद में शशि थरूर ने उनको फालो करना शुरू कर दिया।
और यही से दोनों एक दोनों के नजदीक आने शुरू हो गये। हो सकता है आफलाइन
दुनिया में जीनेवाले लोग इस बात को बहुत संजीदगी से न समझ सकें लेकिन सोशल
मीडिया में करीब आने का यह सिलसिला बहुत चौंकानेवाला नहीं है। और शायद यही
कारण है कि मेहर जब भारत आईं तो वे शशि थरूर से मिलने उनके दफ्तर गईं और जब
शशि थरूर दुबई गये तो मेहर की उनसे वहां भी मुलाकात हुई।
लेकिन इस मेल मुलाकात का उस सुनंदा पर बहुत अच्छा असर नहीं हुआ जो पहले
शशि थरूर की मोहब्बत बनीं, फिर पत्नी। सुनंदा पुष्कर की बेचैनी कितनी अधिक
रही होगी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने ही पति
का ट्विटर एकाउण्ट हैक करके उस पर मेहर के लिए आईएसआई एजंट लिख दिया। निजी
जीवन की इस सार्वजनिक लड़ाई में सुनंदा के सामने आने के बाद सरगोधावाली
मेहर भी अपने ट्विटर एकाउण्ट पर एक्टिव हो गईं और देखते ही देखते लगभग अनाम
सी कॉलम राइटर पूरे सोशल मीडिया के लिए चर्चा का विषय बन गया। अब लाहौर
में रहनेवाली मेहर ने खुद मोर्चा संभाल लिया और बहुत बिंदास तरीके से वह
सारे रहस्य सार्वजनिक करने शुरू कर दिये जो सुनंदा शशि के संबंधों में आई
दरार को और अधिक चौड़ा कर सकता है।
हालांकि शशि सुनंदा ने मेहर को अपने वैवाहिक जीवन के लिए कोई खतरा नहीं
माना है लेकिन शशि थरूर के इस ताजा प्रेम प्रसंग से एक बार वे फिर उसी तरह
चर्चित हो गये जिस तरह से सुनंदा से प्रेम के कारण चर्चित हुए थे। इस बार
मंत्री पद पर वैसा खतरा तो नहीं दिखाई देता क्योंकि अब चुनाव में ही चार
महीने बचे हैं लेकिन अंग्रेजी साहित्य में अपने फिक्सन के कारण चर्चित शशि
थरूर के रियल लाइफ की जिन्दगी भी किसी फिक्सन से कम नहीं रह गई है।
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