पालघर घटना में हुए वीभत्स घटना के बाद भी देश में साधु-संतों की
हत्या थमने का नाम नहीं ले रही है. पहले पालघर हुआ और फिर पंजाब में संतों की
हत्या हुई और फिर उसके बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में संतों की हत्या. एक के
बाद एक हुई संतों के साथ वारदात की घटना थमने को नाम नहीं ले रही है. इसे में एक
सवाल खड़ा होने लगा है की क्या संतों की हत्या के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है.
पालघर की घटना के कुछ ही दिन बाद बुलंदशहर के संत जगदीश दास और सेवादास
की निर्मम हत्या कर दी गई थी मगर इस मामले में भी अबतक न्याय नहीं होपाया है. 18 अक्टूबर 2019 को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष
कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. तब भी यही सवाल खड़ा हुआ था की क्या
देशभर में हिंदूवादी लोगों और संतों के पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है. 31 मई 2020 को उत्तर प्रदेश के जालौन में ही रामऋषि मेहरोत्रा को बुरी तरीके से
पीटा गया था. उपचार के दौरान 7 जून को रामऋषि मेहरोत्रा की मौत हो गई
थी.
देश में साधु संतों की हत्या कोई नई बात नहीं है
देश में सेक्युलर जमात, ईसाई मिशनरियां जिहादी ताकतें हमेशा से हीं साधु-संतों को
अपना निशाना बनाते रहे हैं. 7 नवंबर 1966 के दिन इंदिरा गांधी ने गोवध-निषेध हेतु संसद भवन का
घेराव करने वाले 5000 साधुओं-संतों को गोलियां चलवाई थी. उस वक्त कई संत मारे गए
थे. आज़ाद भारत में ये संतों की हत्या का सबसे बड़ा और नृशंस हत्याकांड थी.
मुलायम सिंह की सरकार ने भी संतों पर
बर्बरता दिखाई थी. बात चाहे 30 अक्टबूर, 1990 को कारसेवकों पर गोलियां की हो या
फिर. लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे पुलिस पर लाठियां बरसाने की हर बार सत्ता की सह पर
सातों की हत्या हुई है. देश में अब भी लगातार संतों की हत्या जारी है मगर सत्ता और
शासन अब भी मूकदर्शक बना बैठा है.
देशभर में साधुओं की हत्या
19 अप्रैल 2020 को महाराष्ट्र के पालघर में जूना
अखाड़े के दो साधुओं की पीट-पीटक हत्या कर दी गई.
28 अप्रैल 2020 को बुलंदशहर में संत जगदीश दास और
सेवादास की निर्मम तरीके से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई.
2 फरवरी 2020 को लखनऊ के हजरतगंज में हिंदूवादी नेता रणजीत बच्चन की बाइक सवार
बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
18 अक्टूबर 2019 को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष
कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई.
24 जनवरी 2020 को बिहार के वैशाली जिला में बजरंग दल के हिंदूवादी नेता की गोली
मारकर हत्या कर दी गई.
9 अक्टूबर 2019 को मध्यप्रदेश के मंदसौर में
हिंदूवादी नेता और केबल नेटवर्क के संचालक युवराज सिंह चौहान की बदमाशों ने गोली
मार कर हत्या कर दी.
31 मई 2020 को उत्तर प्रदेश के जालौन में संघ नेता रामऋषि मेहरोत्रा को बदमाशों
ने बुरी तरीके से पीटा था,
उपचार के दौरान 7 जून को रामऋषि मेहरोत्रा की मौत हो
गई.
13 जुलाई 20 को पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में हिन्दू समर्थक भाजपा विधायक
देबेंद्र नाथ रे को फांसी पर लटका कर हत्या कर की गई.
13 अक्टूबर, 2019 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में
कट्टर हिन्दू नेता धारा सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
8 अक्टूबर, 2019 को उत्तर प्रदेश के देवबंद में
हिंदूवादी नेता और किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष चौधरी यशपाल सिंह की गोली मारकर
हत्या कर दी गई.
16 सितम्बर 2019 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले
में आरएसएस कार्यकर्ता पकंज की हत्या हत्या कर दी गई.
17 अक्टूबर 2017 को पंजाब के लुधियाना में RSS कार्यकर्ता रवींद्र गोसाईं को शाखा से लौटते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी
गई.
10 अक्तूबर 2019 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के नेता बंधु प्रकाश पाल की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई.
No comments:
Post a Comment