18 October 2022

मस्जिद पर हमले की फर्जी कहानी का भंडाफोड़, बकरी बांधने की जगह दी तो मोहल्ला बसा दिया, गुरुग्राम से लैंड जिहाद की पूरी कहानी।

हरियाणा के गुरुग्राम में मस्जिद पर झूठी हमले की खबर को लेकर गलत ख़बरें फैलाई गईI नमाजियों से मारपीट करने, मस्जिद में तोड़फोड़ करने के के नाम पर लैंड जिहाद को खुला समर्थन दिया गयाI इस पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग देकर सरपंच के स्थानीय चुनाव में वोट का फसल काटने के लिए पूरे माहौल को कुछ सरारती तत्वों ने पूरे इलाके में माहौल को तनावपूर्ण बना दियाI

गुरुग्राम के पटौदी कस्बा में पड़ने वाले गांव भोड़ाकलां में कुछ वर्ष पहले तक यहां नाम मात्र के मुसलमान रहते थेI स्थानीय हिन्दुओं ने पशुओं को बांधने के लिए मौखिक रूप से अपनी जमीन दी..तो कुछ हीं दिन में मुसलामानों ने लैंड जिहाद कर मजार बना दियाI इसे कुछ सेक्युलर जमात के लोगों ने मस्जिद बता कर मुसलमानों के समर्थन में उतार आएI

मगर सच्चाई ये है कि यहां न तो कोई मस्जिद है और ना पहले से कोई मस्जिद थीI मगर धीरे-धीरे लैंड जिहाद करके पशु बांधने की जगह पर मज़ार बना दिया गयाI 2013 में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी हुआ थाI SDM की मौजूदगी में जिस सहमती पत्र पर आम राय बनी थी, उसमे स्पस्ट रूप से लिखा है कि कोई मौलवी यहां नहीं आएगाI

मगर सहमती पत्र की शर्तों को तोड़ पर मुसलामनों ने नमाज़ पढ़ना शुरू कर दियाI जब इस बात का विरोध हिन्दुओं ने किया तो..इसे साम्प्रदायिक रंग देकर मुसलामनों ने मस्जिद पर हमला बता दियाI

मामले को कुछ मुस्लिम परस्त मीडिया हाउस और पत्रकारों ने गलत तरीके से रिपोर्टिंग की जिसके बात माहौल तनावपूर्ण हो गयाI ये मुद्दा अब सुर्ख़ियों में बना हुआ हैI


                         SDM को दी गई लिखित चिट्ठी

 

जिस स्थान पर फर्जी मस्जिद बताया जा रहा है उसको लेकर 2013 में SDM को एक लेटर दिया गया था जिसमें दोनों पक्षों के लोगों ने हस्ताक्षर के साथ स्वीकार किया था कि यहां पर गांव से बाहर के लोग नमाज पढ़ने नहीं आएंगे और कोई भी बाहरी मौलवी नहीं रखेगें।

मगर यहां पर बाद में जिहादियों ने नमाज़ पढ़ने के बाद अवैध मज़ार और ऊपर की तरफ़ एक फ़्लोर भी बना दिया। SDM को दिए लिखित पत्र में क्या कहा गया था आईये आपको विस्तार से यहां पर बताते हैं।

“आज दिनांक 23.8.2013 को उप मण्डल अधिकारी पटौदी के कार्यालय में उपस्थित लोगों, सर्व श्री नेपाल सिंह पुत्र श्री भरत सिंह, योगन्द्र चौहान, आन्नदपाल, औमपाल पुत्र करण सिंह, मेदखान पुत्र डुडियां, बाबूलाल पुत्र बुद्धराम, नजर मोहम्मद पुत्र जफरखान अन्य मौजिजान लोगों ने आश्वासन दिया कि मेदखान के मकान के अन्दर एक कमरा है जिसको वह अपने व्यक्तिगत नागज के लिए इस्तेमाल करते है। यहां इस बारे उन्होने आश्वासन दिया कि वहां पर गांव से बाहर के लोग नमाज पढ़ने नहीं आयेगें और मोलवी भी नहीं रखेगें। इस कमरे में हिन्दु समाज के लोग कोई प्रसाद आदि नहीं चढ़ायेगे। जो पीर बाबा की मजार के रास्ते में जो शौचालय व सिढ़िया व मजार के उपर जो कमरा है उन्हें हटा लिया जायेगा और जो भी बदलाव, तरमीम होगी इन निम्न लिखित व्यक्तियों की देख-रेख में होगी, जैसे महेश कुमार पुत्र भरत सिंह, योगेन्द्र पुत्र आन्नदपाल सिंह व नेपाल पुत्र भरत सिंह, औम पाल पुत्र करण सिंह, नजर मोहम्मद पुत्र जफरखान, बाबूलाल पुत्र बुद्धराम, आश मोहम्मद पुत्र अली मोहम्मद। यह भी उपरोक्त सभी व्यक्तियों ने उपरोक्त फैसले की सहमति प्रकट की और आश्वासन दिया कि कोई भी व्यक्ति आपसी भाईचारे और शान्ति को भंग करने की कोई कोशिश नहीं करेगा। गांव के उपस्थित सभी लोगों ने इस फैसले पर अपनी पूर्ण रूप से सहमति प्रकट की है। उपरोक्त फैसला माननीय उप मण्डलाधीश पटौदी, सहायक पुलिस आयुक्त पटौदी, तहसीलदार पटौदी, नायब तहसीलदार पटौदी, थाना प्रबन्धक बिलासपुर आदि की उपस्थिति में हुआ।

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