08 October 2022

क्या लोग मुस्कुराना भूल गए हैं, क्या नकली मुस्कान का जमाना है ? विश्व मुस्कान दिवस पर विशेष लेख I

इंसान का चेहरा उसके दिल का आईना होता है. जो दिल में है वो चेहरे पर दिखता है और अगर उस चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाए तो कहने ही क्या. किसी ने ख़ूब कहा है 'मुस्कुराहट चेहरे का आईना है.' कभी-कभी इंसान का दर्द भी मुस्कुराहट बन कर चेहरे पर आ जाता है, तो कभी यही मुस्कुराहट किसी की खुशी की वजह बन जाती है. एक बच्चे की मुस्कुराहट हमारी सारी चिंताओं को कुछ पलों के लिए दूर कर देती है. और एक आशिक़ के लिए उसके प्रेमिका की मुस्कान भी बहुत कुछ बता देती है. 

 

हरेक मुस्कान को पढ़ना आसान नहीं. लेकिन झूठी मुस्कान को बहुत आसानी से पढ़ा जा सकता है. कहते हैं जब हम दिल से मुस्कुराते हैं तो हमारी आंखें भी मुस्कुराती हैं. लेकिन जब हम झूठ मूठ का मुस्कुराते हैं, तो, आंखें हमारा साथ नहीं देती. हम जिन लोगों से हर रोज़ मिलते हैं, उनके चेहरे का आकार और हावभाव हमारे ज़हन में एक गहरी छाप छोड़ देते हैं. जब उस चेहरे पर झूठी मुस्कान तारी होती है तो हम उसे भांप लेते हैं.

 

बहरहाल मुस्कुराना जिंदा दिली की पहचान है. इसलिए जब भी मुस्कुराहट आए तो उसे रोकिए नहीं. बल्कि दिल खोलकर हंसिए मुस्कुराइए. मुस्कुराने से मन प्रसन्न होता है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है. किसी भी व्यक्ति को तनाव मुक्त करने में मुस्कान बहुत सहायक साबित होती है. मुस्कुराने से उत्साह बढ़ता है और मन में सकारात्मकता जागृत होती है.

 

वहीँ मुस्कुराने से शरीर से एंडोर्फिंस निकलता है जो प्राकृतिक रूप से एक दर्द निवारक का काम करता है. ऐसे में दर्द के समय में मुस्कुराना आपको थोड़ी राहत दे सकता है. मुस्कान खूबसूरती बढ़ाने में भी सहायक होता है. साथ हीं मुस्कुराने से चेहरे की मसल्स की एक्सरसाइज होती है और मुस्कुराने से त्वचा में कसाव आता है और चेहरे पर असमय झुर्रियां नहीं पड़ती. इसलिए आप भी विश्व मुस्कान दिवस पर मुस्कुराईये.

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