आज चारों तरफ कुछ भटके हुए भोले-भाले लोग सांता बने घूम रहे हैं. मगर
उन्हें ये नहीं पता कि आखिर ये सांता कौन है? और इसका ईसा मसीह से कोई संबंध नहीं है. मगर फिर भी कुछ
लोग सनातन परंपरा और रीती-रिवाजों को कानून के ताक पर रख कर हिन्दुस्थान में
क्रिसमस के रंग में रंगने से बाज़ नहीं आरहे हैं. ऐसे में आज हम सांता का पोल खोलने
जा रहे हैं जिससे आप भी अबतक अनभिज्ञ हैं.
ईसाई धर्म में सांता क्लॉज़ असल में कौन थे ये किसी
को नहीं पता. मगर इसकी सच्चाई ये है की ये दरअसल ये सिर्फ एक काल्पनिक पात्र है. भ्रमित
धारणाओं के मुताबिक संत निकोलस को सांता क्लॉज़ कहा जाता है. आज से कुछ वर्ष पहले
एक आम इंसान निकोलस हुआ करता था. जिसकी ईसाई धर्म में गहरी रूचि थी. कुछ किंवदंतियों के अनुसार निकोलस अपनी पहचान
दिखाना पसंद नहीं करता था. इसलिये वो रात को गिफ्ट बांटने के बहाने घूमता था और
लोगों को भ्रमित करता था. संता क्लॉस नॉर्थ अमेरिका में रहता था. मगर इसकी भी कोई अधिकारिक
पुष्टि आजतक किसी ने नहीं की.
कुछ लोगों का मानना है कि सांता ने शादी भी की
थी और जिसकी पत्नी जेसिका थी, मगर सांता क्लॉस के माता पिता के नाम की भी जानकारी किसी
के पास, अबतक कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है. वैसे तो सैंटा क्लॉज़ का नाम जीसस
क्राइस्ट जिनका जन्मदिन 25 दिसंबर को मनाते हैं उनके साथ जोड़ कर लिया जाता है.
लेकिन यदि बाइबल में देखा जाए तो जीसस क्राइस्ट और सैंटा क्लॉज़ के बीच कोई संबंध
था ही नहीं. इतिहास के पन्नों में ऐसा बताया गया है कि संत निकोलस का जन्म 19वी शताब्दी
से पहले हुआ था.
1773 में पहली बार अमेरिकी शहर में सेंटा क्लोज
के रूप में एक व्यक्ति मीडिया से रूबरू हुआ था और उसने खुद को सैंटा क्लॉज बताया
था. उसके बाद सन 1930 में संता का अस्तित्व सब लोगों के सामने आया और सन्ड़बलोम
नामक एक कलाकार ने संता के रूप में कोका कोला की ऐड 35 वर्षों तक की. उसने लाल
सफेद कपड़ो में आकर कोका कोला की ऐड की थी और संता का यह नया अवतार लोगों को बहुत
ज्यादा पसंद आया था. मगर अब उसी सांता का नकली रूप धारण किए कुछ भटके हुए
भोले-भाले लोग घूम रहे हैं.
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