04 December 2021

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद का इतिहास

मुगल शासन में औरंगजेब ने 1669 में श्रीकृष्ण मंदिर की भव्यता से चिढ़कर उसे तुड़वा दिया था

इसके एक हिस्से में ईदगाह का निर्माण करवाया था औरंगजेब ने

मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में बने शाही ईदगाह मस्जिद पर विवाद है

इस मामले में मथुरा जिला सिविल न्यायालय में याचिका दायर की गई है

श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका में 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक की मांग की गई है

1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता पूरी तरह से गलत है

भगवान कृष्ण व उनके भक्तों की इच्छा के विपरीत है

उसे निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर वह भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाए

शाही ईदगाह ट्रस्ट ने मुसलमानों की मदद से श्रीकृष्ण से सम्बन्धित जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया

ईश्वर के स्थान पर एक ढांचे का निर्माण कर दिया

भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मस्थान उसी ढांचे के नीचे स्थित है

श्रीकृष्ण का जहां जन्म हुआ था उसी जगह पर उनके प्रपौत्र बज्रनाभ ने श्रीकृष्ण को कुलदेवता मानते हुए मंदिर बनवाया

सदियों बाद महान सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने वहां भव्य मंदिर बनवाया

उस मंदिर को मुस्लिम लुटेरे महमूद गजनवी ने साल 1017 में आक्रमण करके तोड़ा

महमूद गजनवी ने मंदिर में मौजूद कई टन सोना लूट कर ले गया

साल 1150 में राजा विजयपाल देव के शासनकाल में एक भव्य मंदिर बनवाया गया

इस मंदिर को 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में सिकंदर लोदी के शासन काल में नष्ट कर दिया गया

इसके 125 साल बाद जहांगीर के शासनकाल में ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने उसी जगह श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर का निर्माण कराया

श्रीकृष्ण मंदिर की भव्यता से बुरी तरह चिढ़े औरंगजेब ने 1669 में मंदिर तुड़वा दिया

औरंगजेब ने मंदिर के एक हिस्से के ऊपर ही ईदगाह का निर्माण करा दिया

इसी ईदगाह को हटा कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि को हिन्दू समाज मुक्त कराना चाहता है

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