बिहार में AIMIM के विधायक ने एक बार फिर से अपनी राष्ट्र विरोधी
मानसिकता का परिचय दिया है. बिहार विधानसभा के समापन सत्र में AIMIM के विधायकों द्वारा राष्ट्रगीत ‘वंदे
मातरम’ नहीं गाने और पार्टी के विधायक अख्तरुल
इमान द्वारा इसे सदन में गाने का विरोध करने पर राजनीति गरमा गई है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री
गिरिराज सिंह और जेडीयू संसदीय दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र
कुशवाहा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त दी है.
गिरिराज सिंह ने असदुद्दीन ओवैसी पर
निशाना साधते हुए कहा कि AIMIM
के मुखिया ही जब ऐसे हैं तो उनके
विधायकों से क्या उम्मीद की जा सकती है. जिन्ना के सपनों को लेकर भारत में भ्रम
और विभेद फैला रहे हैं, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि 1947 भारत में दोबारा नहीं आने वाला है. एक
सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत देश की आत्मा में बसा है. लोगों
ने तो यह भी कहा था कि राम मंदिर नहीं बनेगा, लेकिन
वह बना.
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान के
राष्ट्रगीत नहीं गाने पर कहा, ”अगर
कोई नहीं बोलता है तो आप जबरदस्ती नहीं बोलवा सकते हैं. किसी के राष्ट्रगीत गाने
से वह बड़ा देशभक्त नहीं हो जाता है.”
इससे पहले राष्ट्रगीत को लेकर AIMIM विधायक की टिप्पणी पर बीजेपी विधायक
हरिभूषण ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि इमान की हरकत देशद्रोह
की श्रेणी में आती है और उनके खिलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए।
बिहार विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान (जन गण मन) और आखिरी दिन राष्ट्रगीत (वंदे मातरम) गाने की परंपरा शुरू की.
इसको लेकर AIMIM नेता अख्तरुल इमान ने आपत्ति जताई.
मीडिया से बातचीत में इमान ने स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर
कहाँ लिखा है कि राष्ट्रगीत गाना अनिवार्य है. वह कहते हैं कि राष्ट्रगीत पर कई
आपत्तियाँ हैं और ऐसे सदन में जो सबकी सहमति से चल रहा हो, वहाँ ऐसी रिवायत को कायम करना ये
बिल्कुल ठीक नहीं है.
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