17 December 2021

चलते-चलते में वसीम रिजवी से जितेंद्र नरायण सिंह त्यागी बने तक की कहानी

ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर में वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन हिन्दू धर्म में घर वापसी कर ली है. अब इनका नया नाम जितेंद्र नरायण सिंह त्यागी हो गया है. वसीम रिजवी से जितेंद्र नरायण सिंह त्यागी बनने के बाद इन्होंने सुदर्शन न्यूज़ के प्रसिद्ध शो चलते-चलते में अपना पहला टीवी इंटरव्यू दिया है. जितेंद्र नरायण सिंह त्यागी ने सभी मुद्दों पर खुलकर बेबाकी से अपनी बात को रखा. तो आईये हम आपको इनके इंटरव्यू के कुछ महत्वपूर्ण और अहम बातों को आपको यहां विस्तार से बताते हैं, जो इन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान कहा.

जितेंद्र नरायण सिंह त्यागी का कहना है कि ये पूरी दुनिया में भगवा लहराने का ख्वाब देख रहे हैं. इनके अनुसार हिंदुस्थान में नहीं तो और कहां लहराएगा भगवा? दुनिया का सबसे पहला धर्म है सनातन धर्म है, सनातन धर्म ने दुनिया में इंसानियत को सहेजी है. सनातनी बनकर गर्व महसूस कर रहा हूं. खुद के अंदर एक ताकत को महसूस कर रहा हूं. मेरे सपने में राम आते हैं और उनके सपने में लादेन व बगदादी. इन्होने ये भी कहा कि जिनके जैसे विचार होंगे वैसे सपने आयेंगे. जिसे दुनिया का ज्ञान नहीं वो अल्लाह का मैसेंजर कैसे हो सकता है? दुनिया में इस्लाम के साथ कैसे जुड़ जाता है आतंक शब्द  इसका जवाब जिहादियों को देना चाहिए ?

इहोने प्रश्न किया कि आखिर आतंकियों की लड़ाई किससे है? हर लड़ाई का एक मकसद होता है! इस्लामिक लड़ाई का मकसद क्या है? जिहादियों की लड़ाई का मकसद क्या है ? इनके बच्चे क्यों उठाए हुए हैं हाथ में पत्थर? ईसाइयत पर चुप्पी और मूर्ति पूजा पर प्रश्न क्यों?

इन्होने कहा कि उम्र के पहले पड़ाव में मुसलमान नहीं थे मुहम्मद. मुहम्मद के चाचा भी मुस्लिम नहीं थे. मोहम्मद के चाचा ने नहीं अपनाया इस्लाम. मुहम्मद के चाचा जानते थे मुहम्मद की सच्चाई. इस्लाम में माले-गनीमत समझा जाता है दूसरे की पत्नी को. इस्लाम शांति का मजहब है तो बताओ कहां है शांति? किसी भी इस्लामिक राष्ट्र में शांति नहीं है. इस्लाम हिंदुओं के खिलाफ हीं पैदा हुआ.

इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं. इस्लाम में आबादी बढ़ाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल. युद्ध में जिहादी लूट लेते हैं सैनिकों की पत्नियों को भी. इस्लाम में महिलाओं के साथ ज्यादती होती है. पहले तलवारों से जिहादी करते थे कत्ल, अब हथियारों से करते हैं.

मुसलमान कभी सेक्युलर हो हीं नहीं सकता. आज आतंक के माने है इस्लामिक कट्टरता का प्रचार. लाइफ विदाउट अल्लाह" कैंपेन अच्छा है मुगलों की देन हैं हिंदुस्थान के मदरसे. देश में बंद होने चाहिए सभी मदरसे. तबलीगी जमात पर सही कदम है सऊदी अरब का बैन. इस्लाम में बड़े सुधार की ज़रूरत है. हम चाहते थे कुरान पर कोर्ट हमारी बातें सुने, कोर्ट ने इस विषय को धार्मिक तरीके से देखा.

धर्म के नाम पर गलत है कत्ल करना, सरकारें इस्लाम के खिलाफ बोलने से डरती हैं. हम अदालतों का सम्मान करते हैं. मुसलमानों ने समाज में डर किया है पैदा. तीन लाख मंदिरों को तोड़ कर मस्जिदें बनाई गईं. हम कभी हार नहीं मानेंगे, मरने के बाद फिर आयेंगे इनसे लड़ने. मन से डर निकाल कर हमें आगे आना होगा.

हर इंसान है सनातनी, ईश्वर भी पैदा करता है सबको सनातनी. मुसलमानों के पूर्वज हिन्दू देवी-देवता नहीं थे? क्या भगवान श्रीराम इनके पूर्वज नहीं हैं? इस्लामिक कट्टरता से सतर्क रहने की जरूरत है. आज दुनिया में पैदा हुआ है बड़ा धर्म-संकट. आतंकियों और जिहादियों को अपनाना चाहिए सनातन धर्म. कुरान की कट्टरता को छोड़ इंसानियत की ओर लौटना होगा. 

मुगलों ने करोड़ों हिंदुओं का कत्ल किया, आज एक भी नस्ल नहीं बची हैं मुगलों की. हमने वही चित्रण किया जो इस्लामिक किताबों में लिखा है. हम अपने विचार रख रहे हैं, संविधान बोलने की देता है इजाज़त. जिहादी साबित करें कि इस्लाम कोई धर्म है, इस्लाम कोई धर्म होगा तभी तो उस पर चोट पहुंचेगी?

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