सऊदी अरब में तबलीगी जमात पर बैन लग
गया है। वहां के इस्लाअमिक मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। सऊदी अरब की सरकार ने तबलीगी जमात
को 'आतंकवाद के द्वारों में से एक' करार दिया है। सरकार ने जमात के लोगों को
अगले जुमे की नमाज से पहले मस्जिदें खाली करने को कहा है। इस घटनाक्रम पर भारत में
भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोग पूछ रहे हैं जमात की आलोचना करने पर 'इस्ला्मोफोबिक' कहने वाले सऊदी अरब के इस कदम पर क्या कहेंगे?
हालांकी भारतीय उदारवादी पैराकारों ने तबलीगी जमात का बचाव करना शुरू कर दिया है. दरअसल सऊदी अरब ने आतंकी संबंधों के चलते तबलीगी जमात को बैन कर दिया है। इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने मस्जिदों को निर्देश दिए हैं कि वे जुमे की नमाज के दौरान जमात के खिलाफ लोगों को चेताएं। मगर वहीँ अबतक भारत में, दिल्ली पुलिस तबलीगी जमात के मुखिया, मौलाना साद का पता नहीं लगा सकी है।'
तब्लीगी क्या है और क्या काम करती है
ये भी आपके किए जानना जरुरी है. तो आईये हम आपको इसके बारे भी आपको बताते है. इसकी
स्थापना 1926 में भारत में की गई थी. ये मुसलमानों का
धार्मिक संगठन है. ये संस्था ड्रेसिंग, व्यक्तिगत
व्यवहार और इस्लामिक अनुष्ठानों के संबंध में मुसलमानों को बताती है. मगर इस
संस्थान के ड्रेसिंग, कार्य पद्धति
हमेशा से हीं सवालों के घेरे में रहा है. तब्लीगी जमात के दुनियाभर में 40 करोड़ सदस्य होने का दावा करता है. इसके
ऊपर दिल्ली में कोरोना फैलाने का भी आरोप है.
पिछले साल कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत होने पर देशभर में इस संगठन की खासा चर्चा हुई थी. इस दौरान जमात पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा था. इसके अलावा, तब्लीगी जमात पर आरोप है कि इसने बिना अनुमति के बड़ी संख्या में लोगों को दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मरकज में इकट्ठा किया. बड़ी संख्या में संगठन के लोग मरकज में इकट्ठा हुआ थे, जिसमें से कई विदेशी भी थे. कोरोना के बीच इस तरह से भीड़ इकट्ठा होने से डर का माहौल पैदा हो गया था.
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