28 December 2021

क्रिप्टो-क्रिस्चियन गुप्ता इसाईयत का इतिहास

क्रिप्टो-क्रिस्चियन का सबसे पहला उदाहरण रोमन सामाज्य में मिलता है

गुप्ता इसाईयत ने शुरुवाती दौर में रोम में अपने पैर रखे थे

तत्कालीन महान रोमन सम्राट ट्रॉजन ने ईसाईयत को रोमन संस्कृति के लिए खतरा बताया था

सम्राट ट्रॉजन ने गुप्त इसाईयत को समझा और जितने रोमन ईसाई बने थे सबको घर वापसी करवाया

सम्राट ट्रॉजन ने प्रस्ताव रखा कि या तो क्रिप्टो ईसाईयत छोड़ें या मृत्यु-दंड भुगतें

रोमन ईसाईयों ने मृत्यु-दंड से बचने के लिए ईसाई धर्म छोड़ने का नाटक किया

गुप्त ईसाई ऊपर से रोमन देवी-देवताओं की पूजा करने लगे

मगर अंदर से ईसाईयत को बरकरार रखा

यूरोप में 2000 साल पहले हुआ था गुप्त इसाईयत की शुरुआत

अब वही साजिश भारत में आज क्रिप्टो-क्रिस्चियन कर रहे हैं

क्रिप्टो-क्रिस्चियन ने जापान को भी अपने षड्यंत्र का शिकार बनाया था

मिशनिरियों का तथाकथित-संत ज़ेवियर भारत में भी आया था

1550 ईसा में धर्मान्तरण के लिए वह जापान गया था

ज़ेवियर ने कई बौद्धों को ईसाई बनाया था

1643 में जापान के राष्ट्रवादी राजा शोगुन ने ईसाई धर्म का प्रचार जापान की सामाजिक एकता के लिए खतरा बताया

शोगुन ने बल का प्रयोग कर कई चर्चो को तोड़वाया था

जीसस-मैरी की मूर्तियां जब्त करके तोड़ी गईं थी

बाईबल समेत ईसाई धर्म की कई किताबें को प्रतिबंधित किया गया था

जितने जापानियों ने ईसाई धर्म अपना था उनको मूल धर्म में वापसी करवाया गया

मगर फिर भी कई ईसाईयों ने बौद्ध धर्म मे घर वापसी का नाटक किया

वे सभी क्रिप्टो-क्रिस्चियन बने रहे

जापान में इन क्रिप्टो-क्रिस्चियन को काकूरे-क्रिस्चियनभी कहा जाता है

आज यही क्रिप्टो-क्रिस्चियन पूरी दुनिया भर में अपना भ्रम जाल फैला रहे हैं

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