संभल एकबार फिर से सुर्खियों में है। इस बार मामला शिव मंदिर से जुड़ा हुआ है। संभल की शाही जामा मस्जिद से
लगभग एक किलो मीटर दूर खग्गू सराय मोहल्ला में ‘साक्षात शिव’ मंदिर
मिलने से पूरे इलाके में हिन्दुओं के अंदर खुशी की लहर दौर पड़ी। 46 वर्ष बाद जब
मंदिर का ताला खोला गया तो अंदर ‘साक्षात शिन
जी और हनुमान जी की मुर्तियों की पूजा पाठ करने के लिए हिन्दू श्रद्धालुओं की भीड़
उमड़ पड़ी। करीब 70
गज जमीन पर बने इस मंदिर में 46 साल बाद पहली बार पूजा की गई।
दरअसल
14 दिसंबर को संभल के DM राजेंद्र पेंसिया और SP
कृष्ण बिश्नोई टीम के साथ बिजली चोरी पकड़ने
खग्गू सराय मोहल्ले में गए थे। इसी दौरान बंद पड़े इस मंदिर का पता चला। 1978 में हुए दंगे के बाद से इस
मंदिर में ताला लगा हुआ था। पुलिस-प्रशासन की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक होली के
तीन दिन बाद हुए इस दंगे में 184 से ज्यादा लोग मारे गए थे। दंगे के बाद खग्गू सराय में रहने वाले 100 हिंदू परिवार पलायन कर गए।
24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान संभल में हिंसा भड़क गई थी।
संभल में ये कोई पहली घटना नहीं है। संभल में दंगों का पुराना इतिहास है। बीते 88 साल में यहां 16
दंगे हुए हैं। ये पुलिस-प्रशासन के रिकॉर्ड रिकॉड
हैं। संभल में सबसे बड़ा दंगा 1978 में हुआ था। तब खग्गू सराय
को बनियों का मोहल्ला कहा जाता था। बनियों का मोहल्ला ये आज भी है, मगर उसमें एक भी हिंदू परिवार नहीं रहता। उनकी
निशानी के तौर पर पुराना शिव-हनुमान मंदिर ही बचा है। 1978
के दंगे के बाद से इस मंदिर में लोगों का आना बंद हो गया।
संभल में दंगों का इतिहास
1947 बंटवारे के वक्त
संभल में भी दंगे हुए। हातिमसराय इलाके के 20 से 25 लोगों ने बचने के
लिए कोतवाली में शरण ली थी।
घर लौटते वक्त उन पर हमला हुआ, जिसमें जगदीश शरण नाम के शख्स की मौत हो गई थी।
1948 इस दंगे में
हाकिमसराय के पास 6 लोग मारे गए थे।
संभल में करीब 20 दिन तक कर्फ्यू
लगा था।
1958 हिंदू इंटर कॉलेज
में दोनों समुदाय के छात्रों के बीच हिंसा भड़की थी। इस दौरान 2 दिन कर्फ्यू लगा था।
1976 अफवाह उड़ी कि
राजकुमार सैनी नाम के युवक ने एक मौलवी को पीटा है।
इसके बाद भड़के, दंगों में संभल के ऐतिहासिक सूरजकुंड मंदिर और
मानस मंदिर को तोड़ा गया।
इसमें 5 लोगों की मौत हुई
थी। 7 दिन संभल में
कर्फ्यू लगा रहा।
1982 अयोध्या में बाबरी
मस्जिद का ताला खुला, तब संभल में बाजार
बंद कराए गए थे। इस दौरान कारोबारी हरिशंकर रस्तोगी की हत्या कर दी गई थी।
1986 8 मार्च को शिवरात्रि पर शोभायात्रा निकाली जा रही
थी।
अफवाह उड़ी कि हरिहर मंदिर में जल चढ़ाया जा रहा है।
ससे हिंसा भड़क गई। इस दंगे में 4 लोग मारे गए थे।
1992 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद संभल के
नखासा तिराहे पर मुस्लिम समुदाय के 20 हजार से ज्यादा लोग जुटे थे।
सभी ने मिलकर पुलिस पर हमला कर दिया। बचाव में पुलिस ने फायरिंग
की, जिसमें दो लोग
मारे गए।
दंगों में 5 लोग मारे गए थे। 8 दिन तक कर्फ्यू लगा रहा था।
संभल में 24 नवंबर को हुई
हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन ने ये इंटरनल रिपोर्ट बनाई है। इस रिपोर्ट में आजादी
से पहले 1936 से 2019 तक हुए 16 दंगों की डिटेल है। रिपोर्ट में लिखा है कि संभल नगर पालिका
एरिया में आजादी के वक्त 55% मुस्लिम और 45% हिंदू रहते थे। अब
80-85% मुस्लिम और 15-20% हिंदू आबादी है। संभल में हिंसा के बाद पुलिस की जांच में पता चला कि
दीपा सराय इलाके में लोग बिजली चोरी कर रहे हैं। 150 से ज्यादा पुलिस
जवान के साथ एक टीम ने 14 दिसंबर की सुबह 5 बजे यहां छापा
मारा। सुबह 11 बजे टीम खग्गू सराय के बनिया मोहल्ला पहुंची। बनिया मोहल्ला में बिजली चोरी तो पकड़ी ही गई, पुराना मंदिर भी मिल गया है।
मीडिया में आते ही दूसरी जगह बस चुके हिंदू
परिवार आने लगे। उन्होंने बताया कि मंदिर के पास एक कुआं और पीपल का पेड़ भी था।
कुएं से पानी लेकर लोग मंदिर में जल चढ़ाते थे। पीपल की भी पूजा होती थी। पीपल का पेड़ तो अब नहीं है, लेकिन पुलिस ने लोगों की बताई जगह पर JCB से खुदाई कराई,
तो कुएं के अवशेष मिल गए। मंदिर कितना पुराना
है, ये पता करने के लिए ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम भी बुलाई गई
है।
संभल के डीएम राजेंद्र पैंसिया के आदेश पर मंदिर की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी तैनात कर
दी है। मंदिर और आस-पास के क्षेत्र में CCTV, बिजली
कनेक्शन लगा दिया गया है, साथ ही एक पुजारी भी मंदिर
में रखा गया है जो सुबह- शाम आरती और पूजा- पाठ कराएंगे। यहां राउंड द
क्लॉक सुरक्षा व्यवस्था है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था
की गई है। क्लोज मॉनिटरिंग की जा रही है। जिससे कोई अराजक तत्व है,
वो यहां न आ सके।
संभल के मोहल्ला खग्गू सराय स्थित श्री शिव मंदिर में डीएम डॉ.
राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण विश्नोई ने भी पूजा-अर्चना की। संभल में 46
साल बाद शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद पूजा-पाठ करने दूर-दूर से लोग
पहुंच रहे हैं। मंदिर में भगवान भोलेनाथ का दूध से अभिषेक किया गया। महिलाएं भी
पूजा-पाठ करने के लिए पहुंची और भजन-कीर्तन किया।
संभल से आई सरला ने बताया कि उन्हें जैसे ही पता चला कि यहां पर
46 साल से बंद भगवान भोलेनाथ के मंदिर को प्रशासन में खुलवाया है,
तो वह सीधे भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए यहां पहुंची हैं। वह पहली बार मंदिर में पूजा करने आई हैं।
इस
पूरे मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कल संसद में संविधान पर चर्चा चल रही
थी, लेकिन मुद्दा संभल का उठ रहा था।
इन्हीं के समय में 46
साल पहले जो
मंदिर बंद कर दिया गया था,
वो सामने आ
गया। इनकी वास्तविकता को सबके सामने ला दिया। संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या
रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई? क्या वहां शिवलिंग निकला है? क्या ये आस्था नहीं थी? उन दरिंदों को आज तक सजा क्यों नहीं
मिली,
जिन्होंने 46 वर्ष पहले संभल में नरसंहार किया था? इस पर चर्चा क्यों नहीं होती है? उन निर्दोष लोगों की हत्या हुई, उस पर चर्चा क्यों नहीं होती। इस पर
जो बोलेगा,
उसको धमकी दी
जाएगी।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संभल में हनुमान जी का मंदिर और शिव जी का मंदिर 4
दशक से अधिक समय तक बंद रखा गया था। भय का माहौल बनाया गया और हिंदुओं को
पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। मंदिर खुलने के बाद लोग खुश हैं।
यूपी के संभल में मंदिर को फिर से खोलने और
दशकों के बाद सुबह की आरती होने के एक दिन बाद,
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम कहा कि
भगवान का अवतार जल्द ही होने वाला है। सनातन का युग आ रहा है।
संभल शिव मंदिर मामले में एडवोकेट
विष्णु शंकर जैन का कहना है कि संभल में जिला प्रशासन को एक ऐसा मंदिर मिला जो 46 साल से बंद था... यह सब साबित करता है
कि हमारा प्राचीन नक्शा, जिसके बारे में मैं हमेशा कहता था कि
वह अस्तित्व में है।'' खुदाई से यह साबित होता है कि संभल एक
तीर्थ स्थल है... मंदिर के आसपास कई कुएं और अन्य मंदिर मिल रहे हैं जो इलाके के
प्राचीन मानचित्र को साबित करते हैं... 12 दिसंबर
का सुप्रीम कोर्ट का आदेश यहां लागू नहीं होता।
रातभर
मंदिर की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई का काम चला। मंदिर के सामने की एक दीवार को
तोड़ा गया है। जिससे मंदिर का गेट एकदम खुला हो जाए। किसी को आने जाने में दिक्कत
न हो।
आज सुबह
हनुमान मंदिर में आरती भी की गई है। सुबह मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे
हैं।
No comments:
Post a Comment