18 December 2024

संसद में संविधान पर संग्राम! राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर कसा तंज, राजनाथ बोले, नेहरू-इंदिरा ने संविधान बदला, प्रियंका ने कहा- नेहरू को छोड़िए, आपने क्या किया

 

भारतीय संविधान के निर्माणा हुए 26 जनवरी 2025 को 75 साल पूरे होंगे। इस पर आज लोकसभा में विशेष चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। राजनाथ सिंह ने कहा कि 'पिछले कुछ वर्षों में देश में एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास किया गया है कि संविधान किसी एक पार्टी की देन है। संविधान निर्माण में कई लोगों की भूमिका को भुला दिया गया है। हमारा संविधान स्वाधीनता संविधान के हवनकुंड से निकला हुआ अमृत है। ये हमारा स्वाभिमान है।'

 

मौलिक अधिकारों के खंड में मां सीता, श्री राम और लक्ष्मण की तस्वीरें हैं। मुख्य पृष्ठ पर अजंता-अलोरा की तस्वीर है। कमल का फूल भी है। ये दिखाता है कि सदियों की गुलामी से निकल कर आजाद राष्ट्र का उदय हो चुका है। उकेरी गई आकृतियां समृद्ध इतिहास और महान परंपरा को दिखाती हैं।

 

बाबा साहब भीम राव आंबेडकर का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि  संविधान लागू होने के बाद मौलिक अधिकारों के लिए अंबेडकर लड़ते रहे थे। उन्होंने कहा था कि भविष्य में इसके खतरनाक परिणाम होंगे। कांग्रेस और नेताओं द्वारा मौलिक अधिकारों को कुचलने की बात उन्होंने कही थी, कांग्रेस ने सत्ता में उन्हें दोहराया था।

 

रक्षा मंत्री ने कहा कि, कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले हम संविधान के मूल चरित्र को बदलने नहीं देंगे। हमने आपातकाल के काले दिनों में भी संविधान को चोट पहुंचाने की हर कोशिश का विरोध किया। 18 महीने मैं भी जेल में रहा। मैरी मां की मृत्यु होने पर मुखाग्नि देने के लिए पेरोल भी नहीं दी गई।

 

रक्ष मंत्री ने कहा कि सौ बात की एक बात ये है कि कांग्रेस को जब संविधान और सत्ता में एक को चुनना था तो उन्होंने सत्ता को चुना। यूपी से जुडी कुछ घटनाएं हैं। 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित गुम्बद में क्षति की जानकारी मिली। शाम 5 बजे कल्याण सिंह सरकार ने इस्तीफा दे दिया। आश्चर्य की बात है कि पूर्ण बहुमत की सरकार का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया, कुछ देर बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया।

 

राजनाथ सिंह के बाद कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने संविधान पर चर्चा करते हुए कहा कि, हजारों साल पुरानी हमारे देश की, धर्म की परंपरा रही है। एक गौरवशाली परंपरा है दर्शन, वेदों में दिखात है। वाद-विवाद और संवाद की पुरानी संस्कृति है। इस्लाम, सूफियो, जैन, सिख में भी यही संस्कृति रही है। स्वतंत्रता संग्राम विश्व में अनोखा संग्राम था- अहिंसा और सत्य की लड़ाई थी।

 

संसद में संविधान पर चर्चा में भाग लेते सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि, हमारे जैसे लोग और देश के कमजोर लोगों के लिए संविधान देश की प्राणवायु है। संविधान कितना भी अच्छा हो, लेकिन उसे लागू करने वाले अच्छे नहीं होंगे तो परिणाम भी अच्छे नहीं होंगे। संविधान पर फिर चर्चा हो रही है। कई बिंदु हैं। आज सीमाओं की रक्षा करना पहला कर्तव्य है। जिस देश की सीमाओं की सुरक्षा पर जब समय-समय पर सेंध लगती हो। हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं। गांव की तरह घर बसा दिए गए हैं। लद्दाख की तरफ दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं। हम अपनी सीमा पर ही पीछे हटे हैं।

 

संसद के शीतकालीन सत्र के 14वें दिन संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 घंटे 10 मिनट की स्पीच में राजनाथ ने कांग्रेस पर संविधान बदलने, चुनी हुई सरकारों को गिराने, संविधान से ऊपर अपना स्वार्थ पूरा करने, इमरजेंसी के जरिए संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। तो वहीं विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी ने 31 मिनट में के अपने संबोधन में सरकार, मणिपुर और हाथरस पर सरकार को आड़े हाथों लिया। प्रियंका की यह लोकसभा में बतौर सांसद पहली स्पीच थी। राज्यसभा में संविधान पर चर्चा 16-17 दिसंबर को होगी जिसकी शुरूआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।

 

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