09 December 2024

संसद में फिर कैश कांड! राज्यसभा में मचा हंगामा, सीट नंबर 222 पर मिली नोटों की गड्डी, कांग्रेस सांसद सिंघवी की सीट है 222 नंबर, सिंघवी की सफाई 'सिर्फ 500 रुपए का नोट लेकर संसद जाता हूं’

 

संसद में एकबार फिर से कैश कांड का मामला सामने आया है। कांग्रेस पार्टी के लिए आवंटित बेंच पर नोटों की गड्डी मिलने पर सदन में जोरदार हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस बात की जानकारी दी मामला प्रकाश में आते ही आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई। राज्यसभा की सीट नंबर 222 के नीचे 500 के नोटों की एक गड्डी मिली, जो वर्तमान में तेलंगाना से निर्वाचित कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को सौंपी गई है। राज्यसभा में सिंघवी की सीट से 50 हजार रुपये मिले हैं। सदन में सभापति धनखड़ के इस दावे पर कांग्रेस सांसदों ने विरोध जताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जोर देकर कहा कि जांच से पहले नाम नहीं लिए जाने चाहिए।

अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोपों से इनकार किया है। सिंघवी ने कहा कि, "मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का नोट लेकर जाता हूं। मैंने इस बारे में पहली बार सुना है। मैं दोपहर 12.57 बजे सदन पहुंचा और सदन 1 बजे उठा। फिर मैं अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के साथ 1.30 बजे तक कैंटीन में बैठा और संसद से चला गया।"

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने कहा, कि "ये जो घटना घटी है, बहुत ही सीरयस घटना है। ये सदन की गरिमा पर चोट है। सदन के काम पर सवाल खड़े हुए हैं। मुझे भरोसा है कि इसकी जांच होगी और दूध का दूध, पानी का पानी होगा। हमारे विपक्ष के नेता वरिष्ठ हैं, उनको जांच की मांग करनी चाहिए थी। इन सभी लोगों को इस घटना की निंदा करनी चाहिए।"

 

राज्यसभा सांसद किरेन रिजिजू ने कहा कि सभापति जी ने सीट नंबर और नाम सही बताया है। इसमें क्या गलत है? क्या संसद में नोटों का बंडल ले जाना उचित है? इसकी उचित जांच होनी चाहिए। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, कि 'बेंच से नोटों की एक गड्डी बरामद हुई है। यह जांच का विषय है। भारत के उपराष्ट्रपति ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मैं हैरान हूं कि कांग्रेस नेताओं के पास से नोटों का बंडल कहां से बरामद हो रहा है...इस घटना की जांच होनी चाहिए।'

 

राज्यसभा में कांग्रेस की बेंच से नकदी बरामद होने पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर शायराना तंज कसते हुए कहा, 'लहजे में बदगुमानी, चेहरे पर नकाब... जिनके खुद के बहीखाते बेहिसाब बिगाड़े' हैं, वही हम से सारा हिसाब लिए फिरते हैं।

 

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी नोटों की गड्डी को लेकर चर्चा में आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील के तौर पर जाने जाते हैं। उनकी नेटवर्थ अरबों रुपये में है। सिंघवी का दावा है कि वह करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में भरते हैं।

 

कौन हैं अभिषेक मनु सिंघवी

 

अभिषेक मनु सिंघवी का जन्म 24 फरवरी 1959 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था

बीए ऑनर्स, एमए और पीएचडी की पढ़ाई कर चुके हैं

सिंघवी दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज और ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज और अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है

लॉ की पढ़ाई हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से की है

साल 1997-98 में वह भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं

सिंघवी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट भी रहे हैं

अभिषेक मनु सिंघवी के पिता लक्ष्मीमल सिंघवी भी बड़े वकील और लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य रहे हैं

सिंघवी के पिता राजस्थान के एडवोकेट जनरल और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट थे

साल 1998 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था


अभिषेक मनु सिंघवी 40 साल से ज्यादा समय से वकालत कर रहे हैं। कोर्ट में पूर्व पीएम राजीव गांधी सहित कई जानी-मानी हस्तियों का प्रतिनिधित्व किया है। हाल ही में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले मामले में जमानत दिलाई थी। केजरीवाल की ओर से केस सिंघवी ही लड़ रहे थे। सिंघवी 6 लाख रुपये से 11 लाख के बीच फीस लेते हैं। यह फीस कोर्ट में एक बार पेश होने की होती है।

 

कितनी है सिंघवी की नेटवर्थ ?

 

तेलंगाना से राज्यसभा सीट के लिए नामांकन एफिडेविट में उन्होंने अपनी और परिवार की संपत्ति का जिक्र किया है

एफिडेविट के मुताबिक अभिषेक मनु सिंघवी की कुल नेटवर्थ करीब 360 करोड़ रुपये है। 

 

यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2022-23 के मुताबिक है

वित्त वर्ष 2021-22 में उनकी नेटवर्थ करीब 291 करोड़ रुपये थी

वित्त वर्ष 2023-24 के मुताबिक इनकी पत्नी अनीता सिंघवी की नेटवर्थ 11.42 करोड़ रुपये है

अभिषेक मनु सिंघवी के पास साल 2006 में 77.64 करोड़ रुपये की संपत्ति थी

साल 2024 में 2374 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ यह 1921 करोड़ रुपये हो गई

 

संसद में कैश कांड का ये पहला वाक्या नहीं है। इससे पहले भी सदन में नोटों का बंडल सामने आ चुका है।

 

सदन में कब-कब हुआ कैश कांड ?

 

अमेरिका के साथ परमाणु समझौते को लेकर वाम दलों ने यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था

उस समय मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे यूपीए ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया

उसी दिन बीजेपी के तीन सांसद- अशोक अर्गल, फग्गन सिंह कुलस्ते और महावीर भगौरा लोकसभा में एक करोड़ रुपये के नोटों की गड्डियां लेकर पहुंच गए

आरोप लगा था सपा के तत्कालीन महासचिव अमर सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देने के लिए रुपये की पेशकश की थी

उस समय लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने दावा किया था कि सांसदों को तीन-तीन करोड़ रुपये का लालच दिया था

एक करोड़ रुपये पहले दिए गए थे और बाकी की रकम बाद में देने का आश्वासन दिया गया था

ये पहला मौका था जब सदन में इस तरह से खुलेआम नोटों की गड्डियां उड़ाई गई थीं

इस घटना पर तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था

 

पूरे मामले पर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। बीजेपी कांग्रेस पर ऑफेंसिव है वहीं कांग्रेस सदन के अंदर और बाहर डिफेंसिव। अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया है कि वो सिर्फ 500 का नोट लेकर सदन में जाते हैं। इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अब ये सब राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर निर्भर करता है कि वो इसकी जांच दिल्ली पुलिस को सौंपते हैं या किसी और एजेंसी को।

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