04 December 2024

मैं समंदर हूं लौटकर वापस जरूर आऊंगा..! देवेंद्र फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, आरएसएस से शुरू हुई राजनीतिक यात्रा, 400 से ज्यादा साधु-संत भी होंगे शामिल, शपथ ग्रहण में दिखेगी NDA की एकजुटता, 22 राज्यों के मुख्यमंत्री रहेंगे मौजूद।

 

'मेरा पानी उतरा देखकर मेरे किनारे घर मत बसा लेना... मैं समंदर हूं लौटकर वापस जरूर आऊंगा..देवेंद्र फडणवीस ने यह बात 2019 में चुनावी हार और विपक्ष के आरोपों के बीच उद्धव ठाकरे को चेतावनी देते हुए कही थी। जी हां, अब वह वापस लौटकर आ गए हैं और बीजेपी ने उन्हें तीसरी बार राज्य की कमान सौंपी है। एक लंबी सियासी उठापटक के बाद बीजेपी विधायक दल की मीटिंग में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई है।

 

देवेंद्र फडणवीस का राजनीतिक सफर

 

नागपुर में आरएसएस से शुरू हुई राजनीतिक यात्रा

1990 के दशक में एबीवीपी में शामिल हुए

1992 में नागपुर के राम नगर वार्ड से पहला नगर निगम चुनाव जीते

22 वर्ष की उम्र में सबसे युवा पार्षद बने

1997 में फडणवीस नागपुर नगर निगम के सबसे युवा मेयर बने

भारत के दूसरे सबसे युवा मेयर का भी रिकॉर्ड हासिल किए

1999 से 2004 तक लगातार तीन बार विधायक के रूप में काम किया

2001 में BJYM का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया

2010 में भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव बने

2013 में राज्य इकाई के अध्यक्ष चुने गए

अजित पवार के साथ अनबन के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया

बाद में एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर सरकार बनाई

फडणवीस महाराष्ट्र के सबसे मजबूत बीजेपी चेहरा हैं

राज्य की राजनीति में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं

2019 में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता बने

पहली बार 2014 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चुने गए

44 वर्ष की उम्र में राज्य के दूसरे सबसे युवा मुख्यमंत्री बने

1972 के बाद कार्यकाल पूरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने

59 वर्षों के इतिहास में पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने

पूर्ण कार्यकाल के बाद दोबारा सत्ता हासिल की

कानून में ग्रेजुएशन और बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा कर चुके हैं

2006 में अमृता फडणवीस से शादी हुई और दोनों की एक बेटी है

 

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ही अगले मुख्यमंत्री होंगे अब ये पूरी तरीके से तय है। फडणवीस 5 दिसंबर की शाम 5.30 बजे मुंबई के आजाद मैदान में शपथ लेंगे। फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ लेने जा रहे रहो हैं। फडणवीस का फिर से सीएम बनना बीजेपी के लिए इसे बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। पहले चर्चाएं थीं कि बीजेपी महाराष्ट्र में इस बार मराठा या ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकती है। फडणवीस अगड़े वर्ग से आते हैं। विधानसभा चुनाव में भी महायुति को मराठा वर्ग ने जबरदस्त समर्थन दिया है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान या हरियाणा जैसे फॉर्मूले को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया। बीजेपी ने मध्य प्रदेश में जीत के बाद सिटिंग सीएम शिवराज सिंह चौहान की जगह ओबीसी चेहरे मोहन यादव पर दांव खेला। वहीं, राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बजाय ब्राह्मण चेहरे भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया। हरियाणा में भी इसी साल विधानसभा चुनाव से ठीक 5 महीने पहले बीजेपी ने सीएम चेहरा बदला और मनोहर लाल खट्टर की जगह ओबीसी चेहरे नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया। मध्य प्रदेश और हरियाणा में बड़ी संख्या में ओबीसी वोटर्स हैं। राजस्थान के बाद अब महाराष्ट्र में बीजेपी ने ब्राह्मण समाज से सीएम देकर सामान्य वर्ग को साधने का बड़ा प्रयास किया है। महाराष्ट्र हिन्दुत्व और संघ के प्रयोगशाला के तौर पर देखा जाता है। देवेंद्र फडणवीस का संघ से गहरा नाता रहा है, और हिन्दुत्व के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखने के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में फडणवीस महाराष्ट्र की राजनीति और BJP- RSS के एजेंडे में फिट बैठते हैं।

 

फडणवीस को ताज मिलने के क्या हैं मायने ?

 

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस अनुभवी नेता माने जाते हैं। 6 बार के विधायक हैं।

 

सरकार से लेकर संगठन तक में काम करने का अनुभव है।

 

महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी के लिए नए चेहरे पर दांव खेलना मुश्किल साबित हो सकता था

 

क्षेत्रीय क्षत्रपों को साधना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता

 

फडणवीस ने खुद को महाराष्ट्र की राजनीति में स्थापित किया है, बल्कि हर वर्ग और क्षेत्र में पैठ बनाई है

 

राज्य में बीजेपी के सर्वमान्य नेता के तौर पर खुद को स्थापित करके दिखाया

 

 

देवेंद्र फडणवीस को 2019 के दरम्यान असली राजनीतिक परीक्षा का सामना करना पड़ा। 2019 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद जब राजनीतिक उलटफेर हुआ और उद्धव ठाकरे ने एनडीए का साथ छोड़ दिया, तब फडणवीस मजबूती से डटे रहे और यह साबित कर पाने में सफल रहे कि बीजेपी ने चुनाव से पहले सीएम को लेकर उद्धव ठाकरे से ऐसा कोई वादा नहीं किया था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी ने सरकार बनाई तो फडणवीस नेता विपक्ष की भूमिका में आए और कोरोनाकाल में अव्यवस्थाओं से लेकर भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में उद्धव सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला। 2022 में जब शिवसेना में टूट गई और एकनाथ शिंदे का गुट एनडीए का हिस्सा बना तो फडणवीस का फोकस राज्य में सरकार बनाने पर रहा। उन्होंने खुद को पीछे रखा और राज्य में एनडीए सरकार बनाने के लिए विधायकों को एक सूत्र में बांधे रखा। आखिरी वक्त में बीजेपी हाईकमान ने फडणवीस को जब डिप्टी सीएम बनने के लिए कहा तो उन्होंने फैसला स्वीकार करने में ज्यादा देर नहीं लगाई और एकनाथ शिंदे के खुद डिप्टी बनकर राज्य सरकार का हिस्सा बन गए। देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं। 5 दिसंबर को शाम 5:30 बजे आजाद मैदान में शपथ ग्रहण होगा। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में शपथ ग्रहण होगा। ऐसे में जानना जरूरी है कि फडणवीस के साथ और कौन-कौन शपथ लेने वाला है।

 

मंत्रिपद की लिस्ट में भाजपा के इन नेताओं का नाम

देवेंद्र फडणवीस

चन्द्रशेखर बावनकुले

चंद्रकांत पाटिल

पंकजा मुंडे

गिरीश महाजन

आशीष शेलार

रवीन्द्र चव्हाण

अतुल बचाओ

सुधीर मुनगंटीवार

नितेश राणे

गणेश नाइक

मंगल प्रभात लोढ़ा

राहुल नार्वेकर

अतुल भातखलकर

शिवेंद्रराज भोसले

गोपीचंद पडलकर

माधुरी मिसाल

राधाकृष्ण विखे पाटिल

जयकुमार रावल

 

 

शिवसेना के ये नेता ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

 

एकनाथ शिंदे

दीपक केसरकर

उदय सामंथा

शम्भुराज देसाई

गुलाबराव पाटिल

 

NCP के ये नेता ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ

अजित पवार

धनंजय मुंडे

छगन भुजबल

हसन मुश्रीफ

दिलीप वाल्से पाटिल

अदिति तटकरे

धर्मराव बाबा अत्राम

 

 

महायुति सरकार में कुल 43 मंत्री होंगे। बीजेपी के कोटे में सबसे ज्यादा 21 मंत्री होंगे। शिवसेना शिंदे को 12 और एनसीपी को 10 मंत्री पद मिलेगा। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक होगी और विधानसभा के विशेष सत्र की तारीख तय कर राज्यपाल को सूचित कर दिया जाएगा। अजित पवार गुट भी उतने ही पोर्टफोलियो मांग रहा है, जितने शिंदे कैंप को मिले हैं। मगर एकनाथ शिंदे ने साफ कर दिया है कि महायुति में शिवसेना ही दूसरे नंबर की पार्टी है।


आज़ाद मैदान में होगा शपथ ग्रहण

 

शपथ ग्रहण से पहले मुंबई पुलिस ने आज़ाद मैदान और आस पास के इलाके को छावनी में बदल दिया है।

आज़ाद मैदान में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए मुंबई पुलिस ने 2500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए हैं।

10 पुलिस उपायुक्त, 20 सहायक पुलिस आयुक्त,100 पुलिस निरीक्षक,150 सहायक और पुलिस उप-निरीक्षक सहित 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे।

सशस्त्र पुलिस बल,टास्क फोर्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी तैयार रहेंगी।

दो दिन आजाद मैदान क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है। ड्रोन के जरिए भी पुलिस पैनी नजर रखेगी।

 

शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरो शोरो से जारी है। शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए के कई दिग्गज शामिल होने वाले हैं। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी मुंबई पहुंच गए हैं जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मुंबई में हीं हैं।

 

शपथ ग्रहण में कौन-कौन होगा शामिल ?

 

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे

साथ ही महायुति गठबंधन के तीनों दलों के नेता मौजूद रहेंगे

देशभर से 400 से ज्यादा साधु-संत भी शामिल होंगे

70 से ज्यादा वीवीआईपी नेता शामिल होंगे

फडणवीस के शपथ ग्रहण में दिखेगी NDA की एकजुटता

नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी होंगे शामिल

22 राज्यों के मुख्यमंत्री रहेंगे मौजूद

अन्य खास मेहमानों को भी बुलाया गया है

 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। इस तरह 230 सीटों के साथ महायुति ने सरकार बनाई है। 132 सीट लेकर भाजपा बड़ा भाई बनी हुई है। अब भाजपा की अगुवाई में महायुति सरकार का गठन होगा। कल यानी 5 दिसंबर को महायुति सरकार का शपथ ग्रहण है। देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार शपथ लेंगे।

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