लोकसभा में संविधान पर चर्चा पर सरकार और
विपक्ष दोनों आर-पार के मूड में हैं। शनिवार को संविधान पर चर्चा का
दूसरा दिन है। DMK सांसद ए राजा की स्पीच पर विवाद हो गया। भाजपा ने आरोप लगाया कि ए
राजा ने हमारी सरकार को गुंडा कहा है। ये असंसदीय शब्द है। इसके बाद सत्ता पक्ष के सासंदों ने खड़े होकर आपत्ति जताई। भाजपा सांसद
निशिकांत दुबे ने कहा कि, ए राजा को माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद विवादित शब्द को संसद के
रिकॉर्ड से हटा दिया गया। चर्चा की शुरुआत किरेन
रिजिजू ने की। रिजिजू ने कहा कि, कांग्रेस के शासनकाल में एक रक्षा मंत्री ने बयान
दिया था कि यूपीए सरकार बॉर्डर पर सड़क इसलिए नहीं बनाती ताकि चीन उसी रास्ते हमारे
देश के अंदर न आ जाए। उनका ये बयान रिकॉर्ड में भी है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि- मेरे पिछले कुछ भाषणों में मैंने अभय मुद्रा पर बात की है। निर्भयता की बात
की है। लोग संविधान को दुनिया में सबसे लंबा लिखित दस्तावेज कहते हैं। यह हमारे
देश की धारणा का एक दस्तावेज है। जब हम संविधान को खोलते हैं, तब हम अंबेडकर, गांधी, नेहरू के विचारों को सुनते हैं। यह विचार आते कहां से हैं। ये हमारी पुरातन
संस्कृति और सभ्यता से आते हैं। ये शिव, गुरुनानक, बुद्ध, कबीर से आते हैं।
RSS पर आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि भारत के संविधान के बारे में
सबसे बुरी बात यह है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। यह आपके नेता ने कहा था।
जिसकी आप पूजा करते हैं। ये सावरकर के शब्द हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आप अपने
नेताओं के शब्दों के साथ खड़े होते हैं। जब आप संविधान पर संसद में बात करते हैं
तो आप सावरकर को निराश करते हैं।
राहुल ने कहा कि हमारी जो
विचारधारा है, इंडिया गठबंधन की विचारधारा है, वो देश में
संविधान लाई है। हम दलितों, आदिवासियों, किसानों को यह
दिखाना चाहते हैं कि आपने किसका अंगूठा काटा है। मैंने वादा किया था,
इसी संसद में हम जातिगत जनगणना को लागू करेंगे। 50
फीसदी रिजर्वेशन की दीवार को हम तोड़ेंगे। आपको जो कहना है कह लो।
राहुल
को जवाब देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग संविधान तो हाथ में लेकर घूमते हैं, लेकिन उन्हें ये भी नहीं पता है कि
उसमें कितने पन्ने हैं। आपने कभी इसे नहीं पढ़ा। ये राहुल जी कॉपी लेकर घूमते हैं, उसी में लिखा है कि इंदिरा गांधी की
इमरजेंसी ने लोकतंत्र को खत्म किया। राहुल जी संविधान पढ़कर देखिए दिख जाएगा कि
गांधी परिवार ने कैसे इसकी धज्जियां उड़ाईं। ये अंगूठा काटने की बात कहते हैं और
इनकी सरकार ने सिखों के गले काटे गए। संविधान जेब में लेकर घूमते हैं, इन्होंने उसे तार-तार किया। देश से
माफी मांगिए।
श्रीकांत शिंदे ने संविधान पर चर्चा में कहा कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जगमोहन लाल सिन्हा
ने इंदिराजी को चुनावी धांधली के लिए अयोग्य ठहराने का फैसला किया था। इस फैसले को
रोकने के लिए असंवैधानिक हथकंडे अपनाए गए। जस्टिस सिन्हा को देहरादून से इलाहाबाद
चीफ जस्टिस ने फोन किया। गृह मंत्रालय के सचिव फैसले को जुलाई तक टालने का दबाव
बना रहे हैं। जज के निजी सचिव को धमकियां दी गईं। CID के विशेष टास्क
फोर्स को लगाया गया। आपातकाल में ना विपक्ष सुरक्षित था,
ना जनता और ना जज।
बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज मैंने पहली बार जाना कि 5-6 साल का बच्चा युवा होता है। एक और नया ज्ञान आया कि तपस्या से गर्मी पैदा
होती है। इस पवित्र शब्द को बदनाम न करें। मैं पहले ही कहता था कि राहुल गांधी
होमवर्क नहीं करते। अब तो पता करना पड़ेगा कि उनको सिखाने वाला कौन है। ऐसी बातें
उन्हें कौन बताता है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि "जो चित्र संविधान में लगे हैं, अगर भारत का संविधान आज बनता तो ये लोग उन पर कितनी आपत्ति करते। गवर्नर
हाउस में अंग्रेजों की मूर्तियां हटा दी गई हैं। वो मूर्तियां गुलामी और आस्था की
मूर्तियां थीं। आपने अच्छा काम किया। यही बात राम,
कृष्ण और काशी विश्वनाथ के बारे में क्यों नहीं सोचते हैं। वोट बैंक
पॉलिटिक्स के चक्कर से ये बाहर नहीं निकले। 75 साल में आप कहां हैं और हम कहां हैं, ये भी देखिए। हमारे श्यामा प्रसाद मुखर्जी,
दीनदयाल जी के विचार आज देश स्वीकार कर रहा है। ये देश राष्ट्रवाद से
चलेगा।"
AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा
कि संविधान का अनुच्छेद 26 धार्मिक संप्रदाय, धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्था स्थापित करने और बनाए रखने
का अधिकार देता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि वक्फ का संविधान से लेना-देना नहीं
है। प्रधानमंत्री को अनुच्छेद 26 कौन पढ़ा रहा है? सरकार का लक्ष्य वक्फ संपत्तियों को छीनना है। आप अपनी ताकत के दम पर इसे
छीनना चाहते हैं।
लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर
हमला बोला। नरेंद्र मोदी ने कहा कि, जरा संविधान यात्रा पर नजर डालें कि 25 साल पूरे हो रहे थे,
उसी वक्त हमारे देश में संविधान को नोच दिया गया। इमरजेंसी आई, संवैधानिक व्यवस्थाओं को खत्म कर दिया। देश को
जेलखाना बना दिया, अधिकारों को लूट लिया, प्रेस की स्वतंत्रता को ताले लगा दिए। कांग्रेस के माथे पर ये जो पाप है, वो कभी भी धुलने वाला नहीं है। जब लोकतंत्र की चर्चा
होगी, ये पाप धुलने वाला नहीं है। राज्यसभा में
संविधान पर चर्चा 16-17 दिसंबर को होगी जिसकी शुरूआत गृह मंत्री अमित
शाह करेंगे।
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