21 December 2024

अलविदा ओपी चौटाला ! हरियाणा के पूर्व CM ओपी चौटाला का निधन, पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के सबसे बड़े बेटे थे, 89 साल की उम्र में गुरुग्राम में ली अंतिम सांस 87 साल की उम्र में पास की थी 10वीं-12वीं

 

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल के नेता ओम प्रकाश चौटाला का शुक्रवार को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। हरियाणा की सियासत के एक अहम किरदार रहे चौटाला रिकॉर्ड चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे और उनका अंतिम कार्यकाल 1999 से 2005 तक रहा।  'ताऊ' के नाम से मशहूर चौधरी देवी लाल चौटाला के परिवार का सियासी रसूख इतिहास में दर्ज है।

 

ओपी चौटाला का जीवन परिचय

 

1 जनवरी 1935 को सिरसा के डबवाली स्थित चौटाला गांव में जन्म

पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के सबसे बड़े बेटे थे ओपी  चौटाला

ओपी चौटाला ने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया

स्कूल की पढ़ाई छोड़ राजनीति में करियर की शुरुआत

87 वर्ष की उम्र में पास की 10वीं और 12वीं की परीक्षा

ओपी चौटाला की शादी स्नेह लता से हुई थी

चौटाला की पत्नी का निधन 2019 में हुआ

ओपी के दो बेटे अभय चौटाला और अजय चौटाला हैं

उनके दोनों बेटे हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं

 

जनवरी 1935 में जन्मे ओमप्रकाश चौटाला 'ताऊ' के नाम से मशहूर चौधरी देवी लाल के पुत्र थे, जिन्होंने भारत के 6वें उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। देवी लाल 1971 तक कांग्रेस में रहे और दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 1977 में देवी लाल जनता पार्टी में शामिल हुए तो 1987 में लोकदल में आ गए। देवी लाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला भी भारतीय राजनीति के दिग्गजों में से एक थे।

 

ओपी चौटाला का राजनीतिक सफर

 

वर्ष 1970 में राजनीतिक पारी की शुरुआत की

1970 में जनता दल की टिकट पर पहली बार विधायक बने

1970 में ऐलनाबाद से उप-चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे

ओपी चौटाला हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री बने

1987 से 1990 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे

2 दिसंबर 1989 को पहली बार ओपी चौटाला मुख्यमंत्री बने

12 जुलाई 1990 को चौटाला दूसरी बार हरियाणा के CM बने

22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार सीएम का पदभार संभाला

1998 में आम चुनाव के बाद ओपी चौटाला ने पार्टी का नाम बदला

हरियाणा लोक दल का नाम इंडियन नेशनल लोकदल कर दिया

24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार CM पद संभाला

2 मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने

ओम प्रकाश चौटाला के परिवार का भी हरियाणा की सियासत में दबदबा रहा है। दुष्यंत के सांसद बनने के बाद ही राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी हार गई। कारण था दुष्यंत के सांसद बनने के बाद पार्टी का दो खेमों में बंट जाना। पार्टी का एक गुट अभय चौटाला के साथ हो गया और दूसरा दुष्यंत के साथ। इनेलो की कमान अभय के पास पूरी तरह से आ गई। दिसंबर 2018 में दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी की नींव रखी। तो आइए जानते हैं कि चौटाला परिवार में कौन-कौन है-

 

कौन-कौन हैं ओपी चौटाला के परिवार में

देवीलाल के चार बेटे

 

ओमप्रकाश चौटाला

स्व. प्रताप चौटाला

रंजीत सिंह

स्व. जगदीश चौटाला

 

ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटे

अजय और अभय चौटाला

 

अजय और अभय के दो-दो बेटे

अजय चौटाला के बेटेः दुष्यंत और दिग्विजय

 

अभय चौटाला के बेटेः कर्ण और अर्जुन

 

प्रताप चौटाला के दो बेटेः रवि और जितेंद्र

 

रंजीत सिंह के दो बेटेः गगनदीप और स्व. संदीप सिंह

 

जगदीश चौटाला के तीन बेटेः आदित्य, अभिषेक और अनिरुद्ध

 

जब देवीलाल डिप्टी पीएम बने तो उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद ओमप्रकाश चौटाला 1989 से 91 तक मुख्यमंत्री रहे। 1991 में देवीलाल लोकसभा चुनाव हारे और यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा समाप्त हो गई। 1999 में ओमप्रकाश चौटाला ने भाजपा की मदद से हरियाणा में सरकार बनाई। 2005 तक वे हरियाणा के सीएम बने। 2001 में देवीलाल का देहांत हो गया।

 

चौटाला के निधन से हरियाणा और देश की राजनीति में शोक की लहर है। लेकिन जाने से पहले उन्होंने ऐसी मिसाल कायम की, जो हमेशा याद रहेगी। कल्पना कीजिए, जब आपके आसपास के लोग रिटायर होकर आराम कर रहे होते हैं, तब आप 87 साल की उम्र में 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास कर रहे हों! हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने ठीक यही किया था। उन्होंने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि प्रथम श्रेणी में पास की। 'सीखने की कोई उम्र नहीं होती', उन्होंने इस कहावत को साबित किया था। उन्होंने लाखों लोगों को प्रेरित किया कि अगर मन में ठान लिया जाए तो कुछ भी मुमकिन है।

 

ओम प्रकाश चौटाला की कहानी से प्रेरणा लेकर एक फिल्म भी बन चुकी है, जिसका नाम 'दसवीं' था। फिल्म एक्टर अभिषेक बच्चन ने इस फिल्म में एक नेता का किरदार निभाया था, अभिषेक बच्चन और निमरत कौर ने मुख्य भूमिका निभाई है। पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर, सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल समेत बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।

 

मार्च 1991 में देवीलाल ने हुकुम सिंह को हटाकर ओमप्रकाश चौटाला को तीसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बनवा दिया। इस फैसले से राज्य में पार्टी के कई विधायक नाराज हो गए। कुछ विधायकों ने पार्टी भी छोड़ दी। नतीजा ये हुआ कि 15 दिनों के भीतर ही सरकार गिर गई। राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया। 15 महीने के भीतर तीसरी बार चौटाला को CM पद से इस्तीफा देना पड़ा।

 

ओमप्रकाश चौटाला की शुरुआती पढ़ाई ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया से हुई। वह हॉस्टल में रहकर वहां पढ़ाई कर रहे थे। इसके बाद आठवीं क्लास की पढ़ाई उन्होंने डबवाली के हाईस्कूल से की। उस जमाने में आठवीं तक की पढ़ाई को पर्याप्त माना जाता था। उन्होंने इसके बाद अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को ही आगे बढ़ाने का फैसला लिया।

 

आज ओम प्रकाश चौटाला के निधन से पूरा देश शोक में है उन्होंने राजनीति में तो बहुत कुछ किया, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में जो उन्होंने किया, वो और भी खास था। उनकी कहानी हमेशा याद रखी जाएगी।

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