02 December 2024

शीत सत्र में माहौल गर्म ! 4 दिन में सिर्फ 40 मिनट चली कार्यवाही। विपक्ष की मीटिंग से TMC नदारद, INDIA ब्लॉक में चल रही है खटपट? बहस का दांव INDIA में बिखराव, इंडिया ब्लॉक में ही आपसी तकरार !

संसद के शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन भी बर्बाद हो गया। सोमवार को 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्षी सांसदों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया, जिस वजह से कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इससे पहले पिछले हफ्ते के सभी चारों सत्र विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से स्थगित करने पड़े थे। वित्त मंत्री सीतारमण की ओर से सोमवार को लोकसभा में बैंकिंग लॉ संशोधन बिल पेश किया जाना था, लेकिन हंगामे के चलते नहीं हो सका। शीतकालीन सत्र की शुरुआत पिछले हफ्ते सोमवार को हुई थी, लेकिन संसदीय कार्यवाही हंगामे की से बार-बार बाधित होती रही है। संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में अडाणी से जुड़े मामले और उत्तर प्रदेश की संभल हिंसा को लेकर विपक्षी सांसदों की ओर से नारेबाजी के चलते सदन बार-बार बाधित हो रहा है।

 

4 दिन में सिर्फ 40 मिनट चली कार्यवाही

 

25 नवंबर     26 नवंबर          27 नवंबर    28 नवंबर      29 नवंबर

पहला दिन     संविधान दिवस      दूसरा दिन    तीसरा दिन     चौथा दिन

10 मिनट     जॉइंट पॉर्लियामेंट     10 मिनट    10 मिनट     10 मिनट              

   

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 16 विधेयक पेश किए जाने हैं। इनमें से 11 विधेयक चर्चा के लिए रखे जाएंगे। जबकि 5 कानून बनने के लिए मंजूरी के लिए रखे जाएंगे। वन नेशन वन इलेक्शन के लिए प्रस्तावित विधेयकों का सेट अभी सूची का हिस्सा नहीं है,  सरकार इसे भी इसी सत्र में ला सकती है। वहीं, राज्यसभा में लोकसभा से पारित एक अतिरिक्त विधेयक भारतीय वायुयान विधेयक राज्यसभा में मंजूरी के लिए लंबित है।

 

शीतकालीन सत्र के प्रस्तावित विधेयक

 

कॉस्टल शिपिंग बिल

इसका उद्देश्य तटीय व्यापार को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्यिक जरूरतों के लिए भारतीय नागरिकों के स्वामित्व वाले और उनके द्वारा संचालित भारतीय ध्वज वाले जहाजों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है

 

द इंडियन पोर्ट बिल

यह भारत के अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और वैधानिक अनुपालन के अनुरूप बंदरगाहों के संरक्षण, सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण को सुरक्षित करने के उपायों को लागू करने के उद्देश्य से पेश किया जाएग

 

मर्चेंट शिपिंग बिल

सरकार ने समुद्री संधियों के तहत भारत के दायित्वों के अनुपालन, भारतीय नौवहन के विकास और भारतीय व्यापारिक समुद्री क्षेत्र के कुशल रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए मर्चेंट शिपिंग विधेयक पेश करने का प्रस्ताव दिया है

पंजाब कोर्ट (संशोधन) विधेयक

सरकार ने इसने पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक भी प्रस्तावित किया है, ताकि दिल्ली जिला न्यायालयों के वित्तीय अपीलीय क्षेत्राधिकार को मौजूदा 300,000 रुपये से बढ़ाकर 2 मिलियन रुपये किया जा सके

 

सहकारी विश्वविद्यालय स्थापना बिल

 

सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भी एक विधेयक पेश करने का प्रस्ताव रखा है

 

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024

 

JPC की रिपोर्ट का इंतजार, फिर विचार और पारित किया जाएगा

 

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला का कहना है कि सदन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो वे उन मुद्दों को उठाते थे जिन पर विपक्ष चर्चा करना चाहता था। संविधान जैसे सामान्य विषय पर, उन्हें संसद में चर्चा के लिए सहमत होना चाहिए। वे इसकी अनुमति भी नहीं दे रहे हैं

2 दिसंबर को इंडिया गठबंधन के फ्लोर नेताओं की बैठक के बाद, जेएमएम नेता महुआ माजी ने कहा कि मणिपुर, अदानी के मुद्दों पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए। कई मुद्दे हैं जो बहुत महत्वपूर्ण है, इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।

शीतकालीन संसद सत्र 02 दिसंबर को लगातार हंगामे और नारेबाजी के कारण हंगामेदार रहने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं जिन पर सभी विपक्ष चर्चा करना चाहते हैं। संविधान के 75 वें वर्ष पर बहस का हमने अनुरोध किया है। "संसद को चलाने के लिए सरकार को विपक्ष के साथ सहयोग करना चाहिए।" जिन पर सभी विपक्षी दल चर्चा करना चाहते हैं।

 

संसद सत्र के व्यवधान पर बोलते हुए, टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार को सदन चलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। सदन को चलना चाहिए। टीएमसी के पास राज्य से संबंधित मुद्दों सहित कई मुद्दे हैं। हमारे पास बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, उर्वरक के मुद्दे हैं। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में अडानी मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। यह देखना प्रमुख सत्तारूढ़ दल की जिम्मेदारी है कि सदन चले। भाजपा सरकार को सदन चलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि अडानी मुद्दे, मणिपुर की स्थिति और संभल घटना पर संसद में चर्चा हो। "सरकार चर्चा से क्यों भाग रही है? ''सत्र बर्बाद हो गया क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि संसद चले...विपक्ष चाहता है कि अडानी मुद्दे, मणिपुर की स्थिति, संभल घटना पर संसद में चर्चा हो...। जब हम मुद्दे उठाने जा रहे थे तो संसद सत्र स्थगित कर दिया गया''

 

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अडानी, मणिपुर और संभल मामलों सहित संसद में प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की। गोगोई ने सरकार पर अपनी विफलताओं को उजागर करने से बचने के लिए जानबूझकर सदन की कार्यवाही को रोकने का आरोप लगाया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि, ''सरकार को सिर्फ यह बताना चाहिए कि वे किस दिन, किस समय, कौन सा मुद्दा उठा रहे हैं और फिर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। बस ये बताएं कि वे किस दिन, किस समय अडानी का मुद्दा उठाएंगे, मणिपुर का मुद्दा उठाएंगे या संभल का मुद्दा उठाएंगे। हर दिन एजेंडा आता है और हम देखते हैं कि कहीं भी देश के मुद्दों का जिक्र नहीं है, सिर्फ सरकारी बिल सूचीबद्ध हैं... इसका कारण यह है कि वे नहीं चाहते कि सदन चले..।

 

पिछले 6 दिनों से संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कोई-न-कोई हंगामा हो रहा है। सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष अपने तमाम मुद्दों पर अपनी बात रख रहा है। इसे लेकर आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तमाम दलों के साथ एक बैठक की है। बैठक में टीडीपी के लवू श्री कृष्ण देवरायलू, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, डीएमके सांसद टी आर बालू, एनसीपी-एसपी सांसद सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव, जेडी(यू) के दिलेश्वर कामैत, आरजेडी के अभय कुशवाह, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत और सीपीआई(एम) के राधाकृष्णन शामिल हुए। इस बैठक में सरकार और विपक्ष दोनों ही गतिरोध खत्म करने के पक्ष में हैं। साथ ही संविधान पर बहस की भी सहमति बन गई है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कल से संसद के सुचारु तरीके काम करने की उम्मीद जताई है।

 

समाजवादी पार्टी को लोकसभा में संभल मुद्दे और तृणमूल कांग्रेस को बांग्लादेश की घटनाओं को उठाने की अनुमति मिल गई है। अदाणी मुद्दे पर किसी विशेष चर्चा की संभावना कम है। मगर विपक्षी सदस्य अन्य बहसों के दौरान इस पर बात कर सकते हैं। कांग्रेस लगातार अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी और अन्य कंपनी के अधिकारियों पर आरोप लगा रही है। अब देखने होगा की सहमती बनने के बाद क्या सदन की कार्यवाही शुचारू रूप से चल पाता है...या फिर से हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा।

 


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