दिल्ली
विधानसभा चुनाव
के
नतीजों से अब ये तय हो गया है कि, देश की राष्ट्रीय राजनीति में बीजेपी
27 वर्षों बाद एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। नतीजे
बता रहे हैं कि आम आदमी पार्टी को बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में सवाल
उठता है कि आप के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झारखंड के
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जैसे दिल्ली की जनता की सहानुभूति क्यों नहीं मिली? आखिर दोनों की ही परिस्थितियां समान थी। दोनों ही सरकार
में मुख्यमंत्री रहते हुए जेल गए और फिर जेल से बाहर आए। बल्कि अरविंद केजरीवाल की
सरकार के साथ उनके 2 और
महत्वपूर्ण मंत्री जेल गए। फिर भी अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली की जनता कोई
हमदर्दी नहीं दिखाई।
आप की
'पराजय' के
बड़े कारण
अरविंद
केजरीवाल अपने विरोधियों पर कुछ भी आरोप लगाते रहे हैं
कई
बार इसके चलते ही उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी है
ऐसे
नेता की छवि बनती चली गई जिसकी बात पर कोई भरोसा नहीं होता
हरियाणा
सरकार पर जानबूझकर जहरीला पानी भेजने का आरोप लगाया
नायब
सैनी ने यमुना का पानी पीकर नरेटिव को झूठा करार दिया
शीशमहल
से अरविंद केजरीवाल की छवि को बहुत बड़ा धक्का लगा
अरविंद
केजरीवाल राजनीति में आने से पहले कहा था कि वो वीवीआईपी कल्चर खत्म करेंगे
गाड़ी, बंगला
और सुरक्षा लेने की बात से भी उन्होंने इनकार किया था
सत्ता
मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने लग्जरी गाड़ियां लीं
केंद्र
से जेड प्लस सुरक्षा मिलने के बावजूद पंजाब सरकार की टॉप सिक्युरिटी भी ली
सीएजी
रिपोर्ट में सीएम आवास ‘शीशमहल’ पर
हुए खर्च पर सवाल उठा
सीएजी
की कई रिपोर्ट को विधानसभा में न रखने का आरोप लगा
कोर्ट
के आदेश के चलते अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा
अरविंद
केजरीवाल महिलाओं के 2100 रुपये देने की शुरूआत नहीं कर पाए
अरविंद
केजरीवाल पिछले एक साल से इस योजना को लागू करने की बात कर रहे थे
दिल्ली
में गंदे पानी की सप्लाई और राजधानी की गंदगी बड़ा मुद्दा रहा
मूलभूत
सुविधाओं के अभाव के चलते जनता त्रस्त हो गई थी
गरमियों
में लोग पानी के लिए त्राहि- त्राहि कर रहे थे
अरविंद
केजरीवाल ने 24 घंटे साफ पानी सप्लाई का वादा किया था
इस
तरह धीरे-धीरे लोगों का आम आदमी पार्टी पर से भरोसा उठ गया
पूर्व
आप नेता और कवि कुमार विश्वास ने दिल्ली चुनाव नतीजों पर आप नेता अरविंद केजरीवाल
और मनीष सिसौदिया पर जमकर हमला बोला। कुमार विश्वास ने कहा, "मैं
भाजपा को जीत के लिए बधाई देता हूं और मुझे उम्मीद है कि वे दिल्ली के लोगों के
लिए काम करेंगे... मुझे उस आदमी से कोई सहानुभूति नहीं है जिसने आप पार्टी के
कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचल दिया। दिल्ली अब उससे मुक्त हो गई है... उसने उन
सपनों का इस्तेमाल अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए किया। आज, न्याय
मिल गया है।
भाजपा
सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने आम आदमी पार्टी की बड़ी हार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह
पीएम मोदी के वादों पर लोगों के भरोसे को दर्शाता है। यह हमारे लिए सकारात्मक
परिणाम है... दिल्ली के लोग 'प्रयोगात्मक' राजनीति
से तंग आ चुके थे।
दिल्ली
चुनाव नतीजों पर नई दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने अपनी हार
स्वीकर करते हुए कहा कि, परिणाम बता रहे हैं कि बीजेपी
दिल्ली में सरकार बनाएगी। हमने मुद्दे उठाए लेकिन मुझे लगता है कि लोगों ने सोचा
कि हम सरकार नहीं बनाने जा रहे हैं। हम लोगों के फैसले को स्वीकार करते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली पर जिस पार्टी ने सबसे ज्यादा राज किया, आज उसे दिल्ली की जनता ने पूरी तरह भुला दिया है। दिल्ली में 15 साल तक लगातार सरकार चलाने वाली कांग्रेस पार्टी इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से गायब हो गई है। पूरा मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच ही सिमट कर रह गया। अगर इस बार भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलती है तो यह लगातार तीसरा मौका होगा, जब कांग्रेस को दिल्ली ने पूरी तरह से नकार दिया।
दिल्ली
में हुए पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में
भी कांग्रेस का बुरा हाल था। पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। उसका वोट प्रतिशत
भी महज 4.26 फीसदी ही रहा था। 2015 में
भी कांग्रेस ने सभी 70 सीटों
पर चुनाव लड़ा था, लेकिन
एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। वोट शेयर भी 9.7 फीसदी
ही रहा था। 2013 में
आम आदमी पार्टी के उदय ने अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है तो वो
कांग्रेस है। इस चुनाव से पहले 1998 से
लगातार कांग्रेस की सरकार दिल्ली में थी। मगर 2013 में
जनता ने अपना नया नेता चुन लिया। एक नई पार्टी ने चमत्कार कर दिया। 2008 के चुनावों में 40 फीसदी
से ज्यादा वोट शेयर लेकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस 2013 में 25 फीसदी
से भी कम वोट शेयर पर आ गिरी। पार्टी का वोट शेयर 24.25
फीसदी
ही रहा और सीटें भी 43 से
घटकर महज 8 ही रह गई। इसके बाद से तो पार्टी
को एक सीट मिलना भी दूभर हो गया।
अन्ना
आंदोलन के सहारे अरविंद केजरीवाल सत्ता के शिखर पर पहुंचे, मगर केजरीवाल की
राजनीतिक महत्वकांक्षा के कारण अन्ना हजारे ने केजरीवाल से दूरी बना ली। आज आम
आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की हार के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने
निशाना साधा और आरोप लगाया कि वे शराब और पैसे में अरविंद केजरीवाल उलझ गए हैं।
इससे उनकी छवि खराब हो गई है और इसीलिए उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़
रहा है।
केजरीवाल ने वीडियो मैसेज में कहा कि आज दिल्ली चुनाव के नतीजे आए हैं।
जनता का जो भी फैसला है,
हमें उसे पूरी विनम्रता
से स्वीकार करते हैं। मैं बीजेपी को जीत की बधाई देता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि
जिस उम्मीद के साथ लोगों ने उन्हें बहुमत दिया है, वह उन उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।
अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने मात दी। इस
जीत से साथ ही प्रवेश वर्मा ने सीएम की कुर्सी पर अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है।
चुनाव नतीजे आने के बाद प्रवेश वर्मा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात
करने पहुंचे। इसके बाद सीएम पद को लेकर तमाम कयास लगाए जाने लगे हैं। अब देखना
होगा कि बीजेपी दिल्ली में किसे सीएम बनाती है।
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