20 February 2025

संगम की बूंदों में उफनाई माघ पूर्णिमा: प्रयागराज में आस्था की अनंत विश्वास, बंधनों को तोड़कर उमड़ा महा जनसागर, वॉर रूम से CM योगी कर रहे मॉनिटरिंग

 

महाकुंभ में आज करोड़ों लोगों ने स्नान किया। माघ पूर्णिमा पर लोगों की जबरदस्त भीड़ के चलते आस पास के कई जिलों में भारी जाम की स्थिति बनी हुई है। संगम से 15 किमी तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद है। प्रयागराज प्रशासन के अनुसार आज लगभग 1.83 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। इस दौरान श्रद्धालु पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल बरसाए गए। प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद है। मेला क्षेत्र में भी कोई भी वाहन नहीं चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। प्रशासन पार्किंग से शटल बसें चला रहा है। जिससे लोग आसानी से संगम क्षेत्र में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं।

 

माघ पूर्णिमा पर प्रशासन की विशेष तैयारी

 

संगम पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं

संगम नोज के आस-पास लोगों की भीड़ को रूकने नहीं दिया जा रहा है

ज्यादातर लोगों को बाकी घाटों पर स्नान के लिए भेजा जा रहा है

भीड़ कंट्रोल के लिए पहली बार मेले में 15 जिलों के डीएम मौजूद हैं

20 IAS और 85 PCS अफसर तैनात किए गए हैं

लखनऊ में सीएम योगी सुबह 4 बजे से मॉनिटरिंग कर रहे हैं

मुख्यमंत्री आवास पर बने वॉर रूम से महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं

डीजी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और सीनियर अफसर भी हैं

 

उत्तर प्रदेश DGP प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ 2025 का ये पांचवां स्नान है। महाशिवरात्रि का स्नान होना बाकी है। मौनी अमावस्या के दिन एक गलती हुई थी, उससे सीख लेते हुए हम इस पर काम कर रहे हैं कि और बेहतर प्रबंधन कैसे हो। हमने एक प्रबंधन तकनीक अपनाई, जिसका नतीजा है कि महाकुंभ में अब तक 46 से 47 करोड़ लोग आ चुके हैं।

 

महाकुंभ मेले से भीड़ जल्दी बाहर निकल जाए, इसलिए लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट और डिजिटल महाकुंभ सेंटर को बंद कर दिया गया है। आज महाकुंभ में कल्पवास भी खत्म हो जाएगा। संगम स्नान के बाद करीब 10 लाख कल्पवासी घर लौटेंगे। महाकुंभ का आज 31वां दिन है। इससे पहले 4 स्नान पर्व हो चुके हैं। 13 जनवरी से अबतक करीब 46 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अब 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान पर्व होगा।

 

संगम में स्नान करने पहुंचे भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि आज माघी पूर्णिमा के दिन करोड़ों लोग संगम में स्नान करने आए हैं। दिव्य और भव्य स्नान हो रहा है। यहां आकर जो खुशी महसूस हो रही है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह महाकुंभ नहीं, बल्कि यहां लघु भारत दिखाई दे रहा है। बेल्जियम से आए एडवर्ड कहते ने कहा कि महाकुंभ का अनुभव शानदार है। यहां के लोग बहुत मिलनसार हैं। यह दुनिया की सबसे अच्छी जगह है।

 

DIG वैभव कृष्णा ने कहा कि माघ पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए यहां पहुंच रहे हैं। हमारी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। सब कुछ नियंत्रण में है। पार्किंग, ट्रैफिक डायवर्जन, सबकुछ सक्रिय है। भक्त नियमों और विनियमों का पालन कर रहे हैं।

 

विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ के पांचवें सबसे बड़े स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर एक बार फिर संगम की यही महिमा जगव्यापी श्रद्धा की अमृतमयी बूंदों के स्पर्श की अकुलाहट में साकार हुई। आधी रात से ही माघी पूर्णिमा की पावन डुबकी के लिए मचलता जन सागर दिन भर आस्था के तटबंधों को तोड़कर छलकने के लिए आतुर रहा। मेला प्रशासन ने दोपहर दो बजे तक 12 किमी लंबे संगम के 42 घाटों पर 1.83 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाई। न किसी ने सूर्योदय का इंतजार किया न पुण्यकाल का। आधी रात त्रिवेणी के सुरम्य तट पर हर कोई प्रयाग में माघी पूर्णिमा की महिमा का पुण्य बटोरने की ललक लिए डुबकी लगाने लगा।

 

एक तरफ डुबकी का उल्लास और दूसरी ओर कल्पवास के मास पर्यंत अनुष्ठानों की पूर्णाहुति ने महाकुंभ में भक्ति के रंग को और गाढ़ा कर दिया। माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर सुबह ही हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों पर पुष्पवर्षा आरंभ हो गई। अफसरों ने संगम समेत गंगा के सभी स्नान घाटों पर शाम तक 42 कुंतल गेंदा, गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की। इस दौरान पुष्पवर्षा से पुलकित होकर श्रद्धालु गगनभेदी जयकारे भी लगाते रहे।

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