संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी दिन
है। राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की। विपक्ष ने
इस पर जमकर हंगामा किया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
ने कहा कि जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर
दिया गया है। ये असंवैधानिक है। जेपीसी रिपोर्ट पर अपनी आपत्ति जताते हुए आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमने अपना पक्ष रखा। इससे सहमत या असहमत
हो सकते हैं लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं।
JPC ने 30 जनवरी को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी थी। यह
रिपोर्ट 655 पन्नों की हैं। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला था। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया था। कमेटी में शामिल
विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई है।
वक्फ बोर्ड कानून
नए विधेयक और पुराने वक्फ कानून में अंतर
वक्फ बोर्ड वक्फ बोर्ड
पुराना
कानून
नया
बिल
1-सेक्शन
40 में रीजन टू बिलीव के तहत नए बिल के अनुसार जमीन पर दावा
अगर
वक्फ बोर्ड किसी प्रॉपर्टी पर दावा करने वाला ट्रिब्यूनल के अलावा
करता
है तो उस जमीन पर दावा करने रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या
वाला
सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही अपील कर हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
सकता
है।
2- वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला आखिरी माना अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के
जाता है। उसे चुनौती नहीं दी जा सकती। खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा
सकेगी।
3- किसी जमीन पर मस्जिद हो या जब तक किसी ने वक्फ को दान में
उसका
उपयोग इस्लामिक उद्देश्यों के जमीन नहीं दी हो। उस पर भले ही
लिए
हो तो वो ऑटोमैटिक मस्जिद बनी हो पर वह
वक्फ
की संपत्ति हो जाती है। वक्फ की संपत्ति नहीं होगी।
4-वक्फ
बोर्ड में महिला और बतौर वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य
सदस्य
अन्य धर्म के लोगों की धर्म के 2 सदस्यों को एंट्री मिलेगी।
एंट्री नहीं होगी।
राज्यसभा
में वक्फ बोर्ड पर JPC की
रिपोर्ट पेश होने के बाद विपक्ष ने हंगामा किया और फिर सदन से वॉकआउट कर दिया। इस
पर जेपी नड्डा ने कहा, 'विपक्ष
अब वॉकआउट कर रहा है। ये सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होना चाहते हैं। सदन की
कार्यवाही के दौरान कुछ सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन भी किया। सारी चर्चा में
एक बात सामने आई कि विपक्ष का उद्देश्य चर्चा करना कतई नहीं था। विपक्ष का
उद्देश्य राजनीतिक दृष्टि से अपना प्वाइंट स्कोर करने का था। ये दुख की बात है
कि संसदीय कार्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट से किसी बात को डिलीट नहीं
किया गया है। ये तुष्टिकरण की राजनीति है। ये देश को कमजोर करने के लिए साजिश की
गई। कुछ लोग देश को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। कुछ लोग भारत देश के खिलाफ लड़
रहे हैं।
राज्यसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद फिर शुरू हुई, तो सभापति जगदीप धनखड़ ने
सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने को लेकर राष्ट्रपति
का संदेश पढ़ा। इस दौरान भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। जेपीसी रिपोर्ट पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुझे मिलाकर 6 विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर
से मुलाकात की। इसमें ए राजा, कल्याण बनर्जी,
इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, गौरव गोगोई शामिल थे। हमने स्पीकर
को बताया कि हमारे असहमति नोटों के कई पन्ने और पैराग्राफ जेपीसी रिपोर्ट से हटा
दिए गए हैं।
यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट के
मुद्दे पर आदित्य ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल
गांधी और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल
से मुलाकात की है। डिसेंट नोट को भी हम लोगों ने रिपोर्ट
में शामिल करने की मांग उठाई है।
लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश हो गया
है। बिल पेश होते समय विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह बिल संविधान के खिलाफ
है और इसलिए कोर्ट इसे खारिज कर देगा। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वरिष्ठ
भाजपा नेता और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बिल का मकसद वक्फ
संपत्तियों के मामले में पारदर्शिता लाना और जवाबदेही तय करना है। जयपुर की
हवामहल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा
कि विपक्ष को हो-हल्ला करने के बजाय इस ऐतिहासिक कार्य का समर्थन करना चाहिए।
जेपीसी
सदस्य मेधा कुलकर्णी ने कहा कि 'हमारे
जो मुस्लिम सांसद भाई आज यहां बोलते हैं और देश के मुस्लिम भाईयों को भड़काना
चाहते हैं, उन्होंने खुद ने सुना है कि
बहुत सारे हमारे डिप्राइव्ड भाई भी आए थे वहां। उन्होंने कहा था कि आज तक हमें वक्फ
की लैंड का कोई फायदा नहीं हुआ। किसी ने हमें ना शिक्षा के लिए मदद की और ना हि हॉस्पिटल
के लिए मदद की, किसी ने कुछ नहीं किया है। अगर किसी ने अल्लाह के नाम पर दान दिया
है तो फिर कुछ हमारे लिए भी होना चाहिए। उसका फायदा सबको होना चाहिए। हम क्यों
उससे वंचित रहें। सबका डॉक्यूमेंटेशन होना चाहिए। तो इसलिए यह कानून बना है जो
सबके लिए है। अब देखना होगी कि यह बिल पास होने के बाद कब तक कानून बन
पाता है।
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