13 November 2020

बढ़ती आबादी से असुरक्षा और क्राईम की घटनाएं

भारत में होती घुसपैठ ने जनसंख्या को न सिर्फ बढाया है बल्कि विस्फोटक बना दिया है। भारत में 10 लाख बांग्लादेशी घुसकर लाखों बच्चे पैदा कर रहे हैं। आज बच्चे पैदा करने में सबसे आगे बांग्लादेशी घुसपैठिए ही हैं। वहीं बांग्लादेसी बस्तियों में क्या होता है किसी को पूरी तरह से पता नहीं है। दिल्ली की बांग्लादेसी बस्तियों में ही क्राईम का रेट सबसे हाई है।

हमारी टीम बांग्लादेसी बस्तियों में जाकर रिपोर्टिंग कर चुकी है। कैसे बांग्लादेसी अपनी बस्तियों में किसी को आसानी से नहीं घुसने देते। घुसपैठियों से न सिर्फ भारत की डेमोग्रेफिक स्थिति में बदलाव आया है बल्कि कुछ राज्यों में तो स्थाई निवासी पलायन कर चुके हैं। कश्मीर और असम का बोडो क्षेत्र, स्थाई निवासियों के पलायन के सबसे बडे उदाहरण हैं। अब जम्मू कश्मीर में बांग्लादेसी घुसपैठिए और रोहिंग्या, जनसंसाधनों पर कब्जा जमा रहे हैं। बंगाल में बांग्लादेसी घुसपैठिए, अब सरकार में ताकतवर हो गए हैं। क्योंकि बंगाल में जनसंख्या के आधार पर इनके वोट हर राजनीतिक दल के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं।

ऐसे में हर राजनीतिक दल इनके क्राईम से लेकर कुकर्मों में साथ देता है। क्योंकि इन राजनीतिक दलों को वोट चाहिए। वोट की राजनीति अब देश के लिए न सिर्फ खतरनाक होती जा रही है बल्कि ये देश को तोडने की ओर बढ रही है। वहीं बढती जनसंख्या डेमोग्रेफिक बदलाव ला रही है। क्योंकि जहां कुछ कटटरपंथी पनप गए वहां देश का नहीं, कटटरपंथी मौलानाओं का राज हो जाता है।

भारत के 65 जिले ऐसे हो गए हैं जहां मुसलमानों की जनसंख्या बहुसंख्यक है। इन क्षेत्रों में सरकार का कोई कानून नहीं होता। अगर पुलिस जाती भी है तो पुलिस को पीटने तक की वारदातें सामने आ चुकी हैं। उत्तर प्रदेश का संभल देश के सामने जीता जागता उदाहरण है। कैसे संभल में उन्मादी भीड ने पुलिस को दौडा दौडा का पीटा। संभल में नारे लगे..... कश्मीर को संभल बना देंगे। ऐसे में बढती जनसंख्या हम सबके सामने कई चुनौतियां लेकर आ गई है।

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