यदि आप कल्पना करते होंगे कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ बांग्लादेश जैसे इस्लामिक मुल्कों में हिंदू किस तरह किस प्रकार से किन हालातों में रहते होंगे उसको जानने समझने देखने के लिए आपको इन इस्लामिक देशों में जाने की जरूरत बिल्कुल नहीं है….आप इसका पूरा नजारा देश की राजधानी दिल्ली से मात्र 18 किलोमीटर दूर गाजियाबाद और दिल्ली की सीमा पर पड़ने वाले हिंडन विहार में देख सकते हैं जहां पर हिंदुओं की ऐसी दुर्दशा है जो संभवत किसी इस्लामिक मुल्क में भी ना हो मात्र 20 साल पहले 85% हिंदू आबादी का क्षेत्र सिकुड़ता और संकुचित होता हुआ आज मात्र 2% हिंदू आबादी का बन गया है और वहां हिंदुओं को वह सब कुछ झेलना पड़ रहा है जो हिंदू आए दिन हर उस स्थान पर झेलता है जहां पर वह अल्पसंख्यक हो जाता है.
पीड़ा का विषय यहां इस बात का भी है कि जिन वर्दी वाली और प्रशासनिक अधिकारियों के भरोसे हिंदू समाज सबसे ज्यादा रहता है वर्दी वाले और प्रशासनिक अधिकारियों का सीधा सीधा विरोध भी हिंदू उन तमाम मजहबी आक्रांता और उनके साथ-साथ झेल रहा है.
जरा कल्पना कीजिए जहाँ पर आरती और भजन तब होगा जब जहाँ की बहुसंख्यक आबादी अर्थात कट्टरपंथी तत्व करेंगे एक मंदिर जहां पर घंटे कब बजेंगे जहां पर आरती कब होगी जहां धूप दीप संध्या वंदन कब होगा. इसको वहां के कट्टरपंथी तय करेंगे और अगर आरतियां धूप अपने तरफ से देवी-देवताओं के नियत समय अनुसार किया गया तो उनके महंत को हत्या की धमकी दी जाती है और तो हालात और भी ज्यादा बिगड़ जाते हैं. जब मंदिर में घुसकर पुलिस सुरक्षा होने के बावजूद भी वहां की मूर्तियों को चुरा लिया जाता है जो कि तमाम महेनत और मशक्कत के बाद कई महीने बाद वापस दी जाती है.
इतना ही नहीं वहां तैनात पुलिस बल को पीटने के लिए चारों तरफ से घेर लेते हैं तो संतो को हाथ पैर जोड़कर उन को बचाना पड़ता है जरा सोचिए जहां पुलिस के हाल हो वहां आम हिंदू समाज व साधु संतों की स्थिति क्या होगी लेकिन यहां सबसे बड़ी हैरानी और पीड़ा का विषय यह है कि ये क्षेत्र कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ सबसे कठोर फैसले लेने के लिए दुनिया भर में विख्यात योगी आदित्यनाथ द्वारा शासित उत्तर प्रदेश में है और यहां से जिला गाजियाबाद के प्रशासनिक अधिकारियों के ऑफिस की दूरी कुछ मिनटों के अंदर है फिर भी इन टट्टरपंथियों का अत्याचार जारी है.
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