देशभर के हिन्दू मंदिर और उसके
संपतियों पर मुसलमानों का ताबातोड़ अतिक्रमण जारी है. कहीं रातोंरात मजार बना दिया
जाता है तो कहीं पूरा का पूरा मंदिर और जमीन हीं कब्ज़ा हो जारहा है. ताज़ा मामला
सामने आया है राजस्थान के अजमेर स्थित रामसर गांव से जहां पर टाक समाज के शिव मन्दिर के बगीचे में मुसलमानों
ने जे.सी.बी. और भारी जनबल से पत्थर और सीमेंट से रातोंरात दिवार खड़ा कर दिया.
इस घटना की जानकारी मंदिर से जुड़े
लोगों ने पुलिस प्रसाशन को दिया मगर अजमेर पुलिस इस संबंध में कोई कार्रवाई नही की
क्योंकी मामला मुस्लिम समुदाय के अतिक्रमणकारियों से जुड़ा हुआ था. छत्रिय टाक समाज के ऐतिहासिक धरोहर और
शिव मंदिर रामसर गांव में स्थित है, जो
कि नसीराबाद सदर जिला अजमेर में आता है.
टाक समाज के ऐतिहासिक धरोहर शिव मन्दिर
में शिवलिंग पहले से हीं स्थापित है. मन्दिर लगभग 300 साल पुराना है. छत्रिय
टाक समाज के पास मंदिर का पूरा कागजात मौजूद है. इसके बावजूद पुलिस प्रसाशन
कार्रवाई करने से कतरा रहा है. उस स्थान पर और कागजों में टाक समाज का
शिलालेख भी दर्ज है.
मगर इस सांस्कृतिक धरोहर पर अब मुसलमानों की गिद्ध
जैसी नजर गड़ी हुई है. मंदिर के मेन गेट के बाहर आधी रात्रि को एक लंबी दिवार खड़ी
कर दी गयी है जिसकी वजह से शिवमंदिर का गेट अवरुद्ध हो गया है. इस बाबत ग्रामीणों
ने वहां के स्थानीय पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर कार्रवाई करने की मांग की है..
मगर अब तक कोई भी पुलिस अधिकारी पीड़ित हिन्दू समाज की सुध लेने नहीं पहुंचा है. रामसर
में 80 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. रामसर पहले हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र था मगर अब ये क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य
हो चुका है.
आज पूरा गांव हिन्दू विहिन होने के कागार पर है. 2015 में यहां पर साम्प्रदायिक हिंसा हो चुकी है. मगर फिर भी शासन-प्रशासन अब भी हाथ में हाथ धरे बैठा हुआ है.
तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की क्या राजस्थान सरकार मुस्लिम अतिक्रमणकारियों को हिन्दुओं की धार्मिक स्थलों पर कब्ज़ा करने के लिए खुली छूट दे रखी है.
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