अब आपको हम वो दिखा रहे हैं जो देश के
लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। दुनिया में सबसे खूंखार आतंकी संगठन है आईएसआईएस जिसका
सरगना है अबु बकर बगदादी। इसी आतंकी संगठन से भी जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया का
डायरेक्ट और इडायरेक्ट कनेक्शन है।
जी हां, दिल्ली का जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया अबु बकर अल बगदादी से जुडा हुआ
है। जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया को जकात फाउंडेशन ऑफ अमेरिका से चंदे के रूप में पैसा
मिला है। गृहमंत्रालय यानि एफसीआरए के दस्तावेजों से हमें पता चला कि जकात फाउंडेशन
ऑफ इंडिया को 2015-2016 में 1132574 रूपए मिले थे जकात फाउंडेशन आफ अमेरिका से।
जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया को जकात
फाउंडेशन ऑफ अमेरिका से ये पैसा बैंक ऑफ इंडिया के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित
ब्रांच के एकाउंट के जरिए मिला। ये सभी दस्तावेज हमारे पास हैं। अब आगे बढते है. जकात
फाउंडेशन ऑफ अमेरिका का एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर है खलिल देमिर। जकात फाउंडेशन ऑफ
आमेरिका का खलिल देमिर बेनेवलेंस इंटरनेशनल फाउंडेशन का अधिकारी रहा है।
बेनेवलेंस इंटरनेशनल फाउंडेशन को यूएस
ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने आतंकियों को पैसे देने का दोषी पाया और आतंकी संगठन घोषित
किया। बेनेवलेंस इंटरनेशन फाउंडेशन ने 2002 में अलकायदा और चेचन्या के आतंकियों को
पैसा दिया था। पैसे देने की ये रिर्पोट
यूएस की आईआरएस यानि आयकर विभाग के सन 2000 के दस्तावेजों में सामने आई है।
खलिल देमिर की जकात फाउंडेशन ऑफ अमेरिका
का लिंक आतंकी संगठन टर्किश हयूमेनेटेरियन रिलीफ आर्गेनाइजेशन से है। यहीं टर्किश
हयूमेनेटेरियन रिलीफ आर्गेनाइजेशन के तथाकथित लिंक आईएसआईएस और दूसरे आतंकी
संगठनों से भी हैं। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि कैसे जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया
को पैसे देने वाले लोग दुनिया के खूंखार आतंकी संगठनों से जुडे हैं। आखिर जकात
फाउंडेशन ऑफ इंडिया को ऐसे आतंकी संगठनों से पैसे लेने की क्या जरूरत पडी।
क्या भारत में इन आतंकी संगठनों की
जडों को मजबूत करने का षडसंत्र है ये। क्या भारत के युवाओं को भी आईएसआईएस
आतंकियों की तरह बनाने का षडयंत्र चलाया जा रहा है।
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