एक ओर जहां पर देश में इसाई धर्मांतरण अपने चरम सीमा पर है..तो वहीँ दुसरी ओर कर्नाटक सरकार अब चर्च मिशन को बढ़ावा देने के लिए चर्चों को फण्ड दे रही है...वो भी सरकारी खजाने से. आपको भले ही ये सुनने में असंवैधानिक और लगे, मगर कर्नाटक अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय की ओर से जारी 29 अक्टूबर 2020 को नोटिफिकेशन जारी किया गया है.
ईसाई विकास योजना के तहत चर्च का नवीनीकरण मिश्रित दीवार का निर्माण करने और कब्रिस्तान परिसर की दीवार तथा सामुदायिक हॉल और अनाथ व वृद्धाश्रम के लिए ये फंड जारी किया जायेगा. सरकार के इस मनसूबे से हिन्दुओं में गुस्सा और आक्रोश का माहौल है.
साथ ही इस प्रकरण को लेकर अब लोग सवाल उठा रहे हैं की जब संविधान के अनुच्छेद 27 के अनुसार कोई भी केंद्र या राज्य सरकार सरकारी धन का उपयोग धार्मिक कार्य के लिए या किसी धर्म विशेष के लिए खर्च नहीं करेगी तो फिर ऐसे में कर्नाटक सरकार ऐसा कैसे कर रही है ?
इस वक्त देश में सबसे ज्यादा विदेशों से फण्ड ईसाई मिशनरियों के पास आरहा है. जिसका बेजा इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए हो रहा है. ऐसे में कर्नाटक सरकार द्वारा इन्हें फण्ड देना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहे है.
साथ भाजपा शासित राज्य होने के कारण लोगों के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है. ईसाई विकास की योजना के तहत वर्ष 2020-21 के लिए कर्नाटक सरकार धन उपलब्ध कराएगी. साथ ही तालुका स्तर के तहत स्थित केंद्र के और अख़बारों के माध्यम से सरकार इस योजना का प्रचार-प्रसार कर रही है. कर्नाटक में इस वक्त हजारों की संख्या में हिन्दू मंदिर हैं जिसका रखरखाव नहीं होने के कारण अब वे खंडहर हो चुके हैं.
मगर इसके लिए सरकार ने कभी कोई फण्ड जारी नहीं किया. ऐसे में ईसाई मिशनरियों के उपर कर्नाकट सरकार की मेहरबानी पर सवाल उठना लाजमी है.
अल्पसंख्यक
कल्याण निदेशालय कर्नाटक सरकार के विज्ञापन का हिन्दी अनुवाद
निदेशक का कार्यालय, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय, दिनांक: 29.10.2020
सेवा में,
जिला अधिकारी........
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
उप: ईसाई विकास योजना के तहत चर्च नवीकरण / मिश्रित दीवार / कब्रिस्तान परिसर की दीवार / सामुदायिक हॉल / अनाथ आश्रम और वृद्धाश्रम के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बारे में।
ईसाई विकास की योजना के तहत वर्ष 2020-21 के
लिए उपरोक्त विषय के संबंध में, चर्च के जीर्णोद्धार / परिसर की दीवार
/ कब्रिस्तान परिसर की दीवार / सामुदायिक हॉल / अनाथ आश्रम (अनाथालय) और
वृद्धाश्रम के लिए ईसाई विकास योजना के तहत अनुदान की स्वीकृति के बारे में.
अपने जिले के / तालुका स्तर के सामुहिक केंद्र के माध्यम से, प्रचार के माध्यम से अखबारों में वितरण और समाचार पत्रों के माध्यम से संबंधित संस्थान / चर्च से नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त करके उन्हें निदेशालय को सिफारिशों के साथ भेजें।
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