दिल्ली में अलग अलग जगहों
पर नए पाकिस्तान बनने लगे हैं। दिल्ली में ये अलग पाकिस्तान सिर्फ 40 प्रतिषत
मुस्लिम आबादी के दम पर बने हैं। दिल्ली के इन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भारत का
कानून नहीं चलता। जैसे ही आप इन क्षेत्रों में घुसेंगे सबसे पहले गंदगी आपका
स्वागत करने के लिए खडी होगी। सडकों पर बुर्के में लिपटी महिलाएं और मूछ कटी लंबी
दाढी वाले पुरूश हर ओर दिखाई देंगे। दुकानों पर खुलेआम पषुओं को काटा जाता दिखाई
दे जाएगा।
मीट की दुकानों पर खुलेआम
खुला मीट बिकता हुआ मिलेगा,
जिस पर मक्खियां
भिनकती हुई दिखाई दे जाएंगी। ये मक्खियां बीमारियों को पूरे क्षेत्र में फैला रही
होती हैं। ऐसे में आसानी से ये क्षेत्र बीमरियां फैलाने के अडडे बन जाते हैं जब
किसी, कोरोना जैसे
वायरस का हमला होता है। क्योंकि ज्यादातर बीमारियां ऐसे ही पषु पक्षियों से फैलती
हैं जो मीट के इन खुले मार्केटस में काटे और बेचे जाते हैं। दिल्ली के 10 विधानसभा
क्षेत्रों में ऐसा ही हाल हो गया है।
बल्लीमारान, मटिया महल, चांदनी चैक, ओखला और सीलमपुर
दिल्ली के बडे पाकिस्तान बन गए हैं। इन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से पहले भी आतंकी
पकडे जाते रहे हैं। बाटला हाउस और जामिया क्षेत्र पीएफआई और सिमी के आतंकियों के
गढ बने हुए हैं। बाटला क्षेत्र में पीएफआई कें आतंकी वाकायदे आॅफिस खोलकर आतंक की
पौध तैयार करते हैं और चंदा इकटठा करते हैं मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में।
आतंकी संगठन पीएफआई के कई
आफिस खुले हुए हैं इन सभी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में। पुलिस भी इन मुस्लिम बहुल
क्षेत्रों में जाने से घबराती है। क्योंकि इन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भारत का
कानून कोई नहीं मानता। पुलिस को दौडा दौडा कर पीटा गया है कई बार इन मुस्लिम बहुल
क्षेत्रों में। बाटला हाउस कांड को कौन भूला है, जहां आतंकियों को पनाह दे रखी थी स्थानीय लोगों
ने।
पुलिस मुठभेड में जब
आतंकियों को मार गिराया गया, तो मुस्लिम नेताओं ने कहा था कि सोनियां गांधी आतंकियों की
मुठभेड पर रोईं थीं। क्योंकि कांग्रेस पुलिस के जवानों के साथ नहीं आतंकियों के
साथ खडी थी। कांग्रेस के नेताओं ने षहीद इस्पेक्टर षर्मा का अपमान तक किया था
आतंकियों का साथ देकर। वहीं आतंकियों के स्लीपर सैल इन क्षेत्रों में आसानी से
छुपे रहते हैं।
साथ ही बांग्लादेषी
घुसपैठिए और रोहिंग्या बडे मजे से इन मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भारत के वोटर बन
जाते हैं। क्योंकि बांग्लादेषियों के वोट किस पार्टी को मिलते हैं ये सभी जानते
हैं। इन पार्टियों के नेता आसानी से इन घुसपैठियों की वोटर आईडी बनवा देते हैं।
पुलिस के अनुसार, 10 मुस्लिम बहुल
विधानसभाओं में सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज होते हैं।
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