24 November 2020

मुस्लिम छात्रों पर केंद्र और राज्य सरकारों की मेहरबानी, हिन्दू बेहाल मुस्लिम मालामाल

साल 2019  में केंद्र सरकार ने 80 फीसदी मुस्लिम छात्रों को स्कॉलरशिप दी: छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों में 88 लाख मुस्लिम, 8.26 लाख ईसाई, 5.45 लाख सिख और 5.2 लाख हिंदू हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के अनुसार ईसाई छात्रों को 7.5 फीसदी छात्रवृत्ति मिली. सिख छात्रों को पांच प्रतिशत और हिंदू छात्रों को सिर्फ 4.7 प्रतिशत छात्रवृत्ति मिली. इस सत्र में 1.4 करोड़ से ज्यादा आवेदन मिले थे जिनमें से 1.08 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई. छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 2,157 करोड़ रुपये वितरित किए गए. इस दौरान कुल राशि में से 1,032 करोड़ रुपये मुस्लिम छात्रों पर, 183 करोड़ रुपये सिख छात्रों और 128 करोड़ रुपये हिंदू छात्रों पर व्यय किए गए. कुल छात्रवृत्ति का 77 फीसदी देकर अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय शीर्ष पर रहा



छात्रवृत्ति पाने वाले शीर्ष पांच राज्य

पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल रहे हैं. जिन राज्यों को सबसे ज्यादा धनराशि मिली उनमें...उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहा जिसे 336 करोड़ रुपये मिले वहीं दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल रहा जिसे 281 करोड़ रुपये मिले. साल 2018-19 में केंद्र सरकार की 20 योजनाओं के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) का करीब 80 फीसदी मुस्लिम छात्रों को दिया गया. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के अनुसार ईसाई छात्रों को 7.5 फीसदी छात्रवृत्ति मिली, सिख छात्रों को पांच प्रतिशत और हिंदू छात्रों को सिर्फ 4.7 प्रतिशत छात्रवृत्ति मिली. इस सत्र में 1.4 करोड़ से ज्यादा आवेदन मिले थे जिनमें से 1.08 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई.



छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों में 88 लाख मुस्लिम, 8.26 लाख ईसाई, 5.45 लाख सिख और 5.2 लाख हिंदू हैं. छात्रवृत्ति पाने वालों में 1.94 लाख (1.8 प्रतिशत) बौद्ध तथा 1.07 लाख (एक प्रतिशत) जैन छात्र भी हैं.इस दौरान 14 केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा जारी छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत 2018-19 में 2,157 करोड़ रुपये वितरित किए गए. इस दौरान कुल राशि में से 1,032 करोड़ रुपये मुस्लिम छात्रों पर, 183 करोड़ रुपये सिख छात्रों और 128 करोड़ रुपये हिंदू छात्रों पर व्यय किए गए.



कुल छात्रवृत्ति का 77 फीसदी देकर अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय शीर्ष पर रहा. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग भी शीर्ष पांच में रहे. छात्रवृत्ति पाने वाले शीर्ष पांच राज्यों में पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल रहे हैं. इन योजना के तहत जिन राज्यों को सबसे ज्यादा धनराशि मिली, उनमें उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहा जिसे 336 करोड़ रुपये मिले, वहीं दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल रहा जिसे 281 करोड़ रुपये मिले.

केंद्र सरकार की 20 योजनाओं के तहत दी जाने वाली स्कॉलरशिप

अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री मैट्रीक स्कॉलरशिप प्रदाता अल्पसंख्यक मंत्रालय

अल्पसंख्यक छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रीक स्कॉलरशिप- प्रदाता-  अल्पसंख्यक मंत्रालय

व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रम- प्रदाता- अल्पसंख्यक मंत्रालय

विकलांग छात्रों के लिए प्री मैट्रीक स्कॉलरशिप- प्रदाता विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग

विकलांग छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रीक स्कॉलरशिप प्रदाता विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग

नेशनल्स मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप- प्रदाता- शिक्षा मंत्रालय

कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना- प्रदाता- शिक्षा मंत्रालय़

प्रधानंमंत्री  स्कॉलरशिप योजना- सैनिक कल्याण विभाग, रक्षा मंत्रालय भारत सरकार

अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लिए प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए पीजी स्कॉलरशिप

तकनीकी शिक्षा के लिए गर्ल्स डिग्री के लिए प्रगति स्कॉलरशिप  योजना

प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना- प्रदाता शिक्षा मंत्रालय

स्वर्ण जयंती फेलोशिप योजना- प्रदाता- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार

महिला वैज्ञानिक योजना- प्रदाता- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार

ईशान उदय योजना- प्रदाता शिक्षा मंत्रालय

मैट्रिक पूर्व स्कॉलरशिप योजना

कक्षा 1 से 10वीं में पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्रों को प्रदान की जाती है

कम से कम 30 फीसदी स्कॉलरशिप छात्राओं के लिए तय है

इसके हकदार वे स्टूडेंट हैं जिनके अभिभावक की इनकम सालाना 1.00 लाख रु. से अधिक नहीं है

मैट्रिकोत्तर स्कॉलरशिप योजना

कक्षा 11वीं से पीएचडी स्तर तक पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाती है

न्यूनतम 30 फीसदी स्कॉलरशिप लड़कियों के लिए तय है

वार्षिक आय 2.00 लाख रुपये से अधिक न हो

मेरिट-सह-साधन आधारित स्कॉलरशिप योजना

ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए दी जाती है

85 संस्थान लिस्टेड हैं. जिनके लिए पाठ्यक्रम का पूरा खर्च दिया जाता है.

मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति योजना

एम. फिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे शोध छात्रों को प्रदान की जाती है

इसका लाभ उनको मिलेगा जिनके अभिभावक की वार्षिक आय 6.00 लाख रुपये से अधिक नहीं है

बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति

यह स्कॉलरशिप अल्पसंख्यक समुदायों की मेधावी छात्राओं को 9वीं से 12वीं क्लास तक के लिए दी जाती है

पात्र होने के लिए छात्राओं के माता-पिता की सालाना आय 2.00 लाख रुपये तक होनी चाहिए.

साथ ही छात्रा के नंबर पिछली क्लास में 50 फीसदी से कम नहीं होने चाहिए

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