आज हम एक ऐसे मुद्दे को लेकर आएं हैं जिसे अक्सर हिंदी भाषा के चैनलों में प्रमुखता नहीं दी जाती है. मगर हमारे लिए ये राष्ट्र की एकता और अखंडता से जुड़ा हुआ है. ऐसे में ये विषय हमारे लिए महत्वपूर्ण है. पूर्वोत्तर के राज्यों का सीमा विवाद देश का एक आंतरिक विषय है मगर आज इस विवाद के मूल में हैं बंगलादेशी घुसपैठी जो पूरे नार्थ ईस्ट को जला रहे हैं. आज हर ओर इनका आतंक मचा हुआ है.
असम और मिजोरम सीमा विवाद अब एक दूसरे के
लिए कोई विवाद का मसला नहीं है... मगर अब बंगलादेशी घुसपैठीये एक बार फिर से इस
विवाद की जड़ को खोद रहे हैं. जब सुदर्शन न्यूज ने मिजोरम के मूल निवासियों से बात
की तो हमे पता चला की मिजोरम राज्य के गठन के बाद से दोनों राज्यों के बीच सीमा
विवाद लगभग खत्म हो चुका है. 1972 में मिजोरम केंद्र शासित प्रदेश बना फिर 1987
में इसे एक पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया.
कुछ साल पहले असम और मिजोरम की सरकारों के बीच एक समझौता
हुआ जिसमे ये तय हुआ था...की असम और मिजोरम के सीमा क्षेत्र में किसी भी नागरिक की
भूमि पर यथास्थिति बनाए रखी जायेगी. मगर ये समझौता अब बांग्लादेशी घुसपैठियों को
रास नहीं आरहा है.
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने इस यथास्थिति
को तोड़ दिया है. मूल स्थानीय निवासियों की घरों और झोपड़ियों को बांग्लादेशी जला
रहे हैं. जिनका हक़ एक इंच जमीन पर नहीं है आज वो पूरे असम और मिजोरम को अपना जागीर
समझ रहे हैं. आज इनका आधे से ज्यादा असम पर कब्ज़ा हो चुका है. अब ये अपना विस्तार
करने के लिए मिजोरम और आस पास के राज्यों पर अपना अधिकार जमाना चाहते हैं.
ये बांग्लादेशी पिछले महीने असम और
मिजोरम राज्य के निवासियों से भिड़ गए...और देखते हीं देखते ये झड़प चीख पुकार और
आगजनी में तब्दील हो गई. इस घटना में दोनों राज्य के दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हो
गए. हिंसक बांग्लादेशियों ने वहां के स्थानीय लोगों की झोपड़ियों और दुकानों को आग
के हवाले कर दिया. दो राज्य के जीवन-रेखा असम मिजोरम राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क को
नाकाबंदी कर दी.
सड़कों पर बांस की घेराबंदी लगा दिया. बांग्लादेशी
घुसपैठियों ने मिजोरम के निवासियों की झोपड़ियों और सुपारी के खेतों में आग लगा दी.
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने मिजोरम के पुलिस कर्मियों और मिजो निवासियों पर पथराव
शुरू कर दिया. इस पथराव के बाद से
दोनों राज्यों के सीमाओं
पर तनाव पैदा हो गया. बांग्लादेशी
घुसपैठियों के इस हरकत की वजह से क्षेत्र में दहशत का माहौल खड़ा हो गया.
असम में बंगलादेशी घुसपैठीये काफी ज्यादा हैं इसलिए ये घुसपैठीये इन जमीनों पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए वे इसतरह के विवाद को पैदा करके मिजोरम के नागरिकों की जमीनों को कब्ज़ा करना करना चाहते हैं.
मिजोरम और असम दोनों ही राज्यों की सीमाएं बांग्लादेश से लगती है. असम में
अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों ने इस समस्या को पैदा किया है. जो समय-समय पर
झोपड़ियों और फसलों को नष्ट कर रहे हैं और पूरे नार्थ एस्ट को अपने आगोश में लेने
की फ़िराक में है, जिसे कभी भी सफल नहीं होने दिया जायेगा.
ऐसे में अब दोनों राज्य सरकारों का ये
दयित्व बनता है की इन बंगलादेशी घुसपैठीयों की नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए
कड़ा कदम उठाये ताकी राष्ट्र की एकता और अखंडता कायम रहे.
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