गाजियाबाद के प्रशासनिक अधिकारी कट्टरपंथी तत्वों को काबू करने के बजाय हिंदू समाज के ही संत और मंदिर को धमकाते है. तो कभी-कभी ऐसा लगता है कि क्या सच में ये योगी आदित्यनाथ शासित यूपी ही है अब सवाल यह भी उठता है कि क्या महज हिंदुओं को भगाना या हिंदुओं से उस क्षेत्र को खाली कराना ही एकमात्र उद्देश्य है या कुछ और? ऐसे अधिकारी भी वहां मौजूद हैं जिनका असल उद्देश्य योगी शासन को योगी सत्ता को पूरे प्रदेश भर में बदनाम करना और उनके समर्थकों को तोड़ना है जो समर्थक योगी की इंसाफ पसंद छवि के लिए उन्हें चाहते हैं मानते हैं.
जब पूरे मामले की गहराई से
पड़ताल की तो सामने आया कि मंदिर परिसर में पुलिस वालों की ड्यूटी लगाने का जो
अधिकारी है उसका नाम तौफीक है वह बार-बार ऐसे पुलिस कर्मियों की ड्यूटी में लगाता
है जो या नशे के शौकीन हो या धर्म को मानते ही नहीं ज़रा आप सोचिए जो धर्म को नहीं
मानता होगा वह पुलिस अधिकारी एक धर्मस्थल की रक्षा कितने और लगन के साथ करेगा.
यहां के हिन्दू परिवार की माँ-बेटियों की इज़्ज़त पर बन आयी है.
सरे बाज़ार यहाँ हिंदुओ की बेटियों, बहुओं को छेड़ा जाता है उनका पीछा किया जाता है और बुजुर्ग महिलाओं को
गाली देने के साथ-साथ मारपीट भी की जाती है. आज यहाँ महिलाएं, रात की तो बात छोड़िए दिन में भी घरों से बाहर नही निकलती है. जब
सुदर्शन न्यूज़ ग्राउंड पर पहुँचा तो महिलाओं का दर्द उनकी आंखों से साफ झलकता नजर
आया. जब शिकायत पुलिस प्रशासन में की जाती है तो उल्टे हिंदुओ को ही जेल में डालने
की धमकी दी जाती है.
जब सुदर्शन न्यूज़ की टीम ने हिंडन विहार का जायज़ा
लिया तो देखा, तब उन 11 दावों में पूरी शत प्रतिशत
सत्यता दिखी जिंदा ओं को सुनकर सुदर्शन की टीम वहां पर पहुंची थी वहां हालात बद से
बदतर और भय से भयावाह दिखे. अब स्थिति ये है कि लगातार यहाँ पर ये कट्टरपंथी
सरकारी जमीनों पर कब्जा कर अवैध निर्माण कार्य करके काले धंधों को अंजाम दे रहे
है.
जिसका विरोध अगर कोई हिन्दू करता है तो उनके परिवार वालों के साथ मारपीट की जाती है. ये वो स्थान है जहां संत, गाय और नारी सभी असुरक्षित दिखे. यहाँ हिन्दू मात्र अपना धर्म बचाने के लिए पलायन करने पर मजबूर है. गाज़ियाबाद का हिंडन विहार आज लगभग हिन्दू विहीन हो चुका है.
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