भारत
में आबादी बढ़ने की कई वजह सामने आ रही हैं। क्योंकि देश में अभी भी कोई सख्त कानून
नहीं है इसलिए सब चल रहा है। लेकिन सबसे बडी वजहों में है जन्म दर का मृत्यु दर से
अधिक होना। हमने मृत्यु दर को तो सफलतापूर्वक कम दर दिया है पर यही बात जन्म दर के
बारे में नहीं कही जा सकतीं कई जनसंख्या नीतियों और अन्य उपायों से प्रजनन दर कम
तो हुई है पर फिर भी यह दूसरे देशों के मुकाबले बहुत अधिक है। इसके लिए कई सामाजिक
मुद्दे हैं जिससे देश की आबादी बढ़ती जा रही है।
जल्दी
शादी विवाह प्रणाली हमारे यहां अभी भी चल रही है। वैसे तो कानूनी तौर पर लड़की की
शादी की उम्र 18
साल है, लेकिन जल्दी शादी की अवधारणा यहां बहुत प्रचलित है और जल्दी शादी
करने से गर्भधारण करने की अवधि भी बढ़ जाती है। इसके अलावा भारत में शादी को एक
पवित्र कर्तव्य और सार्वभौमिक अभ्यास माना जाता है। जहां लगभग सभी महिलाओं की शादी
प्रजनन क्षमता की आयु में आते ही हो जाती है। वहीं गरीबी और निरक्षरता आबादी के
तेजी से बढ़ने का एक अन्य कारण है।
गरीब
परिवारों में एक धारणा है कि परिवार में जितने ज्यादा सदस्य होंगे उतने ज्यादा लोग
कमाने वाले होंगे। लेकिन सच है कि भारत अब भी गर्भ निरोधकों और गर्भनिरोधक विधियों
के इस्तेमाल में पीछे है। कई लोग इस बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं होते हैं
या फिर इससे पूरी तरह अनजान हैं। वहीं निरक्षरता भी आबादी बढ़ने का एक अन्य कारण
है। पुराने सांस्कृतिक आदर्श भारत में बेटे परिवार में पैसे कमाने वाले माने जाते
हैं। इस दकियानूसी सोच के चलते माता-पिता पर बेटा पैदा करने का दबाव बहुत बढ़ जाता
है।
जितने
ज्यादा हों उतना और अच्छा। वहीं अवैध प्रवासी भी एक बडा कारण है। हम इस तथ्य को
नहीं नकार सकते कि बांग्लादेश, नेपाल से अवैध प्रवासियों की लगातार वृद्धि से
जनसंख्या घनत्व में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं कुछ लोग गरीबी में और ज्यादा बच्चा पैदा
करके गरीबी को दूर करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अब हमें सिर्फ कोई सख्त कानून
ही बचा सकता है जनसंख्या के विस्फोट से।
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