13 November 2020

UPSC परीक्षा और इंटरव्यू में मुस्लिम को कैसे फायदा मिलता है!

शाह फैसल रिटेन में स्कोर किया 1136 नंबर लेकिन साक्षातकार में 300 में से 225 नंबर मिले और पहला स्थान प्राप्त किया

प्रकाश रापुरोहित रिटेन में स्कोर 1171 लेकिन इंटरव्यू में 300 में से नंबर दिए 165 रैंक 2 मिली

2018 यूपीएसी में मुस्लिम स्टूडेंट्स ने नॉन मुस्लिम से लिखित परिक्षा में 13 नंबर कम पाए

लेकिन इंटरव्यू में मुस्लिम उम्मीदवारों ने 12 नंबर ज्यादा पाए

साक्षात्कार में मुस्लिम उम्मीदवार के ज्यादा नंबर पाने से रैंक में 5 से 8 रैंक का अंतर हो गया

                        रिटेन में एवरेज स्कोर

मुस्लिम 793

नॉन मुस्लिम 806

इंटरव्यू में एवरेज स्कोर 

मुस्लिम 181

नॉन मुस्लिम 169

रैंक में अंतर

210 से 284 हो जाता है

सरकारी मदद, एनजीओ मदद, उम्र का लाभ, अटेंप्ट ज्यादा, भाषा, विषय, पेपर चेकर, इंटरव्यू में मदद, क्वालीफाइंग मार्कस, कोचिंग सेंटर

                        क्वालीफाइंग मार्कस

2019 हिंदू के लिए प्री आईएएस 95 मैन एग्जाम 775

2019 मुस्लिम के लिए प्री आईएएस 93 मैन एग्जाम 735


                               अटेंप्ट

यूपीएससी में हिंदू के लिए 6 अटेंप्ट

यूपीएससी में मुस्लिम के लिए 9 अटेंप्ट

                            उम्र का लाभ

यूपीएससी के लिए हिंदू के लिए अधिकतम 32 साल

यूपीएससी में मुस्लिम के लिए अधिकतम उम्र 35 साल

                       हिंदू स्टूडेंटस के खर्चे

3 लाख प्रतिवर्ष हाॅस्टल खर्च 3 साल का 9 लाख

2 लाख कोचिंग फीस प्रति 18 माह तो तीन साल का 4 लाख

1 लाख किताबें, नोट्स, स्टेश्नरी और लैपटोप खर्च

एक साल का 80 कन्वेंस फेयर तो 3 साल का 2 लाख 40 हजार

अन्य खर्चे 3 साल के 2 लाख

एक हिंदू स्टूडेंट आईएएस की कोचिंग को 3 साल की तैयारी के लिए 18 लाख 40 हजार रूपए चाहिए

           UPSC में हर साल बढ़ते मुसलमान

दस सालों में मुस्लिमों की सफलता का ग्राफ सौ फीसदी बढ़ गया है

2019 में 44 मुस्लिम उम्मीदवारों ने यूपीएससी पास किया है

30 उम्मीदवार जामिया मिल्लिया की रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी के स्टूडेंटस

7 उममीदवार हमदर्द कोचिंग सेंटर लखनउ के पास आउट हुए

27 मुस्लिम उम्मीदवारों को जकात फाउंडेशन से आर्थिक सहायता मिली

2010 में 31 मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए थे

2011 में 21 मुस्लिम उम्मीदवार पास हुए थे

2015 में कुल 37 मुस्लिम उम्मीदवार पास हुए

2016 में 50 मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए

2016 में मुस्लिम उम्मीदवारों की सफलता कर दर 2.4 प्रतिशत थी

4 साल में मुस्लिम उम्मीदवारों की सफलता दी दर 4 प्रतिशत हो गई है

2017 में 52 मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए

2018 में 28 मुस्लिम उम्मीदवार पास हुए

5.4 प्रतिशत मुस्लिम उम्मीदवार सफल हुए हैं यूपीएससी में

2018 में 28 मुस्लिम उम्मीदवार पास हुए यूपीएसी में

2019 में मुस्लिम उम्मीदवारों ने 40 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी की है

         दूसरे समुदायों का हक मारते मुस्लिम

मुस्लिम समुदाय अब अल्पसंख्यक नहीं हैं क्योंकि उनकी जनसंख्या अब 40 करोड़ हो गई है

दूसरे समुदायों के हक को मुस्लिम समुदाय मार रहा है सिविल सेवा परिक्षा में

यूपीएसी के लिए सरकार ने 2020 में 219 मुस्लिम छात्रों को कोचिंग के लिए पैसा दिया अल्पसंख्यक के नाम पर

वहीं 36 ईसाईयों को तो 24 बौद्ध छात्रों को 9 पारसी छात्रों को मदद दी गई

स्टेट पीसीएस के लिए 1460 छात्रों को सरकार ने मदद की

जबकि 240 ईसाईयों को तो 160 बौद्धों को और सिर्फ 12 पारसी छात्रों को मदद दी

एसएससी के लिए सरकार ने मुस्लिम 1467 छात्रों को मदद दी

वहीं 165 ईसाईयों तो 13 पारसियों को सिर्फ मदद दी गई

पीएससी स्टेट लेवल पर 584 मुस्लिम स्टूडेंटस को मदद दी

वहीं 64 ईसाईयों को तो 26 बौद्धों को और 4 पारसियों को मदद दी

 जकात के जरिए मुस्लिम उम्मीदवारों की सहायता

जकात फाउंडेशन को सैयद जफर महमूद पूर्व आईएएस प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आएसडी

जकात फाउंडेशन को मदद उस ब्रिटिश संस्था से मिलती है जो भारत के खिलाफ आतंकी हमले करने वाले आतंकी ग्रुप हैं

2008 से जकात फाउंडेशन मुस्लिम युवाओं को फ्री कोचिंग देने की व्यवस्था की

जकात की मदद से 2019 में 27 मुस्लिम युवा यूपीएसी में शामिल हुए हैं

जकात की मदद से 9 उम्मीदवार यूपी से तो केरल से 8, जम्मू-कश्मीर से 3, बिहार महाराष्ट्र से दो-दो और कर्नाटक गुजरात से 1-1 मुस्लिम उम्मीवार पास हुआ है

जकात हर मुसलमान अपनी संपत्ति और आमदनी का ढ़ाई प्रतिशत देता है

जकात मुसलमान कभी देश के हित में नहीं देते

जकात से सिर्फ मुसलमानों के धार्मिक अड्डे बनाए जाते हैं

जकात से पास हुए मुस्लिम उम्मीदवार क्या दूसरे समुदायों की समस्याओं को कैसे सुनेंगे ?

         उड़ान योजना के तहत सरकारी मदद

सरकार नई उडान योजना के तहत अल्पसंख्यकों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए मदद करती है

उड़ान योजना के तहत मुस्लिमों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए 6 से 8 लाख रूपए की मदद करती है सरकार

मुसलमानों को यूपीएसी का प्री एग्जाम पास करने के लिए 1 लाख रूपए की मदद करती है सरकार

एसपीएसी प्री एग्जाम पास करने के लिए 50 हजार की मदद देती है सरकार मुसलमानों को

एएससी-सीजीएल प्री एग्जाम पास करने के लिए सरकार मुसलमानों को 25 हजार रूपए देती है

मुस्लिम उम्मीदवारों की कोचिंग के लिए 2019 में सरकार सरकार ने 8 करोड़ खर्च किए तो 2020 में 20 करोड़ रूपए खर्च में बढ़ दिए गए

2012 में मनमोहन सरकार ने यूपीएससी एकेडमी खोली

2015 में 15 करोड़ रूपए दिए मोदी सरकार ने यूपीएससी एकेडमी को

       उर्दू भाषा सिविल सेवा की कुंजी बनी

उदू भाषा को मुख्य एग्जाम में भाषा विकल्प रखा

मुख्य एग्जाम में मुस्लिमों के लिए उर्दू भाषा का विकल्प रखा है सरकार ने

आखिर मुसलमानों को उर्दू भाषा चुनने का विकल्प क्यों दिया ?

क्या अब देश उर्दू से चलेगा

क्या उदू भाषा के जरिए कोई पूरे देश के लोगों से डील करेगा

 सिविल सेवा पास हुए मुस्लिमों की देशविरोधी सोच

नादिया बेग कश्मीर के कुपवाड़ा से यूपीएससी रिजल्ट में 350वीं रैंक

एग्जाम पास होने के बाद नादिया बेग ने अपना पुराना ट्वीटर एकाउंट बंद कर दिया

पुराने ट्वीट में नादिया पाकिस्तानी आसिफ गफूर और इमरान खान की तरीफ कर रही हैं

कश्मीर पर भारत के अनाधिकृत कब्जे की बात करती है

कश्मीर को फ्री यानि भारत सरकार को कश्मीर छोड़ने की बात करती है

भारत के प्रधानमंत्री मोदी को किलर आफ डेमोक्रेसी बोलती है

350वीं रैंक पर आईएएस तो मिलने से रहा

अब नादिया को माइनारिटी कोटे से आईएफएस मिलेगा जो भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर काम करते हैं

पाकिस्तान समर्थक नादिया कैसे भारत के खिलाफ साजिश नहीं करेगी विदेश में ये कौन कह सकता है

क्या पाकिस्तानी आइडियोलोजी वाली महिला पाकिस्तान को हमारी खूफिया सूचना नहीं बेच सकती है ?

अगर रिवेन्यू वाली सर्विस आईआरएस मिल गई तो क्या गारंटी कि भारत का पैसा आतंकी संगठन के पास नहीं जाएगा ?

क्या इंटरव्यू नालेज के साथ-साथ देशप्रेम और देशहित के सवाल नहीं होने चाहिए

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