30 November 2013

क्या दिल्ली में अपराध की जड़ बांग्लादेसी घुसपैठिए हैं ?

देश की राजधानी दिल्ली में पिछले पांच साल में दिल्ली पुलिस ने सिर्फ 7000 अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा पाया है। मगर आज इनकी संख्या बढ़कर लाखों में हो गई है। ये घुसपैठी आए दिन दिल्ली में खुलेआम लूटपाट मचा रहे हैं। मगर सरकार और प्रसाशन हाथ पर हाथ धरे बेठे हुए हैं। कुछ दिन पहले उत्तरी दिल्ली में 1369 गिरफ्तार घुसपैठियों में से आधे से जयादा अपराध के सिलसिले में जेल भेजे गए, जबकी हजारों की संख्या में बांग्लादेसी अब तक फरार बताए जा रहे है। पुलिस के पास अब तक इनके बारे में कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं हैं। दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 33वें ट्रेड फेयर मेले में भी बांग्लादेशी गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह खासकर मेले में आने वाले एनआरआई व विदेशी मेहमानों को अपना निशाना बना रहे हैं।

ये घुसपैठिए सैलानियों की पासपोर्ट पर अपनी टेढ़ीनजर गड़ाए हुए हैं । ये गिरोह पासपोर्ट चोरी के बाद बांग्लादेश में 5000 से लेकर 50,000 तक में  बेचते हैं। वहीं दूसरी तरफ मेले में पासपोर्ट चोरी के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। अब तक 40 से ज्यादा पासपोर्ट चोरी के मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा मोबाइल व अन्य छोटे मोटे सामान चोरी करने के आरोप में घुसपैठियों की गिरोह को पकड़ा गया है। पुलिस सूत्रों की माने तो यह गिरोह इन चोरी के पासपोर्ट को बांग्लादेश में अपने आकाओं को बेच देते हैं। उसके बाद वह पासपोर्ट आंतकी संगठनों के हवाले कर देते हैं। विदेशी नागरिकों की पासपोर्ट की कीमत लाखों रुपए तक होती है।

तिहाड़ जेल में इस समय 391 खतरनाक बांग्लादेशी अपराधी गिरोह सदस्य विभिन्न अपराधों में बंद हैं। मगर पुलिस सुत्रों की माने तो ये गिरोह जेल से ही अपने नेटर्वक को संचालित कर रहे है। बांग्लादेशी घुसपैठिए न केवल चोरी, हत्या व लूट जैसी वारदातों में लिप्त पाए जा रहे हैं, बल्कि ड्रग्स तस्करी व नकली नोटों का धंधा कर देश की अर्थव्यवथा को भी हानी पहुंचा रहे हैं। इतनी गंभीर समस्या होने के बावजूद इसके तरफ अभी तक किसी का ध्यान नहीं है। 2005 में दिल्ली कैंट इलाके से पकड़ा गया एक बांग्लादेशी नागरिक गुलाम मुस्तफा ने सेना की मेस में दो  साल से कुक की नौकरी भी कर चुका हैं। 31 जुलाई को दिल्ली के त्रिनगर में एक घुसपैठी को चोरी करते पकड़ा गया। वारदात का सामान उसके पास से बरामद होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे नेटर्वक को पकड़ा था जो लोगों को नकली डॉलर देकर भारतीय नोट से बदलने का कारोबार कर रहे थे। 

पिछले साल दिसंबर में दयानंद विहार में रेलवे लाइन के नजदीक स्थित घरों में घुस कर हथियारों के दम पर एक साथ कई लोगों को बंधक बनाकर बांग्लादेसी घुसपैठियों ने लूटपाट की थी। आजादपुर मंडी में घुसपैठियों ने इस कदर आतंक मचा रखा कि कारोबारी इनके भय से सहमे हुए है। बांग्लादेशी बदमाश दिल्ली आकर ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देकर लाखों की जूलरी और नकदी के साथ अपने देश लौट जाते हैं। लूट के माल से उन्होंने वहां कारोबार खड़ा कर लिया है। तो वहीं कई बदमाश लूटे गए माल को बेचकर वहां साहूकार बन गए हैं। वहां पर उनकी गिनती जमींदारों के रूप में होने लगी है, बावजूद इसके दिल्ली में बांग्लादेशी बदमाशों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या दिल्ली में अपराध की जड़ बांग्लादेसी घुसपैठिए ही हैं?

दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठिओं का आतंक !

  • पिछले साल 17 अक्टूबर को जाकर खैरूल नामक घुसपैठिए ने दिल्ली के एक व्यक्ति को धारदार हथियार से वार कर उसका मर्डर कर दिया था।
  • इसी साल 31 जुलाई की रात घुसपैठिए घुसपैठीए ने त्रिनगर में एक डॉक्टर के घर में घुस कर 19 हजार रुपये और पांच सेलफोन चोरी किए।
  • घुसपैठिए के पास से दिल्ली पुलिस ने 12 हजार रुपये और आईफोन बरामद किया गया।
  • कुख्यात बांग्लादेशी बदमाश दुलाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर दिल्ली में कई सनसनीखेज डकैती की वारदातों को अंजाम दिया।
  • दिल्ली की विभिन्न डिस्ट्रिक्ट की पुलिस दुलाल को लंबे समय से तलाश कर रही है।
  • बांग्लादेशी नागरिक गुलाम मुस्तफा ने सेना की मेस में दो साल तक कुक की नौकरी की।
  • दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक ऐसे नेटर्वक को पकड़ा था जो लोगों को नकली डॉलर  देकर भारतीय नोट से बदलने का कारोबार कर रहे थे।
  • पिछले साल दिसंबर में दयानंद विहार में रेलवे लाइन के नजदीक स्थित घरों में घुस कर हथियारों के दम पर एक साथ कई लोगों को बंधक बनाकर घुसपैठिए घुसपैठियों ने लूटपाट की थी।
  • आजादपुर मंडी में घुसपैठिए घुसपैठियों की आतंक से कारोबारी सहमे हुए है।
  • दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 33वें ट्रेड फेयर मेले में भी बांग्लादेशी गिरोह सक्रिय है।
  • घुसपैठिए घुसपैठियों का गिरोह मेले में आने वाले एनआरआई व विदेशी मेहमानों को अपना निशाना बना रहे हैं।
  • बांग्लादेशी घुसपैठिए पासपोर्ट चोरी करने के बाद बांग्लादेश में 5000 से लेकर 50,000 तक में  बेचते हैं।
  • बांग्लादेशी घुसपैठिए चोरी के पासपोर्ट को बांग्लादेश में अपने आकाओं को बेच देते हैं।
  • विदेशी नागरिकों की पासपोर्ट की कीमत लाखों रुपए तक होती है।
  • दिल्ली के तिहाड़ जेल में इस समय 391 खतरनाक बांग्लादेशी अपराधी विभिन्न अपराधों में बंद हैं।
  • ये गिरोह जेल से ही अपने नेटर्वक को संचालित कर रहे है।
  • बांग्लादेशी घुसपैठिए चोरी, हत्या, लूट, ड्रग्स तस्करी, नकली नोटों का धंधा जैसी वारदातों में लिप्त पकड़े जा रहे है।

No comments:

Post a Comment