26 November 2013

क्या छत्तीसगढ़ सिमी का गढ़ बन गया है ?

छत्तीसगढ़ में बीते दो दशक से नक्सली अपने आतंक का साम्राज्य स्थापित कर छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार को चुनौती देते आ रहे हैं । राज्य सरकार और केंद्र सरकार कि लाख कोशिशों के बावजूद लाल आतंक पर काबू नहीं पाया जा सका है । जिसके परिणाम स्वरुप पच्चीस मई को दरभा घाटी में तीस से ज्यादा कोंग्रेसी नक्सली हमले के शिकार में उनकी मौत हो गयी थी । लाल आतंक के खतरे के बाद राज्य के भीतर जेहादी आतंकी भी सक्रीय हो गए हैं । इसका ताज़ा उदहारण पिछले सप्ताह चार कथित सिमी से जुड़े आतंकियों कि गिरफ्तारी और उनके खुलाशे के बाद पुलिस ने अब तक और नौ कथित आतंकियों कुल तेरह कथित आतंकियों के गिरफ्तारी के बाद हुआ । 

पिछले दिनों रायपुर पुलिस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए पकडे गए कथित आतंकियों के हवाले से महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए खुलासा किया था कि इन आतंकियों के मंसूबे बड़े ही खतरनाक थे। पकडे गए आतंकी उमेर सिद्दीकी का सम्बन्ध पकिस्तान के खूंखार आतंकी अब्दुल शुभान तौकीर से वर्ष दो हजार नौ से सम्बन्ध होने कि जानकारी रायपुर इंटिलिजेंस के ए.डी.जी. मुकेश गुप्ता ने दी है। पुलिस के मुताबिग उमेर सिद्दीकी अपना एक अलग मॉड्यूल चलाया करता था ताकि पुलिस को उनके गतिविधियों के बारे में कुछ भी जानकारी न मिल सके। यहाँ तक कि उमर सिद्दीकी पुलिस को धोखा देने के लिए अपना मोबाइल घर में ही छोड़कर बाहर अलग अलग पीसीओ से जाकर अपने पाकिस्तान के आकाओं से संपर्क स्थापित करता था।

उमेर सिद्दीकी उच्च शिक्षित और पढ़ा लिखा भी है। उमेर सिद्दीकी रायपुर के अंदर सिमी और आतंकियों के लिए ठहरने और उनके रहने खाने पीने का बंदोबस्त भी करता था इसके लिए उन्होंने बाकायदा रायपुर सहित आस पास के शहरों में आतंकियों का स्लीपर सेल भी बना लिया था। बताया तो यह भी जा रहा है उमेर सिद्दीकी को सिमी ने समूचे छत्तीसगढ़ का चीफ भी बना रखा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिग इन आतंकियों को शहर के कुछ बड़े और नामचीन पैसे वाली पार्टियों से प्रत्येक माह इन आतंकियों को उनकी गतिविधियों के संचालन के लिए लाखों रूपये कि आर्थिक मदद भी मिलने की खबर है। इसके अलावा इन कथित आतंकियों को बहार से भी फंडिंग होने की बात सामने आयी है।

पुलिस ने जानकारी दी है कि उमेर सिद्दीकी जिन्होंने स्वयं स्वीकार किया है कि बोधगया में जो विस्फोट हुआ था वही उसका मास्टर माइंड है इसके साथ ही पटना ब्लास्ट का भी उसने अपने आपको मास्टर माइंड बताया है। इतना ही नहीं उसने साँची के बौद्ध स्तूप में विस्फोट करने के अलावा छत्तीसगढ़ के अब तक के सबसे पुरातात्विक महत्त्व के सिरपुर स्थित बौद्धों के सबसे प्राचीन बौद्ध स्तूप  पर भी विस्फोट करने कि तैय्यारी की बात कबूल की है। उमेर सिद्दीकी ने बौध्द स्तूपों और उनके मठों पर विस्फोट करने के पीछे जो कहानी बतायी है वह यह है कि वर्ष दो हजार एक में बर्मा में रहने वाले रोएन्गा समुदाय के मुसलमानो और बौद्धों के मध्य सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिसमे बौद्धों ने रोएन्गा संप्रदाय के नेता की हत्या कर दिया था, इसी बात का बदला लेने के लिए उमेर सिद्दीकी ने भारत के बौद्ध विहारों को अपना निशाना बनाने की योजना बनायी।

उमेर सिद्दीकी यहीं पर नहीं रुका। बोध गया विस्फोट और पटना ब्लास्ट में आसानी से भाग सकने में सफलता मिलने के बाद उसका हौसला और भी ज्यादा बढ़ गया। उमेर सिद्दीकी को लगा कि छत्तीसगढ़ पुलिस को उनके ऊपर बिलकुल भी शंका नहीं है। इसके बाद उसने मुजफ्फरनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा का बदला लेने के लिए नरेंद्र को टारगेट कर उनकी ह्त्या करना चाहता था। इसीलिए उसने पटना में ब्लास्ट कर भीड़ के बीच भगदड़ करने के लिए ब्लास्ट किया था। उमेर सिद्दीकी और उनके चार अन्य साथियों ने नरेंद्र मोदी की ह्त्या के लिए दिल्ली, कानपुर सहित छत्तीसगढ़ में रेकी की थी लेकिन सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होने की वजह से उमेर सिद्दीकी और उनके साथियों ने विस्फोट करने का मंसूबा फिलहाल अपने मन से निकाल दिया था। लेकिन वे मौके की तलाश में जरूर थे कि कब मौका मिले और वे अपने नापाक मंसूबों को अंजाम तक पहुंचा सकें।

रायपुर पुलिस ने पूर्व में पकडे गए सभी 11 कथित आतंकियों को शुक्रवार को जिला न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमे न्यायलय ने सात लोगों को चार दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जैल भेजने का आदेश दे दिया है तो वहीँ चार अन्य उमेर सिद्दीकी और उनके तीन साथियों को चार दिन के लिए पुलिस रिमांड में देने का आदेश जारी किया है। उमेर सिद्दीकी के निशानदेही पर आज दो और अन्य कथित आतंकियों को क्रमशः रायपुर और रायगढ़ से पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

रायपुर पुलिस ने आज से दो वर्ष पूर्व ही रायपुर में सिमी के स्लीपर सेल होने का खुलासा कर चुकी है और इस सम्बन्ध में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। तब से लेकर रायपुर पुलिस जिनके ऊपर पुलिस को सिमी का स्लीपर सेल चलाने का संदेह था उनके मोबाइल फोन और लैंड लाइन फोन को पुलिस निरंतर ट्रेस कर रही थी। पटना ब्लास्ट में उमेर सिद्दीकी के हाथ होने की बात एनआईए ने रायपुर पुलिस को दी उसके बाद रायपुर पुलिस हरकत में आई फिर कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए रायपुर पुलिस सिमी से जुड़े कथित आतंकियों कि धर पकड़ प्रारम्भ की। सिमी के तीन अन्य आतंकी उमेर सिद्दीकी के पकडे जाने कि खबर के बाद से वे फरार हैं जिसके लिए एन आई ए ने दस दस लाख रूपये इनाम कि घोषणा की है। आने वाले दिनों में रायपुर से सिमी का नेटवर्क चलाने वाले और लोगों कि भी गिरफ्तारी सम्भव है। इसमें शहर के कई नामचीन लोग भी हो सकते हैं।

No comments:

Post a Comment