देश में हिन्दूवादी नेता के तौर पर उभरे
नरेन्द्र मोदी ने भले ही गुजरात में सबसे ऊंची प्रतिमा की आधारशिला रखी हो
लेकिन जिन राम के नाम पर उनकी पार्टी बीते दो दशक से राजनीति कर रही है उन
राम का सबसे बड़ा मंदिर हिन्दुत्व की प्रयोगशाला गुजरात में नहीं बल्कि
बिहार में बनने जा रहा है, वह भी गुजरात के ही विख्यात वास्तुशास्त्री
पीयुष सोमपुरा के प्रयास से। बीते कुछ सालों से दुनिया के सबसे बड़े हिन्दू
मंदिर अंकोरवाट से भी बड़े मंदिर की जो परिकल्पना की जा रही थी, अब उसका
पूरा प्लान सामने आ चुका है। बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
और द्वारका पीठाधीश्वर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की मौजूदगी में बिहार में
बनने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर का प्रारूप सामने रखा गया।
यह मंदिर बिहार के जानकीनगर में बनने जा रहा है जो कि पटना से
120 किलोमीटर और वैशाली से 60 किलोमीटर दूर है। मंदिर की कल्पना को साकार
करनेवाले आचार्य किशोर कुणाल का कहना है कि जनकपुर से लौटते हुए भगवान राम
माता जानकी के साथ यहां गंगा के किनारे रुके थे। इस स्थान के उसी पौराणिक
महत्व को देखते हुए जानकीनगर में दुनिया का सबसे विशाल रामायण मंदिर
निर्मित किया जा रहा है।
मंदिर का जो प्रस्तावित स्वरूप बुधवार को पटना में प्रस्तुत किया गया
उसके अनुसार 200 एकड़ में बननेवाला इस मंदिर परिसर में सबसे ऊंचे मंदिर की
ऊंचाई 405 फुट होगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर में 17 अन्य मंदिर निर्मित
किये जाएंगे जिससे यह मंदिर परिसर 18 मंदिरों का पूरा परिसर होगा। अंकोरवाट
मंदिर परिसर जिसे दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर कहा जाता है वह
भी 13 मंदिरों का परिसर है।
पूर्व में इस मंदिर का नाम अंकोरवाट राम मंदिर रखा गया था लेकिन अब इसका
नामकरण विराट रामायण मंदिर कर दिया गया है। किशोर कुणाल कहते हैं कि यह
दुनिया का पहला ऐसा मंदिर होगा जिसका नाम एक ग्रंथ के नाम पर रखा जा रहा
है। इस मंदिर परिसर में जो शिव मंदिर होगा उसमें दुनिया का सबसे ऊंचा
शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर परिसर में भगवान राम के जीवन
चरित्र को प्रदर्शित किया जाएगा।
मंदिर के आठ साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद है। किशोर कुणाल का कहना
है कि मंदिर परिसर में अधिकांश भराई का काम पूरा कर लिया गया है और जल्द
ही मूल मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। बताया जा रहा है कि मंदिर
का पहला चरण 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मंदिर के वास्तुशास्त्री प्रसिद्ध सोमपुरा समुदाय के पीयुष सोमपुरा हैं
जो कि इस मंदिर के लिए गुजराती समाज, मारवाड़ी समाज और विदेश में बसे
भारतीयों से धन इकट्ठा करने का काम भी कर रहे हैं। एक टीवी इंटरव्यू में
पीयुष सोमपुरा ने कहा था कि 600 करोड़ के लागतवाली इस मूल योजना के लिए अब
तक 200 करोड़ रूपये का आश्वासन प्राप्त हो चुका है। हालांकि विराट रामायण
मंदिर के प्रयासरत संस्था महावीर मंदिर पटना का कहना है कि मंदिर के लिए
300 करोड़ रूपया का आश्वासन प्राप्त हो चुका है। जबकि लागत 500 से 600
करोड़ के बीच रहने का अनुमान है।
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