पौष पूर्णिमा और मकर
संक्रांति के स्नान के शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद प्रयागराज के महाकुंभ मेले
में आस्था की लहर जारी है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचकर
त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। कल्पवासियों, साधु-संतों और
श्रद्धालुओं की भीड़ संगम तट पर आस्था और विश्वास का अद्भुत नजारा पेश कर रही है।
प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए स्वच्छता और सुरक्षा की
पुख्ता व्यवस्था कर रहा है, ताकि हर व्यक्ति के अनुभव को स्मरणीय बनाया जा सके।
महाकुंभ मेले में पवित्र स्नान कर चुके करोड़ों श्रद्धालु इसे अपने जीवन का
सौभाग्य मान रहे हैं। साधु-संतों का संतोष और उनके द्वारा दिया गया आशीर्वाद
स्वच्छता कर्मियों के उत्साह को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। महाकुंभ मेला 2025 पर बोलते हुए, साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि यह 'भारत और सनातन धर्म की शक्ति' का प्रतीक है। “कल का अमृत स्नान एक दिव्य घटना थी।
मैं सोच रही थी कि मैंने पिछले जन्म में क्या अच्छे कर्म किये थे कि मुझे इस
कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। यह न केवल गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है, बल्कि यह पूरे विश्व को एक परिवार के
रूप में दर्शाता है। यह दर्शाता है कि पूरी दुनिया एक परिवार है, वसुधैव कुटुंबकम... यह न केवल एक घटना
है बल्कि दुनिया के लिए एक संदेश है कि कैसे संघर्ष और युद्ध के समय दुनिया शांति, विश्वास और भक्ति के नाम पर एक साथ आती
है। यह 'शांति संगम' है। मैं पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के
सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करता हूं...''
मकर संक्रांति पर प्रयागराज विश्व की
सर्वाधिक आबादी वाला शहर हो गया। प्रयागराज एक दिन के लिए 3.50 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला शहर बना।
इसमें देश-विदेश से भी लोग आए। इन सब को मिलाकर महाकुंभ ने कई विश्व रिकॉड बनाए
हैं।
प्रयागराज महाकुंभ ने बनाया विश्व रिकॉर्ड
मकर
संक्रांति के मौके पर प्रयागराज एक दिन के लिए विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला शहर
बन गया
देश
विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं की वजह से प्रयागराज के खाते में यह उपलब्धि दर्ज
हुई
एक
दिन के लिए प्रयागराज की आबादी चार करोड़ के आंकड़े को पार कर गई
मकर
संक्रांति पर प्रयागराज में 3.50 करोड़
लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई
जिले
की आबादी तकरीबन 70 लाख के
आसपास है
प्रयागराज
की आबादी को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या 4.20 करोड़
हो जाती है
दुनिया
में जापान का टोक्यो सर्वाधिक आबादी वाला शहर है
2.93 करोड़ आबादी के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है
यहां
की आबादी 3.74 करोड़
के आसपास है
2.93 करोड़ आबादी के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है
इस
हिसाब से 4.20 करोड़
आबादी के साथ प्रयागराज विश्व का सबसे बड़ा शहर बन गया
खास
बात यह भी है कि मंगलवार को प्रयागराज की आबादी विश्व के कई देशों से ज्यादा रही।
महाकुंभ के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर 1.75 करोड़
लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई थी। अगर
उस आंकड़े को मकर संक्रांति के मौके पर स्नान करने वालों की संख्या से जोड़ा जाए
तो यह संख्या 5.25 करोड़
बैठती है। अभी 29 जनवरी
को मौनी अमावस्या का स्नान पर्व है। अमावस्या
पर छह से आठ करोड़ के बीच श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। ऐसे में प्रयागराज 29 जनवरी को भी एक बार फिर से विश्व में सर्वाधिक आबादी वाला
शहर बनने जा रहा है।
सर्वाधिक आबादी वाले विश्व के पांच शहर
टोक्यो 3.74
करोड़
दिल्ली 2.93 करोड़
शंघाई 2.63 करोड़
साओ पाउलो 2.18 करोड़
मैक्सिको सिटी 2.16 करोड़
प्रयागराज
में मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को सनातन परंपरा के सबसे बड़े मानव समागम का
वृहद रूप दिखा। हर तरफ स्नानार्थियों की आस्था उमड़ती रही। मेला क्षेत्र के अलावा
प्रमुख मार्गों पर भी स्नानार्थियों की भीड़ रही। आस्था
की नगरी में तरह-तरह के रंग दिखे। लोग मां गंगा और भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए
चलते रहे। उत्साह और जयकारों के बीच कई किमी की पैदल यात्रा की थकान और सर्दी भी
लोगों की आस्था को डिगा न सकी।
कड़ाके
की ठंड के बीच तीसरे दिन का उत्सव शुरू हुआ। कड़ाके की ठंड को झेलते हुए, ऊर्जा
और उत्साह से भरे श्रद्धालु आज भी महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाने के लिए त्रिवेणी
संगम पर एकत्र हुए। ‘हर हर
महादेव’, ‘जय
श्री राम’ और ‘जय
गंगा मैया’ के
नारे लगाते हुए श्रद्धालुओं ने हाड़ कंपा देने वाले जल में डुबकी लगाई। वहीं
महाकुंभ को लेकर सियासत भी जारी है। 14 जनवरी को
मकर संक्रांति पर हरिद्वार में अखिलेश ने गंगा स्नान किया। अखिलेश ने कहा कि जब मां गंगा बुलाएंगी, तब संगम जाएंगे। इतने संसाधन होने के बाद भी अगर महाकुंभ में कमियां रहती
हैं तो कहीं न कहीं सवाल खड़े होते हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार उन तमाम कमियों
पर ध्यान देगी और दूर करेगी।
डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने भी अखिलेश यादव का जवाब देते हुए कहा कि अखिलेश यादव पूरी
तरह से डीरेल्ड हैं। उन्हें पता नहीं है यह अविस्मरणीय, अद्भुत महाकुंभ प्रयागराज में संपन्न हो रहा है। ऐसे
अवसर पर मैं अपने सभी साथियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं।
अखिलेश यादव के हरिद्वार गंगा में डुबकी लगाने
के बाद अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने निशाना
साधा है। उन्होंने कहा- अखिलेश यादव ने पिछले दिनों कुंभ के आमंत्रण को लेकर सवाल
खड़ा किया और आज हरिद्वार में गंगा स्नान करके फोटो जारी किया। स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, पहले आप कुंभ में आमंत्रण को लेकर विरोध कर रहे हैं। फिर मकर
संक्रांति में आप हरिद्वार जाकर स्नान करते हैं।
प्रयागराज में लगे
महाकुंभ मेले में भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इसके लिए बरेली से महाकुंभ
मेला जाने वाले श्रद्धालुओं को रेलवे और बसों के जरिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध
कराई गई है। इसे लेकर परिवहन निगम ने सैटेलाइट और पुराने बस अड्डे पर कंट्रोल रूम
स्थापित किए हैं। तीन शिफ्टों में 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहेंगे
और प्रयागराज जाने वाली बसों की जानकारी देंगे। इसके साथ ही साथ बरेली रीजन की 430 बसों को प्रयागराज
में लगे महाकुंभ मेले में भेजा जा रहा है।
महाकुंभ में आध्यात्मिक विचारों
का आदान प्रदान होता है लेकिन आज अर्थ की दुनिया में महाकुंभ किसी ओलिंपिक से कम
नहीं हैं जिनका जहां आयोजन होता है, वह
और उसके आसपास के शहर दूसरे स्थानों से आर्थिक विकास की दौड़ में मीलों आगे निकल
जाते हैं। महाकुंभ शुरू हो गया है, अगले 45 दिन में इनके 45 करोड़
होने की उम्मीद है। इस संख्या को देखते हुए कनफेडरेशन आफ इंडियन ट्रेडर्स ने
महाकुंभ में दो लाख करोड़ रुपये का कारोबार की उम्मीद जताई है।
महाकुंभ में बंपर कमाई
साल 1906 के कुंभ मेले में ब्रिटिश सरकार ने सिर्फ 10,000
रुपए कमाए थे
200 सालों से ज्यादा समय में कुंभ से होने वाली कमाई कई
गुना बढ़ गई है
2013 के प्रयाग कुंभ मेले में 12,000 करोड़ की कमाई हुई थी
6 लाख से ज्यादा लोगों को काम मिला था
इस बार यह संख्या 2 लाख करोड़ तक बढ़ने की संभावना है
महाकुंभ में होने वाली संभावित खपत
वस्तु रकम
रोजमर्रा की वस्तुएं 2,500 करोड़
पूजा सामग्री 300 करोड़
फूलों की खरीदारी 150 करोड़
ग्रॉसरी 600
करोड़
सब्जियां 300
करोड़
खाद्य तेल 200 करोड़
हाउस होल्ड गुड्स 100 करोड़
दूध व दुग्ध उत्पाद 800 करोड़
हीटर, ब्लोअर 10 करोड़
जलाने वाली लकड़ी 10 करोड़
गंगाजल के लिए जेरीकेन 15 करोड़
हॉस्पिटैलिटी 500 करोड़
किराये पर कार 50 करोड़
जब
वस्तुओं की मांग तेजी से होती है तो धन का प्रवाह बढ़ता है। ऐसे में आर्डर बढ़ते
हैं। उद्यमियों को भी जल्दी उन्हें पूरा करना होता है, इससे रोजगार भी बढ़ते हैं। यह पूरे अर्थ चक्र को तेज कर
देता है।
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