दुनिया में सबसे बड़े धार्मिक
आयोजन महाकुंभ 2024 में
हर रोज लाखों
श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। पिछले दो-तीन दिनों से यहां पर आने वाले
श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। महाकुंभ में आने वाले
श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रयागराज में स्थित बड़े हनुमान जी मंदिर में भी दर्शन
कर रहे हैं। महाकुंभ
में पहली बार पूर्वोत्तर का शिविर लगाया गया है जिससे बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर
के श्रद्धालु महाकुंभ का हिस्सा बन रहे हैं। पूर्वोत्तर के सुदूर क्षेत्रों से आए
संत महात्मा मौनी अमावस्या पर अखाड़ों के साथ पहली बार अमृत स्नान करेंगे। मौनी
अमावस्या पर आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए
व्यापक प्रबंध किए गए हैं। लगभग 12 किमी के क्षेत्र में विकसित
सभी 44 घाटों पर स्नान कराने की तैयारी है। घाटों पर एसडीएम के साथ सीओ, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों
को भी लगाया गया है।
महास्नान
को लेकर खास तैयारियां
12 किमी के क्षेत्र में कुल 44 स्नान घाट बनाए गए हैं
11 लाख श्रद्धालु हर घंटे संगम में डुबकी
लगा सकेंगे
10 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के स्नान
करने का अनुमान
10 जिलों के डीएम भी लगाए गए हैं इस
स्नान को लेकर
12 आईएएस और 70 पीसीएस अफसर ड्यूटी में लगे हैं
14 प्रमुख समेत 32 मार्गों से श्रद्धालु महाकुंभ में प्रवेश
पा सकेंगे
30 पांटून पुल बनाए गए हैं श्रद्धालुओं
के आवागमन के लिए
25 सेक्टरों में बसे मेला क्षेत्र के
चप्पे-चप्पे पर प्रशासन की नजर है
2700 सीसीटीवी कैमरों से नजर रखा जा रहा है
2 बड़े
कंट्रोल रूम बनाए गए हैं कुंभ क्षेत्र में
7.5 लाख वाहन क्षमता के बने हैं 105 पार्किंग स्थल
23 जनवरी को महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या ने 10 करोड़ का आंकड़ा पार किया था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार
का अनुमान है कि मौनी अमावस्या में अमृत स्नान के लिए 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ सकते हैं। वहीं पूरे महाकुंभ
के दौरान 45 करोड़
से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान करेंगे। देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में
आस्था की डुबकी लगाने रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु तीर्थराज प्रयागराज
पहुंच रहे हैं।
सीएम
योगी ने मौनी अमावस्या स्नान को लेकर कहा कि मौनी अमावस्या पर किसी तरह की
लापरवाही नहीं होनी चाहिए। किसी भी स्तर पर कोई चूक नहीं होनी चाहिए। देश-विदेश से
आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान दिया जाए। खासतौर संगम तट के घाटों
पर अतिरिक्त फोर्स के साथ ही सीसीटीवी कैमरे के स्क्रीन पर पैनी नजर रखी जाए। संगम
तट के घाट ओवर क्राउड होते ही वहां कंटीजेंसी प्लान लागू कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संगम तट के
घाट पर ही अखाड़ों के साधु-संत और उनके शिष्य स्नान करेंगे, ऐसे में अमृत स्नान के लिए अखाड़ों
के मार्गों पर लगी बैरिकेडिंग व्यवस्था मजबूत करा लें। अखाड़ों के संत-महात्मा
शोभा यात्रा निकालेंगे, जिसमें शामिल
वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग भी दुरुस्त होनी चाहिए। कल 29 जनवरी को मौनी
अमावस्या के दिन महाकुंभ 2025 के दूसरे अमृत स्नान पर उत्तर
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त हैं।
सभी श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए प्रयागराज तैयार है। सरकार और प्रशासन भी पूरी
तरह चुस्त-दुरुस्त होकर काम कर रहे हैं। आस्था की डुबकी लगाने आ रहे श्रद्धालुओं
का स्वागत है..." वहीं उत्तर प्रदेश के
ऊर्जा मंत्री मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि, हमें उम्मीद है कि कल प्रयागराज
में 10-12 करोड़ लोग आएंगे। सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई है। ट्रैफिक
मैनेजमेंट सिस्टम, AI-सक्षम कैमरे, वाटर एटीएम, शौचालय सहित सहित
सभी व्यवस्थाएं शुचारू रूप से कार्यरत हैं।
भारी
भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में सभी बोर्डों के कक्षा 1 से 8 तक के
स्कूल 29 और 30 जनवरी
को बंद रहेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी मौनी अमावस्या के अवसर पर अवकाश
घोषित किया है। यह मेला क्षेत्र त्रिवेणी संगम- गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम के किनारे कई हेक्टेयर
में फैला हुआ है। मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए नो-व्हीकल जोन घोषित कर
दिया गया है। श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा रहा है कि वो सजग
रहें और किसी तरह की अफवाह में न फंसें। व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का सहयोग
करें और किसी भी तरह की समस्या में पुलिस का सहयोग लें। पुलिस और प्रशासन श्रद्धालुओं
की मदद के लिए 24 घंटे उपलब्ध है।
प्रयागराज
संगम स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु रेलवे स्टेशनों पर उमड़ पड़े हैं। दीनदयाल
उपाध्याय और चंदौली रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। प्रशासन और
सुरक्षा बल मुस्तैद हैं, लेकिन
भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। भारतीय रेलवे ने 10,000 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, फिर भी यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
29 जनवरी की सुबह से अमृत स्नान शुरू होगा। इस दौरान साधु-संत
और श्रद्धालु मौन व्रत धारण कर स्नान करेंगे। मौनी अमावस्या से पहले ही अखाड़ों, संतों, रैन बसेरों और शिविरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो
चुकी है। प्रशासन ने अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया है और अलग से घाट बनाए हैं।
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