महाकुंभ में संगम में आज चौथे दिन दोपहर तक 10 लाख से जयादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से अब तक देश-विदेश से आए करीब 6.10 करोड़ श्रद्धालु संगम में
डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ में IRCTC
यानी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म
कॉर्पोरेशन द्वारा तैयार टेंट सिटी 30
जनवरी तक फुल हो गई है। अगर आप अब बुकिंग
करवाते हैं तो आपको फरवरी के पहले सप्ताह का इंतजार करना होगा। टेंट सिटी को लेकर
देश-विदेश में लोगों में क्रेज दिख रहा है। 10
देशों का 21
सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज त्रिवेणी संगम में
पवित्र डुबकी लगाने के लिए अरैल टेंट सिटी पहुंचा।
24 जनवरी को महाकुंभ में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
संगम में स्नान के लिए पहुंचेंगे। बाबा बागेश्वर 3
दिनों तक कथा करेंगे। उनका दरबार लेटे हुए
हनुमान मंदिर के सामने लगेगा। 16
जनवरी से 24
फरवरी तक संस्कृति का महाकुंभ होगा। आज गंगा
पंडाल में बॉलीवुड सिंगर शंकर महादेवन अपनी प्रस्तुति देंगे। यमुना, सरस्वती पंडाल में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम
शुरू हो चुका है। महाकुंभ पर सिंगर
शंकर महादेवन ने कहा- आज मेरा सौभाग्य है कि मुझे महाकुंभ में भाग लेने का अवसर
मिला है। आज मेरा प्रोग्राम है। 144 साल बाद जो
महाकुंभ आया है, उसमें मुझे गाने का मौका मिल रहा है। सभी के जीवन में मुस्कान
हो।
बद्रीनाथ और केदारनाथ की थीम पर बना कैलाशानंद का आश्रम न सिर्फ स्टीव
जॉब्स की पत्नी और मॉडल हर्षा रिछारिया की वजह से चर्चा में है, बल्कि अपने अनोखे थीम से भी लोगों को आकर्षित कर रहा
है। 18 दिनों में इस आश्रम को कोलकाता से आए कारीगरों ने
तैयार किया है। इस आश्रम में मीडिया सेंटर, VIP कॉटेज और एक हॉल बनाया गया है। इसमें 7 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। कैलाशानंद महाराज के 25 देश में फॉलोअर्स हैं,
जो प्रयागराज के कुंभ मेले में भी नजर आ रहे हैं। UAE की सैली एल अजाब ने अपने महाकुंभ अनुभन को बताते हुए कहा- यह एक अद्भुत आयोजन है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है।
यहां हर चीज अलग अंदाज में अच्छी तरह से व्यवस्थित है। सुरक्षा के लिए पुलिस
मुस्तैद है। सरकार ने सब कुछ बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित किया है।
प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के रथ पर बैठने के बाद चर्चा में आई हर्षा
रिछारिया ने संन्यास नहीं लिया है। उनके माता-पिता का कहना है कि मेरी बेटी ने
सिर्फ दीक्षा ली है। जल्द ही उसकी शादी करेंगे। हर्षा की मां किरण ने कहा- बचपन से उसका रुझान अध्यात्म की ओर रहा है। बिना नहाए, पूजा पाठ किए, वह स्कूल नहीं जाती थी। 10 साल की उम्र से ही पूजा-पाठ करने के बाद ही कुछ खाती थी। वहीं हर्षा के
पिता का कहना है कि- हम 2004 में उज्जैन कुंभ में नहाने आए थे। उसके बाद यहीं के होकर रह गए। हर्षा ने BBA की पढ़ाई भी यहीं की। फिर 19 साल की उम्र में वह एंकरिंग की फील्ड में चली गई। हर्षा
रिछारिया से हमारे संवाददाता ने बात कि सुनिए....।
महाकुंभ मेले पर गायक कैलाश खेर ने कहा कि महाकुंभ संगम की चारों ओर चर्चा चल रही है। चारों ओर से बड़ों का
आशीर्वाद मिल रहा है। ये उत्सव ऐतिहासिक है। ये आज के लोगों के लिए पहला और आखिरी
उत्सव है। 144 सालों बाद जो संयोग बना है ये बहुत अद्भुत है।
कुंभ को विज्ञान से जोड़ते हुए कैलाश खेर ने कहा कि भारत ही एक ऐसी सभ्यता है जिसमें हमारे जीने की कला पूरा विज्ञान से जुड़ा
हुआ है। भारत ही एक ऐसी सभ्यता है जहां मानवीय मूल्यों से हम मानवता और प्रकृति को
सिंचित करते हैं। प्रकृति हमें पालती है, हम प्रकृति का ध्यान रखते हैं। भक्ति गायक मैथिली ठाकुर भी महाकुंभ में पहुंची हुई
हैं...मैथली ने कहा कि, "144 साल बाद महाकुंभ हो रहा है। यहां आना बड़े सौभाग्य की बात है। आज मैं अपने
भजनों के साथ यहां सेवा में रहूंगी..."
ज्योतिष्पीठाधीश्वर
जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सानिध्य में प्रयागराज के सेक्टर
19 में 324 कुंडीय गौ प्रतिष्ठा यज्ञ आज से शुरू
हो चुका है। हजारों लोगों की मौजूदगी में गोमाता के जयकारों से पूरा पांडाल गूंज
उठा। सैकड़ों छोटे बच्चों ने धोती-कुर्ते में परमाराध्य का स्वागत किया। कुंभ क्षेत्र में सबसे बड़ी
यज्ञशाला में 324
कुंडीय यज्ञ 1100 विद्वान पंडितों के द्वारा संपन्न
होगा। इसमें एक माह में सवा दो करोड़ से ज्यादा आहुतियां दी जाएंगी। शंकराचार्य ने कहा- हमारे देश के 543 सांसद यहां आएं और इस यज्ञशाला की
परिक्रमा करें और कुंभक्षेत्र में जो सनातन के अनुयायियों का सबसे बड़ा पर्व है।
इसमें घोषणा करें कि हम गोमाता को राष्ट्र माता बनाने के लिए प्रयास करेंगे।
महाकुंभ
को लेकर रेलवे लगातार अपनी तैयारियों को आगे बढ़ाता जा रहा है, जिससे यात्रियों को कोई दिक्कत न हो।
इसी क्रम में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन ने श्रद्धालुओं के टिकट के लिए विशेष
व्यवस्था की है। इससे सामान्य श्रद्धालुओं के साथ दिव्यांगों को भी बड़ी राहत देने
वाला है। रेलवे स्टेशन पर मोबाइल यूटीएस मशीन की व्यवस्था लागू की गई है। इस
सुविधा के तहत श्रद्धालुओं तक ख़ुद पहुंच कर उनका टिकट काटा जाएगा। इससे उन्हें
लंबी लाइन में लगना नहीं होगा। वाराणसी महाकुंभ को लेकर रेलवे ने
खास तैयारी की है। इसमें आश्रय हॉल के साथ साथ टिकट के सुविधा के लिए भी कई कदम
उठाए हैं। इन्हीं में से एक है मोबाइल टिकट मशीन है। जिसकी सहायता से यात्रियों और
श्रद्धालुओं को टिकट के लिए भटकना और लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी।
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने कहा,
"महाकुंभ एक सभ्यता है, जिसे आपको चुकना
नहीं चाहिए, खासकर अगर आप भारत में पैदा हुए हैं तो आपको महाकुंभ में जरूर
शामिल होना चाहिए। आप धार्मिक हो या नहीं, आप आध्यात्मिक हो
या नहीं, आप मुक्ति चाहते हो या नहीं...आप कोई भी हो... आपको महाकुंभ में
जरूर शामिल होना चाहिए, यह एक ऐसी घटना है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है।"
महाकुम्भ में 16 जनवरी से 24 फरवरी तक 'संस्कृति का महाकुम्भ' होगा।
मुख्य
मंच गंगा पंडाल का होगा, जिसमें देश के नामचीन कलाकार भारतीय संस्कृति का प्रवाह करेंगे।
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