डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है। इसके साथ ही उन्होंने कई मुकदमों, दो महाभियोग और दो बार जानलेवा हमले का सामना
करने के बाद अमेरिका की सत्ता में आश्चर्यजनक वापसी की पटकथा लिखी। कड़काड़ाती ठंड
के कारण 40
वर्षों में पहली बार
अमेरिकी राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल हिल के अंदर आयोजित हुआ। जेडी वेंस
ने उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। डोनाल्ड ट्रंप के इनागुरेशन डे इवेंट में अरबपतियों, उद्योगपतियों, उनकी कैबिनेट के सदस्यों और अमेरिका के पूर्व
राष्ट्रपतियों सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
ट्रम्प
ने सत्ता संभालते ही देश से लेकर विदेश तक अमेरिकी नीतियों में कई बड़े बदलाव किए
हैं। शपथ के बाद 30
मिनट के भाषण
में डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी के तहत दूसरे देशों पर टैरिफ लगाने
की बात कही। साथ हीं अमेरिका में केवल महिला और पुरुष जेंडर को मान्यता देने का
ऐलान किया। जो इस वक्त अमेरिका में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। ट्रम्प
ने कहा- आज से अमेरिकी सरकार के लिए सिर्फ दो जेंडर होंगे पुरुष और महिला। मैं सभी
सरकारी सेंसरशिप को तुरंत रोकने और अमेरिका में अभिव्यक्ति की आजादी को बहाल करने
के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करूंगा। ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान
ट्रांसजेंडर समुदाय के खिलाफ बयान दिए थे। ट्रम्प के रक्षा मंत्री पिट हेगसेथ का
कहना था कि सेना में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स को शामिल करने से अमेरिका की
सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है।
ट्रम्प
ने देश में अवैध प्रवासियों की एंट्री बैन करने और अवैध प्रवासियों को पकड़ कर
बॉर्डर पर छोड़ने की पॉलिसी खत्म करने की बात कही है। ट्रम्प
ने कहा- बाइडेन प्रशासन ने हमारे देश में अवैध रूप से एंट्री करने वाले खतरनाक
अपराधियों को शरण दी है और उनकी हिफाजत की है। अमेरिका में
दुनिया के सबसे ज्यादा अप्रवासी हैं। दुनिया के कुल 20% अप्रवासी अमेरिका में ही रहते हैं। 2023 तक यहां रहने वाले अप्रवासियों की
कुल संख्या 4.78
करोड़ थी।
ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अवैध तरीके से अमेरिका में घुसकर अपराध
करते हैं। राष्ट्रपति
पद की शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की दक्षिणी सीमा
पर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा की। अमेरिका की दक्षिणी सीमा मेक्सिको से लगती है।
अमेरिका को मेक्सिको बॉर्डर से बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों के घुसपैठ का सामना
करना पड़ता है।
अमेरिका
में अवैध प्रवासियों की स्थिति
देश संख्या
मेक्सिको 1.07 करोड़
भारत 28 लाख
चीन 22 लाख
फिलीपींस 20 लाख
अल
सल्वाडोर 14 लाख
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीतने के बाद से ही
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को घुसपैठिया बताते रहे हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति पद
की शपथ लेने के बाद ही अमेरिकी सीनेट ने अवैध अप्रवास को लेकर बिल पास किया। इस
विधेयक को 64-35 से पारित किया गया। इस विधेयक को लैकेन रिले एक्ट नाम
दिया गया है। 2007 से 2021 तक दुनिया के लगभग हर क्षेत्र में अमेरिका में अवैध तरीके से
प्रवेश करने वाले अप्रवासियों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी हुई है।
अमेरिका में कहां ज्यादा रहती है अवैध प्रवासी आबादी
अमेरिकी शहर
कुल अवैध प्रवासी
कैलिफोर्निया 19 लाख
फ्लोरिडा 09 लाख
न्यूयॉर्क 06 लाख
न्यू जर्सी
4.5 लाख
इलिनोइस 04 लाख
ट्रम्प
ने अमेरिका-मेक्सिको के दक्षिणी बॉर्डर पर इमरजेंसी लागू कर दी है। यहां
से होने वाली सभी अवैध एंट्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। ट्रम्प सरकार
अपराध करने वाले विदेशियों को उनके देश वापस भेजेगी। US-मेक्सिको बॉर्डर से आने वाले अवैध
प्रवासियों की बढ़ती संख्या अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
ट्रम्प का कहना है कि यहां से अवैध प्रवासी और अपराधी अमेरिका में एंट्री करते
हैं। ट्रम्प इस बॉर्डर पर दीवार बनाने की बात भी कह चुके हैं।
ट्रम्प
ने पनामा नहर को वापस लेने की भी घोषणा कर दी है। ट्रम्प ने कहा कि इस नहर की वजह
से हमारे साथ बहुत बुरा बर्ताव किया गया है। इसे कभी गिफ्ट के तौर पर पनामा देश को
नहीं दिया जाना चाहिए था। आज चीन पनामा नहर ऑपरेट कर रहा है। हमने इसे चीन को नहीं
दिया। हमने इसे पनामा देश को दिया। हम इसे वापस लेने जा रहे हैं। इस नहर को अमेरिका ने 1999 में पनामा देश को गिफ्ट किया था, लेकिन इस पर अब चीन का कंट्रोल हो
चुका है और यहां अमेरिकी जहाजों को ज्यादा टैक्स देना पड़ता है।
क्या है पनामा नहर विवाद ?
पनामा मध्य अमेरिका में स्थित एक देश है
यह देश उत्तर और दक्षिण अमेरिका को जोड़ने वाले एक
संकरे भूभाग पर स्थित है
पनामा अपनी गगनचुंबी इमारतों के लिए जाना जाता है
इसे लैटिन अमेरिका का दुबई भी कहा जाता है
पनामा नहर एक मानव निर्मित जलमार्ग है
यह नहर अटलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर से
जोड़ती है
इसकी कुल लंबाई करीब 82 किलोमीटर
औसत चौड़ाई 90 मीटर और न्यूनतम गहराई 12 मीटर है
नहर को पनामा की रीढ़ की हड्डी माना जाता है
नहर का नाम पनामा देश
के नाम पर रखा गया है, यह नहर पनामा देश में है
सबसे पहले 1880 के दशक में फ्रांस ने पनामा नहर बनाने का काम शुरू किया था
टीम को भौगोलिक व जलवायु
चुनौतियां से जूझना पड़ा
मलेरिया और यलो फीवर
बीमारियों के चलते हजारों श्रमिकों की जान चली गई
ऐसे में फ्रांस ने अपनी
कोशिश को विराम दे दिया
इसके बाद, 1904 में अमेरिका ने पनामा नहर के
प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लिया
अमेरिकी इंजीनियरों और
वैज्ञानिकों ने बेहतर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 1914 में
नहर बना दी
नहर को बनाने में बड़ी संख्या
में इंजीनियर, साइंटिस्ट और मजदूर लगे
उस वक्त इस नहर को बनाने 38 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च हुए थे
जब पनामा नहर बनकर तैयार हुई, उसके बाद कई सालों तक इस पर
अमेरिका का कंट्रोल रहा। धीरे-धीरे पनामा में इसका विरोध शुरू हुआ। तब साल 1977
में
अमेरिका और पनामा के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। समझौते में इस बात पर सहमति
बनी कि 1999 तक पनामा नहर का संचालन अमेरिका करेगा। इसके बाद संचालन की जिम्मेदारी पनामा को सौंप दी जाएगी।
ऐसा हुआ भी। 31 दिसंबर, 1999 को पनामा नहर का पूरा कंट्रोल पनामा के पास आ गया। मौजूदा
समय में पनामा नहर का कंट्रोल पनामा सरकार के पास है। इसका संचालन और प्रबंधन
पनामा कैनाल अथॉरिटी करती है।
अमेरिका
के लिए पनामा नहर इतनी अहम क्यों है ?
पनामा के पास जब से इस
नहर का कंट्रोल आया है,
तब से उसके संचालन की
तारीफ होती रही है
हर साल हजारों जहाज इस
नहर से गुजरते हैं,
जिससे पनामा की
अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है
पनामा की सरकार को इस
नहर से सालाना एक अरब डॉलर से ज्यादा की ट्रांजिट फीस मिलती है
पनामा नहर से सबसे ज्यादा
आवाजाही अमेरिकी पोतों की होती है
पनामा कैनाल अथॉरिटी की
मानें तो पनामा नहर से 75%
कारगो या तो अमेरिका
जाते हैं या अमेरिका से आते हैं
हर साल करीब 270 अरब डॉलर का कारोबार इस रूट से होता है
अगर अंतरराष्ट्रीय व्यापार
की बात करें तो महज पांच फीसदी कारोबार पनामा नहर मार्ग से होता है
पनामा नहर को कुशल
इंजीनियरिंग का नतीजा बताया जाता है और वैश्विक व्यापार में इसे क्रांतिकारी बदलाव
के रूप में भी देखा जाता है
कानूनी और राजनीतिक तौर पर अमेरिका के लिए पनामा नहर को अपने
कंट्रोल में लेना आसान नहीं है। साल 1977 में दोनों देशों के बीच हुई
टोरिजोस-कार्टर संधि के तहत अमेरिका ने नहर का पूरा कंट्रोल पनामा को दिया था। अब
अमेरिका को नहर का कंट्रोल अपने हाथ में लेने के लिए पनामा की सहमति और
अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन की आवश्यक होगी। ट्रम्प के बयान के बाद पनामा की भी प्रतिक्र्या आई है। पनामा के राष्ट्रपति जोस
राउल मुलिनो ने डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। मुलिनो ने साफ
किया कि पनामा नहर पनामा के लोगों का है, और रहेगा। पनामा ने पनामा
नहर पर अमेरिका को नियंत्रण देने से इनकार किया है। मुलिनो ने ट्रंप के इस दावे को
भी गलत बताया, जिसमें उन्होंने कहा है कि चीन इस नहर का संचालन कर रहा है।
डोनाल्ड
ट्रम्प ने कहा कि उनकी सरकार ग्रीन न्यू डील को समाप्त कर देगी। ग्रीन न्यू डील
में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने की बात की गई है। इसके साथ ही ट्रम्प ने
इलेक्ट्रिक वाहन की अनिवार्यता को खत्म करने की बात की। ट्रम्प ने कहा कि आप अपनी
पसंद की कार खरीद सकेंगे। ट्रम्प कई बार घोषित रूप से जलवायु परिवर्तन पर
शक जाहिर कर चुके हैं। ट्रम्प ने अमेरिकी हेल्थ सिस्टम की भी आलोचना की। ट्रम्प का
मानना है कि हेल्थ सिस्टम इमरजेंसी में काम नहीं करता है। जबकि इस पर दुनिया में सबसे
ज्यादा पैसा खर्च किया जाता है।
शपथ के बाद ट्रंप के बड़े फैसले
छह जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हुए
हमले के दोषी 1500 लोगों को माफी
ड्रग्स कार्टेल को आतंकी संगठन घोषित किया जाएगा
अवैध तरीके से देश में दाखिल हो रहे लोगों से
अमेरिकी लोगों को बचाया जाएगा
मेक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया
जाएगा
पेरिस क्लाइमेट
एग्रीमेंट से अमेरिका बाहर होगा
संघीय सरकार में मेरिट के आधार पर नियुक्तियां होंगी
सरकारी सेंसरशिप को समाप्त किया जाएगा
अमेरिका में स्वतंत्र भाषण को फिर से बहाल किया
जाएगा
अमेरिका में थर्ड जेंडर अमान्य घोषित
यूएस-मैक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल घोषित
राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा
इलेक्ट्रिक वाहन की अनिवार्यता समाप्त
अमेरिका में जन्म से मिलने वाली नागरिकता खत्म
अमेरिका में टिक टॉक को
75
दिन की संजीवनी
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जो
लोग हमारे उद्देश्य को रोकना चाहते हैं, उन्होंने मेरी आजादी छीनने
और वास्तव में मेरी जान लेने की कोशिश की। कुछ महीने पहले, पेंसिल्वेनिया के एक खूबसूरत
मैदान में, एक हत्यारे की गोली मेरे कान को चीरती हुई निकल गई। लेकिन मुझे
तब भी एहसास था, और अब और भी अधिक विश्वास है, कि मेरी जान किसी कारण से
बची थी। ईश्वर ने मुझे अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए बचाया था। मैं ऐतिहासिक कार्यकारी
आदेशों की एक श्रृंखला पर हस्ताक्षर कर रहा हूं। इसके साथ हम क्रांति की शुरुआत
करेंगे। हम फिर से दुनिया की अब तक की सबसे मजबूत सेना बनाएंगे।
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