30 January 2025

क्या है बजट से आम आदमी को उम्मीदें? बजट सत्र में किन मुद्दों पर होगी चर्चा? केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दी जानकारी, बजट से मिडिल क्लास की ख्वाहिशें होंगी पूरी?

 

एक आम आदमी को क्या चाहिए? इसका जवाब है- रोटी, कपड़ा और मकान... हालांकि, आज के इस महंगाई वाले दौर में तीनों चीजें मिलना किसी चुनौती से कम नहीं है। यूं तो आम जनता हमेशा ही सरकार से कुछ न कुछ राहत की उम्मीदें रखती है, लेकिन केंद्रीय बजट जब आने वाला होता है, तो उसकी इच्छाएं और उम्मीदें और भी बढ़ जाती है। खासकर मिडिल क्लास लोगों की निगाहें, तो इसी पर टिकी रहती हैं कि इस बार वित्त मंत्री के पिटारे से हमारे लिए क्या कुछ खास निकलने वाला है। हर बार की तरह इस बार भी महंगाई और टैक्स का बोझ झेल रहे मिडिल क्लास लोगों को उम्मीद है कि बजट 2025 में उन्हें सरकार कुछ तो राहत देगी। क्योंकि महंगाई दिनों दिन आसमान छूती जा रही है और आम इंसान की जेब पर बोझ बढ़ता ही जा रहा है।

 

बजट 2025 से आम आदमी को उम्मीदें

 

टैक्स में राहत मिलने की आशा

सरकार टैक्स फ्री इनकम की लिमिट को बढ़ा सकती है

मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर स्लैब में बदलाव

हाउसिंग लोन पर ब्याज में कटौती की सीमा बढ़ने की उम्मीद

NPS की अतिरिक्त कटौती सीमा 50,000 से बढ़ाकर 1,00000 होने की उम्मीद

टियर-2 शहरों के लिए HRA में सुधार

धारा 80D के तहत स्वास्थ्य देखभाल पर कटौती

PF ब्याज पर TDS में बदलाव की उम्मीद

वरिष्ठ नागरिकों को उच्च छूट सीमा की उम्मीद

टैक्स-सेविंग FD जैसे वित्तीय साधनों में निवेश को प्रोत्साहन की उम्मीद


देश फिलहाल कमजोर आर्थिक ग्रोथ, गिरते रुपए और दुनिया में चल रही उठापटक से जूझ रहा है, तो ऐसे में ये और भी अहम हो जाता है कि बजट में इस बार ऐसे क्या उपाय किए जाएं, जो आम जनता और खास मध्य वर्ग के लोगों के लिए राहत लेकर आएं। नौकरी पेशा लोगों के हालात तो और भी ज्यादा खराब है, क्योंकि कमाई में जो भी थोड़ी बहुत बढ़त हुई है, वो महंगाई के मुकाबले बहुत कम है। इसी के चलते कई लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है और लाइफ स्टाइल में गिरावट भी आ रही है। ऐसे में सरकार से यही उम्मीदें हैं कि इस बार बजट में कुछ ऐसे उपाय किए जाएं, जिससे खाने-पीने की चीजों की कीमत, पेट्रोल-डीजल, गैस और दूसरे जरूरी सामान कुछ सस्ते हैं और लोगों की पहुंच के भीतर हो।

 

आज के समय में हेल्थ और एजुकेशन ये दो एरिया ऐसे हैं, जहां किसी भी आम इंसान को न चाहते हुए भी मजबूरी में बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है। सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख का मुफ्त इलाज दिया है, लेकिन फिर भी मेडिकल खर्च तो कहीं ज्यादा ही बैठता है। ऐसे में सरकार को प्राइवेट अस्पतालों पर नकेल कसनी चाहिए और साथ ही सरकारी हेल्थ सर्विस में सुधार पर भी ध्यान देना होगा। इसलिए आम बजट से इस बार यही उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को काबू करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।

 

रोटी और कपड़ा के अलावा मिडिल क्लास की और बड़ी जरूरत है घर। कहते हैं घर बनाने में पूरी उम्र बीत जाती है। ऐसे महंगाई को घर बनाने की सोचे भी और उसके लिए लोन ले भी, तो उस पर ब्याज बहुत ज्यादा होता है। होम लोन पर लगने वाले ब्याज की दर काफी ऊंची हैं। इसलिए बजट में मिडिल क्लास को और उम्मीद यही है कि सरकार कोई ऐसा कदम उठाए की होम लोन पर लगने वाला इंटरेस्ट रेट कम हो, ताकि मिडिल क्लास अपने घर का सपना पूरा कर सके।

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