एक आम आदमी को क्या चाहिए? इसका जवाब है- रोटी, कपड़ा और मकान... हालांकि, आज के इस महंगाई वाले दौर में तीनों
चीजें मिलना किसी चुनौती से कम नहीं है। यूं तो आम जनता हमेशा ही सरकार से कुछ न
कुछ राहत की उम्मीदें रखती है, लेकिन
केंद्रीय बजट जब आने वाला होता है, तो
उसकी इच्छाएं और उम्मीदें और भी बढ़ जाती है। खासकर मिडिल क्लास लोगों की निगाहें, तो इसी पर टिकी रहती हैं कि इस बार
वित्त मंत्री के पिटारे से हमारे लिए क्या कुछ खास निकलने वाला है। हर बार की तरह इस बार भी महंगाई और
टैक्स का बोझ झेल रहे मिडिल क्लास लोगों को उम्मीद है कि बजट 2025 में उन्हें सरकार कुछ तो राहत देगी।
क्योंकि महंगाई दिनों दिन आसमान छूती जा रही है और आम इंसान की जेब पर बोझ बढ़ता
ही जा रहा है।
बजट 2025 से आम आदमी को उम्मीदें
टैक्स में राहत मिलने की आशा
सरकार टैक्स फ्री इनकम की लिमिट को बढ़ा
सकती है
मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर
स्लैब में बदलाव
हाउसिंग लोन पर ब्याज में कटौती की सीमा
बढ़ने की उम्मीद
NPS की अतिरिक्त कटौती सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00000 होने की उम्मीद
टियर-2 शहरों के लिए HRA में सुधार
धारा 80D के तहत स्वास्थ्य देखभाल पर कटौती
PF ब्याज पर TDS में बदलाव की उम्मीद
वरिष्ठ नागरिकों को उच्च छूट सीमा की उम्मीद
टैक्स-सेविंग FD जैसे वित्तीय साधनों में निवेश को प्रोत्साहन की उम्मीद
देश फिलहाल कमजोर आर्थिक ग्रोथ, गिरते रुपए और दुनिया में चल रही
उठापटक से जूझ रहा है, तो ऐसे में ये और भी अहम हो जाता है कि
बजट में इस बार ऐसे क्या उपाय किए जाएं, जो
आम जनता और खास मध्य वर्ग के लोगों के लिए राहत लेकर आएं। नौकरी पेशा लोगों के
हालात तो और भी ज्यादा खराब है, क्योंकि
कमाई में जो भी थोड़ी बहुत बढ़त हुई है, वो
महंगाई के मुकाबले बहुत कम है। इसी के चलते कई लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्चों
में कटौती करनी पड़ रही है और लाइफ स्टाइल में गिरावट भी आ रही है। ऐसे में सरकार
से यही उम्मीदें हैं कि इस बार बजट में कुछ ऐसे उपाय किए जाएं, जिससे खाने-पीने की चीजों की कीमत, पेट्रोल-डीजल, गैस और दूसरे जरूरी सामान कुछ सस्ते
हैं और लोगों की पहुंच के भीतर हो।
आज के समय में हेल्थ और एजुकेशन ये दो
एरिया ऐसे हैं, जहां किसी भी आम इंसान को न चाहते हुए
भी मजबूरी में बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है। सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के
तहत 5 लाख का मुफ्त इलाज दिया है, लेकिन फिर भी मेडिकल खर्च तो कहीं
ज्यादा ही बैठता है। ऐसे में सरकार को प्राइवेट अस्पतालों पर नकेल कसनी चाहिए और
साथ ही सरकारी हेल्थ सर्विस में सुधार पर भी ध्यान देना होगा। इसलिए आम बजट से इस
बार यही उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को काबू
करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
रोटी और कपड़ा के अलावा मिडिल क्लास की
और बड़ी जरूरत है घर। कहते हैं घर बनाने में पूरी उम्र बीत जाती है। ऐसे महंगाई को
घर बनाने की सोचे भी और उसके लिए लोन ले भी, तो
उस पर ब्याज बहुत ज्यादा होता है। होम लोन पर लगने वाले ब्याज की दर काफी ऊंची
हैं। इसलिए बजट में मिडिल क्लास को और उम्मीद यही है कि सरकार कोई ऐसा कदम उठाए की
होम लोन पर लगने वाला इंटरेस्ट रेट कम हो, ताकि
मिडिल क्लास अपने घर का सपना पूरा कर सके।
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